नागौर. पीलवा थाना पुलिस पर ब्याज माफिया से मिलीभगत के आरोप लगे हैं. दरअसल, पीलवा थाना इलाके में बीते 25 अगस्त को मेघाराम नाम के शख्स ने आत्महत्या की थी. उसके बाद मामले में पुलिस की लचर जांच पर परिजनों ने सवाल उठाए हैं. परिजनों ने पीलवा थाना पुलिस पर जांच में कोताही बरतने के आरोप लगाते हुए नागौर जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है.
पीलवा के कालेटड़ा निवासी हीराराम ने ज्ञापन के जरिए बताया है कि कालेटड़ा इलाके में रहने वाले मेघाराम ने जवरीलाल से ब्याज पर रुपए उधार लिए थे. इसके बाद ब्याज माफिया जवरीलाल से परेशान होकर उसके भतीजे मेधाराम ने जान दे दी. सूदखोर जवरीलाल के खिलाफ उन्होंने पीलवा थाना में धारा- 384 और 306 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. परिजनों का कहना है कि उन्होंने पीलवा थाना पुलिस को सुसाइड नोट और मृतक की कॉल डिटेल की सीडी जांच के लिए सौंपी थी. मगर पुलिस ने अभी तक प्रभावी कार्रवाई नहीं की है.
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मृतक के चाचा हीराराम का कहना है कि जिस समय रुपए लिए, उस समय तो ब्याज दर सही थी. लेकिन बाद में ब्याज दर बढ़ाना शुरू कर दिया और ज्यादा से ज्यादा पैसा मांगने लगे. इसके बाद जवरीलाल, मृतक की बाइक छीनकर ले गया. इससे तंग आकर आखिरकार भतीजे मेघाराम ने कुएं में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली. परिजनों की शिकायत पर जवरीलाल के खिलाफ मामला दर्जकर लिया गया था. मगर पीलवा थाना पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई नहीं की. अब परिजनों ने एसपी को परिवाद दिया है.
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वहीं नागौर जिला पुलिस अधीक्षक श्वेता धनकड़ ने बताया कि मामले में जांच जारी है. मृतक का सुसाइड नोट FSL जांच के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि नागौर में मेघाराम की नहीं, बल्कि हजारों लोगों की यही कहानी है. वे ब्याज माफियाओं के चंगुल में फंसे हैं. जिले भर में जरूरतमंद लोग बिना लाइसेंस ब्याज पर पैसे देकर आठ से 10 गुना तक वसूलने वाले सूदखोरों के आंतक से परेशान हैं. पुलिस की मिलीभगत से धंधा करने वाले इन लोगों के खिलाफ यदि कोई एफआईआर दर्ज करना चाहे तो या तो वे दर्ज नहीं होती और हो जाए तो एफआर लगना तय है.