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खुलासा: सीकर में लोअर रेला बांध डूब क्षेत्र की करोड़ों की जमीन का फर्जीवाड़ा, 17 करोड़ में दिल्ली की कंपनी को बेची

लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की 126 बीघा जमीन दिल्ली की एक कंपनी को बेची गई है. जिसके बाद करोड़ों की जमीन को फर्जीवाड़े से बेचने का मामला सामने आया है. इस गबन के खुलासे के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है.

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Published : Nov 1, 2019, 5:59 PM IST

Lower Raila Dam land, लोअर रेला बांध

सीकर. जिले के पाटन इलाके के लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़े से बेचने का मामला सामने आया है. दिल्ली की कंपनी को यह जमीन 17 करोड़ रुपए में बेची गई है. जिसके आरोप ग्रामदान सभा के अध्यक्ष पर ये आरोप है. जबकि जमीन राजस्व रिकॉर्ड में राव राजा पाटन के नाम से दर्ज थी. मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की 126 बीघा जमीन दिल्ली की एक कंपनी को बेची गई है. यह जमीन राव राजा के नाम से दर्ज थी. जिसे सीलिंग एक्ट से बचाने के लिए 189 विक्रय पत्र तैयार किया गया था. साल 1961 में जमीन रामनिवास नाम के व्यक्ति के नाम दर्ज हुई थी. फिर साल 1975 में इस जमीन का रिकॉर्ड ग्रामदान सभा की ओर से संधारित किया गया और तब से जमीन खाली पड़ी थी.

लोअर रेला बांध डूब क्षेत्र की करोड़ों की जमीन का फर्जीवाड़ा

पढ़ें- जोधपुरः फर्जी सीए की आईडी से 3 करोड़ और कंपनी बना 30 करोड़ की जीएसटी का किया गबन, अब हुआ गिरफ्तार

अब राजस्व विभाग और तहसीलदार ग्रामदान सभा के रिकॉर्ड का संधारण कर रहे हैं. तब यह सामने आया कि इस जमीन को ग्राम धान सभा के अध्यक्ष ने सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति के बिना ही अपने परिवार के नाम नामांतरण करके धोखाधड़ी से बेच दिया. जबकि इस जमीन पर बाल से निकलने वाली तीन नहरे भी बनी हुई है. मामला सामने आने के बाद तहसीलदार ने इस जमीन को सरकारी घोषित करने के लिए कलेक्टर से मार्गदर्शन मांगा है. तहसीलदार बृजेश गुप्ता का कहना है कि रिकॉर्ड का संधारण करते वक्त यह सामने आया कि डूब क्षेत्र के जमीन का विचार किया गया है. इस डूब क्षेत्र में फसल भी की गई है.

कंपनी ने दर्ज कराया मुकदमा
जमीन को फर्जीवाड़े से बेचने की जानकारी मिलने के बाद जिस कंपनी ने जमीन खरीदी है. उसने भी ग्रामदान अध्यक्ष सहित 6 लोगों के खिलाफ पाटन थाने में मामला दर्ज करवाया है. कंपनी ने ग्रामदान अध्यक्ष रामकुमार और तिलोकचंद अरुण चौधरी मनोज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दी है.

पढ़ें- गूगल ने खोली 'पोल' : वन विभाग की भूमि पर कब्जे के 7 हजार से ज्यादा दावे निकले फर्जी

नहीं किया जा सकता बेचान
नियमों के मुताबिक ग्रामदान सभा के पास जो जमीन होती है, उसका बेचान नहीं किया जा सकता. इस जमीन का जो बेचान किया गया है, वह अध्यक्ष राम कुमार ने फर्जी कागजात तैयार कर किया है. प्रशासन के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं. मामले में तहसीलदार का कहना है कि जो भी उच्चाधिकारियों से राय दी जाएगी. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे.

सीकर. जिले के पाटन इलाके के लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़े से बेचने का मामला सामने आया है. दिल्ली की कंपनी को यह जमीन 17 करोड़ रुपए में बेची गई है. जिसके आरोप ग्रामदान सभा के अध्यक्ष पर ये आरोप है. जबकि जमीन राजस्व रिकॉर्ड में राव राजा पाटन के नाम से दर्ज थी. मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की 126 बीघा जमीन दिल्ली की एक कंपनी को बेची गई है. यह जमीन राव राजा के नाम से दर्ज थी. जिसे सीलिंग एक्ट से बचाने के लिए 189 विक्रय पत्र तैयार किया गया था. साल 1961 में जमीन रामनिवास नाम के व्यक्ति के नाम दर्ज हुई थी. फिर साल 1975 में इस जमीन का रिकॉर्ड ग्रामदान सभा की ओर से संधारित किया गया और तब से जमीन खाली पड़ी थी.

