नागौर. जिला मुख्यालय पर तेलीवाड़ा इलाके के 100 से ज्यादा घरों के तहखानों में पानी भरने की समस्या से लोग परेशान हैं. उनका कहना है कि पेयजल सप्लाई की पुरानी लाइनों में लीकेज के कारण पानी रिसकर तहखानों में पहुंच रहा है. इसके साथ ही शहर के कई कॉलोनियां और मोहल्ले ऐसे हैं. जिनमें अमृत योजना के तहत पेयजल सप्लाई के लिए नई लाइन तक नहीं बिछाई गई है.
ऐसे में शहर के लोग कम दबाव से पेयजल आपूर्ति, गंदे पानी की आपूर्ति और लाइनों में रिसाव के कारण मकानों को नुकसान जैसी समस्याओं के कारण आए दिन परेशान हो रहे हैं. इन सब हालात के बीच शहर में पेयजल सप्लाई का जिम्मा संभालने वाली नगर परिषद तकनीकी अधिकारियों के रिक्त पदों की समस्या से जूझ रही है.
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दरअसल, नागौर प्रदेश के उन शहरों में शामिल है. जहां शहरी आबादी को पानी पिलाने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है. इसके चलते पीएचईडी के शहरी कार्यालय में कार्यरत स्टाफ भी नगर परिषद के अधीन ही आता है. इस कार्यालय में एक सहायक अभियंता और दो कनिष्ठ अभियंता के पद स्वीकृत होने के बाद भी तीनों पड़ रिक्त हैं.
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पीएचईडी के एक सहायक अभियंता का चार्ज नगर परिषद के एईएन को दिया गया है. जबकि, कनिष्ठ अभियंता का चार्ज फिटर को दिया हुआ है. इसके चलते न तो शहर में नई पाइप लाइन बिछाने का काम हो पा रहा है और न ही शहरवासियों की पेयजल सप्लाई से संबंधित समस्याओं का समाधान समय पर हो रहा है. इस संबंध में नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष ओमप्रकाश सांखला ने नगर परिषद प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि इस मामले में परिषद के अधिकारी सरकार के निर्देशों की भी अवहेलना कर रहे हैं.