सीकर. 'हेलो फ्रेंड्स मैं हूं नैना और स्वागत है आपका हमारे इस मसालेजार शो में जिसमें आज मैं आपको सुनाउंगी आपके पसंदीदा गाने और करूंगी ढेर सारी बातें'...सीकर के कम्युनिटी रेडियो सेंटर चैनल पर आने वाली ये आवाज आज सीकर के युवाओं और महिलाओें की पसंद बन गई है. लोगों को ताजगी से भर देने वाली ये आवाज है सीकर जिले में कक्षा आठ की छात्रा नैना की. जी हां, लॉकडाउन में स्कूल बंद हुए तो नैना ने निरंतर अभ्यास कर कम्युनिटी एफएम रेडियो सेंटर में रेडियो जॉकी के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया.
14 साल की नैना कोरोना काल में घर पर ही रही. नैना के पिता का सीकर में कम्युनिटी रेडियो सेंटर चलता है. कुछ दिन घर पर रहने के बाद जब उसका मन नहीं लगा तो वह भी कम्युनिटी एफएम रेडियो सेंटर जाने लगी. लॉकडाउन के दौरान वहां काम करने वाले ज्यादातर रेडियो जॉकी अपने घरों को जा चुके थे और इसे संभालने वाला भी कोई नहीं था. ऐसे में नैना के अंदर रेडियो जॉकी बनने की इच्छा तीव्र हो गई और उसने माइक पर अभ्यास करना शुरू कर दिया.
यह भी पढ़ें: Special : नन्हे हाथों का बड़ा कमाल, फोटोग्राफी में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ खोरवी का नाम
घर पर किया कड़ा अभ्यास
उसने देश भर के कई आरजे के ऑडियो मंगवाए और उन्हें सुनने लगी. इसके साथ-साथ घर पर और रेडियो सेंटर में जाकर प्रैक्टिस करने लगी. कुछ ही दिन में वह एक प्रोफेशनल आरजे की तरह बोलने लगी और खुद ही अपनी स्क्रिप्ट भी एडिट करने लग गई. रेडियो सेंटर में काम करने वाले उसका हौसला बढ़ाने लगे और करीब 4 महीने की मेहनत के बाद अब वह रेडियो पर शो करने लगी. फिलहाल उसका हर दिन प्रोग्राम चलता है जिसका नाम है हेलो वीमेनया। नैना का कहना है कि उसने कुछ ही दिन में बोलना सीख लिया था और अब तो पूरा प्रोग्राम हुआ खुद करती है.
बड़े रेडियो सेंटर में करना चाहती है काम
नैना का कहना है कि फिलहाल वह भले ही कम्युनिटी एफएम रेडियो में काम कर रही है लेकिन उसका सपना है कि वह देश के बड़े रेडियो सेंटर में बड़े-बड़े आरजे के साथ काम करें. उसका कहना है कि उसे अभी पढ़ाई भी करनी है क्योंकि महज आठवीं कक्षा में पढ़ती है, लेकिन इसके साथ-साथ वह यह काम भी जारी रखेगी.