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नागौर में प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेला का समापन

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Published : Feb 27, 2021, 7:25 PM IST

प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेले का शनिवार को विधिवत रूप से समारोह पूर्वक समापन किया गया. इस मौके पर अतिथि के रूप में पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने पशु पालकों और व्यापारियों को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि पशुपालन परम्पराएं सदियों से चली आ रही हैं और ये परम्पराएं लुप्त न हो जाएं, इसके लिए पशु मेलों को बढावा दें.

Animal Fair in Nagaur concludes, Animal Fair in Rajasthan
नागौर में प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेला का समापन

नागौर. प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेले का शनिवार को विधिवत रूप से समारोह पूर्वक समापन किया गया. इस मौके पर अतिथि के रूप में पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने शिरकत की. इस मौके पर पशु पालकों और व्यापारियों को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि पशुपालन परम्पराएं सदियों से चली आ रही हैं और ये परम्पराएं लुप्त न हो जाएं, इसके लिए पशु मेलों को बढावा दें, ताकि पशुपालकों का जुड़ाव निरन्तर बना रहे, इसका भरसक प्रयास राज्य स्तर पर किया जाएगा.

नागौर में प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेला का समापन

पशुपालन विभाग की शासन सचिव डाॅ. आरुषि मलिक ने कहा कि मेले हमारी पुरातन लोक संस्कृति के द्योतक हैं, इनका आयोजन नई पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है. डाॅ. आरुषि मलिक ने राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या पर चिंता जताई और कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए उष्ट्र कल्याण एवं समस्या समाधान शिविर लगाए जाएंगे, जिसमें पशुपालक उष्ट्र वंश की वृद्धि के लिए आ रही समस्याओं से निजात पा सकें. उन्होंने 1 फरवरी से पूरे राज्य भर में ढाई हजार से अधिक पशु शिविरों का आयोजन करने की जानकारी दी. जिसमें सैकड़ों पालको को लाभान्वित किया गया.

पढ़ें- हम चार हैं, CI साहब भी...गाड़ी छुड़ानी है तो 20 हजार से एक रुपये भी कम नहीं, रिश्वतखोर कांस्टेबल का Video Viral

राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शासन सचिव डाॅ. मलिक ने बताया कि दुग्ध संकलन के लिए अधिक से अधिक सेंटरों की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए किसान और पशुपालक अपने सुझाव देकर अपने यहां दुग्ध संकलन केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भी दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिला स्तर पशुपालकों का ग्रुप विकसित करेंगे और उस पर आने वाली प्रत्येक समस्या का समाधान करने का भरसक प्रयास किया जाएगा. अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर श्री रामदेव पशु मेले की 211 बीघा भूमि को विकसित करने का आश्वासन दिया गया और कहा कि मेला मैदान को संरक्षित कर इसमें पशुपालकों को मेले के दौरान बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगी.

पढ़ें- धौलपुर-आगरा सीमा पर पुलिस-बदमाशों के बीच मुठभेड़, गोलीबारी में एक घायल

उन्होंने कहा कि श्रीरामदेव पशु मेले में जिस तरह से पशुपालकों का जिला स्तर का कार्यक्रम रखा गया है, उसी तरह राज्य स्तर पर भी पशुपालकों के सम्मान का कार्यक्रम रखा जाएगा. कार्यक्रम में पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने मुख्य अतिथि डाॅ. आरुषि मलिक और कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी दोनों का आभार जताया और कहा कि कोरोना काल में इस वर्ष श्रीरामदेव पशु मेले का आयोजन कठिन था, लेकिन प्रशासन के समय रहते किए गए अथक प्रयासों से इस मेले का आयोजन सम्भव हो पाया.

उन्होंने पशुपालन के महत्व व गाय की उपयोगिता की जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में पारितोषिक वितरण समारोह में पशुपालकों, चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों को सम्मानित किया गया.

श्रीरामदेव पशु मेला में शनिवार को आयोजित पारितोषिक वितरण समारोह में शासन सचिव, पशुपालन डाॅ. आरुषि मलिक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद जवाहर चौधरी व अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार तथा पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने पशुओं से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं से श्रेष्ठ आए पशुपालकों को नगद एवं प्रशंसा पत्र के साथ समृति चिह्न देकर भी सम्मानित किया.

नागौर. प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेले का शनिवार को विधिवत रूप से समारोह पूर्वक समापन किया गया. इस मौके पर अतिथि के रूप में पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने शिरकत की. इस मौके पर पशु पालकों और व्यापारियों को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि पशुपालन परम्पराएं सदियों से चली आ रही हैं और ये परम्पराएं लुप्त न हो जाएं, इसके लिए पशु मेलों को बढावा दें, ताकि पशुपालकों का जुड़ाव निरन्तर बना रहे, इसका भरसक प्रयास राज्य स्तर पर किया जाएगा.

नागौर में प्रदेश स्तरीय बलदेव पशु मेला का समापन

पशुपालन विभाग की शासन सचिव डाॅ. आरुषि मलिक ने कहा कि मेले हमारी पुरातन लोक संस्कृति के द्योतक हैं, इनका आयोजन नई पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है. डाॅ. आरुषि मलिक ने राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या पर चिंता जताई और कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए उष्ट्र कल्याण एवं समस्या समाधान शिविर लगाए जाएंगे, जिसमें पशुपालक उष्ट्र वंश की वृद्धि के लिए आ रही समस्याओं से निजात पा सकें. उन्होंने 1 फरवरी से पूरे राज्य भर में ढाई हजार से अधिक पशु शिविरों का आयोजन करने की जानकारी दी. जिसमें सैकड़ों पालको को लाभान्वित किया गया.

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राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शासन सचिव डाॅ. मलिक ने बताया कि दुग्ध संकलन के लिए अधिक से अधिक सेंटरों की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए किसान और पशुपालक अपने सुझाव देकर अपने यहां दुग्ध संकलन केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भी दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिला स्तर पशुपालकों का ग्रुप विकसित करेंगे और उस पर आने वाली प्रत्येक समस्या का समाधान करने का भरसक प्रयास किया जाएगा. अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर श्री रामदेव पशु मेले की 211 बीघा भूमि को विकसित करने का आश्वासन दिया गया और कहा कि मेला मैदान को संरक्षित कर इसमें पशुपालकों को मेले के दौरान बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगी.

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उन्होंने कहा कि श्रीरामदेव पशु मेले में जिस तरह से पशुपालकों का जिला स्तर का कार्यक्रम रखा गया है, उसी तरह राज्य स्तर पर भी पशुपालकों के सम्मान का कार्यक्रम रखा जाएगा. कार्यक्रम में पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने मुख्य अतिथि डाॅ. आरुषि मलिक और कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी दोनों का आभार जताया और कहा कि कोरोना काल में इस वर्ष श्रीरामदेव पशु मेले का आयोजन कठिन था, लेकिन प्रशासन के समय रहते किए गए अथक प्रयासों से इस मेले का आयोजन सम्भव हो पाया.

उन्होंने पशुपालन के महत्व व गाय की उपयोगिता की जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में पारितोषिक वितरण समारोह में पशुपालकों, चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों को सम्मानित किया गया.

श्रीरामदेव पशु मेला में शनिवार को आयोजित पारितोषिक वितरण समारोह में शासन सचिव, पशुपालन डाॅ. आरुषि मलिक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद जवाहर चौधरी व अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार तथा पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने पशुओं से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं से श्रेष्ठ आए पशुपालकों को नगद एवं प्रशंसा पत्र के साथ समृति चिह्न देकर भी सम्मानित किया.

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