सीकर. 'प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना' के नाम पर इन दिनों Social Media पर जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है. किसानों से कई वेबसाइट के जरिए आवेदन भी मांगे जा रहे हैं. जबकि केंद्र सरकार की इस नाम की कोई योजना नहीं है और ट्रैक्टर पर कोई अनुदान नहीं मिल रहा है. जबकि इन वेबसाइट पर किसानों से उनके दस्तावेज लिए जा रहे हैं, जिनको काम में लेकर आगे बढ़ा फर्जीवाड़ा किया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक कुछ वेबसाइट इस तरह की चल रही हैं, जिन पर प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना का विज्ञापन चल रहा है. इनमें दावा किया जा रहा है कि किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर सरकार ट्रैक्टर उपलब्ध करवा रही है. जबकि किसानों के लिए कोई भी सरकारी योजना है तो वह या तो कृषि विभाग के जरिए संचालित होती है या फिर बैंकों के पास उसकी गाइडलाइन होती है.
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ऐसे में ना तो बैंक इस तरह की कोई योजना बता रहे हैं और ना ही कृषि विभाग. जबकि इन वेबसाइट पर किसानों को आवेदन करने के बाद उनसे उनके जमीन और बैंक से जुड़े दस्तावेज भी अपलोड करवाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वाले लोग आगे किसानों के दस्तावेजों के आधार पर बड़ा फर्जीवाड़ा कर सकते हैं.
ट्रैक्टर के लिए नहीं मिलता अनुदान
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की योजना में ट्रैक्टर के लिए कोई अनुदान नहीं है. जबकि ट्रैक्टर से चलने वाले कृषि यंत्रों पर सरकार अनुदान देती है. लेकिन वेबसाइट पर ट्रैक्टर दिलाने का झांसा दिया जा रहा है, जो फर्जीवाड़ा है.