लोअर रेला बांध डूब क्षेत्र की करोड़ों की जमीन का फर्जीवाड़ा

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अब राजस्व विभाग और तहसीलदार ग्रामदान सभा के रिकॉर्ड का संधारण कर रहे हैं. तब यह सामने आया कि इस जमीन को ग्राम धान सभा के अध्यक्ष ने सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति के बिना ही अपने परिवार के नाम नामांतरण करके धोखाधड़ी से बेच दिया. जबकि इस जमीन पर बाल से निकलने वाली तीन नहरे भी बनी हुई है. मामला सामने आने के बाद तहसीलदार ने इस जमीन को सरकारी घोषित करने के लिए कलेक्टर से मार्गदर्शन मांगा है. तहसीलदार बृजेश गुप्ता का कहना है कि रिकॉर्ड का संधारण करते वक्त यह सामने आया कि डूब क्षेत्र के जमीन का विचार किया गया है. इस डूब क्षेत्र में फसल भी की गई है.

कंपनी ने दर्ज कराया मुकदमा
जमीन को फर्जीवाड़े से बेचने की जानकारी मिलने के बाद जिस कंपनी ने जमीन खरीदी है. उसने भी ग्रामदान अध्यक्ष सहित 6 लोगों के खिलाफ पाटन थाने में मामला दर्ज करवाया है. कंपनी ने ग्रामदान अध्यक्ष रामकुमार और तिलोकचंद अरुण चौधरी मनोज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दी है.

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नहीं किया जा सकता बेचान
नियमों के मुताबिक ग्रामदान सभा के पास जो जमीन होती है, उसका बेचान नहीं किया जा सकता. इस जमीन का जो बेचान किया गया है, वह अध्यक्ष राम कुमार ने फर्जी कागजात तैयार कर किया है. प्रशासन के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं. मामले में तहसीलदार का कहना है कि जो भी उच्चाधिकारियों से राय दी जाएगी. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे.

Intro:
सीकर
जिले के पाटन इलाके के लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़े से बेचने का मामला सामने आया है। दिल्ली के कंपनी को यह जमीन 17 करोड रुपए में बेची गई है ग्रामदान सभा के अध्यक्ष पर ये आरोप है। जब किया जमीन राजस्व रिकॉर्ड में राव राजा पाटन के नाम से दर्ज थी। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
Body:जानकारी के मुताबिक लोअर रेला बांध के डूब क्षेत्र की 126 बीघा जमीन दिल्ली की एक कंपनी को बेची गई है। यह जमीन राव राजा के नाम से दर्ज थी जिसे सीलिंग एक्ट से बचाने के लिए 189 विक्रय पत्र तैयार किया गया था। 1961 में जमीन रामनिवास नाम के व्यक्ति के नाम दर्ज हुई थी। 1975 में इस जमीन का रिकॉर्ड ग्रामदान सभा के द्वारा संधारित किया गया और तब से जमीन खाली पड़ी थी। अब राजस्व विभाग और तहसीलदार ग्रामदान सभा के रिकार्ड का संधारण कर रहे हैं तब यह सामने आया कि इस जमीन को ग्राम धान सभा के अध्यक्ष ने सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति के बिना ही अपने परिवार के नाम नामांतरण करके धोखाधड़ी से बेच दिया। जबकि इस जमीन पर बाल से निकलने वाली तीन नहरे भी बनी हुई है। मामला सामने आने के बाद तहसीलदार ने इस जमीन को सरकारी घोषित करने के लिए कलेक्टर से मार्गदर्शन मांगा है। तहसीलदार बृजेश गुप्ता का कहना है कि रिकॉर्ड का संधारण करते वक्त यह सामने आया कि डूब क्षेत्र के जमीन का विचार किया गया है। इस डूब क्षेत्र में फसल भी की गई है।

कंपनी ने दर्ज कराया मुकदमा
जमीन को फर्जीवाड़े से बेचने की जानकारी मिलने के बाद जिस कंपनी ने जमीन खरीदी है उसने भी ग्रामदान अध्यक्ष सहित छह लोगों के खिलाफ पाटन थाने में मामला दर्ज करवाया है। कंपनी ने ग्रामदान अध्यक्ष रामकुमार और तिलोकचंद अरुण चौधरी मनोज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दी है।
नहीं किया जा सकता बेचान
नियमों के मुताबिक ग्रामदान सभा के पास जो जमीन होती है उसका पहचान नहीं किया जा सकता। इस जमीन का जो बेचैन किया गया है वह अध्यक्ष राम कुमार ने फर्जी कागजात तैयार कर किया है प्रशासन के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। मामले में तहसीलदार का कहना है कि जो भी उच्चाधिकारियों से राय दी जाएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।




Conclusion:बाईट
1 बृजेश कुमार तहसीलदार नीमकाथाना
2 रामकुमार, शिकायतकर्ता सदस्य
3 प्रभु दयाल, सरपंच
4 राम कुमार, अध्यक्ष ग्राम दान सभा
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