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नागौर: आवास और भवन के लिए आरक्षित भूमि से तहसीलदार ने दिया अतिक्रमण हटाने का निर्देश - encroachment in the case of reserved land

मानासर चौराहे से कॉलेज रोड पर सरकारी आवास और भवन के लिए आरक्षित भूमि में अतिक्रमण करने का मामला सामने आया था. मामले में 31 अक्टूबर को तहसीलदार ओमप्रकाश सोनी ने 24 जगहों पर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. साथ ही जमीन को सरकारी कब्जे लेने के भी आदेश दिए हैं.

nagaur, अतिक्रमण के विरुद्ध फैसला
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Published : Nov 2, 2019, 10:39 PM IST

नागौर. कॉलेज रोड पर सरकारी आवास और भवन के लिए आरक्षित भूमि में अतिक्रमण के मामले में तहसीलदार ने आपना निर्देश दे दिया है. जिसमें भू-अभिलेख निरीक्षक और हल्का पटवारी को 24 अतिक्रमण को 7 दिन में हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

24 अतिक्रमण के विरुद्ध दिया गया फैसला

तत्कालीन जिलाधीश ने दोनों खसरों की 60 बीघा जमीन को आरक्षित किया था, लेकिन नगर पालिका ने कभी इस जमीन को आरक्षित नहीं माना और कब्जा धारियों के कब्जे के नियमन जारी कर दिए. इसी का नतीजा है कि बड़े नेता और सरकारी अधिकारी भी अपने कब्जों का नियमन करा चुके हैं. नगर परिषद द्वारा पट्टे दिए जाने के बाद आरक्षित भूमि से अतिक्रमण हटाना प्रशासन के लिए टेडी खीर बना हुआ था.

पढ़ें: राजस्थान के श्रीगंगानगर में ना'पाक' हरकत, जांच में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां

गौरतलब है कि इस मामले में तहसीलदार ने 31 अक्टूबर को एक निर्णय जारी किया. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकारी आवास और भवन के लिए आरक्षित खसरा नंबर 361 और 369 में अतिकर्मियों के विरुद्ध दर्ज किए गए प्रकरणों में अतिक्रमण को हटाकर कब्जा राज हक में लिया जाएगा. आरआई और पटवारी को दिए गए निर्देश में भूराजस्व अधिनियम 1956 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. मामले में खसरा नंबर 361 और 369 में अतिक्रमण कर बैठे भूराराम पांचाराम, रामदेव पुत्र मंगलाराम नरेंद्र चौधरी और सेठू राम पुत्र भीयाराम सहित कई लोगों को जमीन से हटाया जाएगा.

नागौर. कॉलेज रोड पर सरकारी आवास और भवन के लिए आरक्षित भूमि में अतिक्रमण के मामले में तहसीलदार ने आपना निर्देश दे दिया है. जिसमें भू-अभिलेख निरीक्षक और हल्का पटवारी को 24 अतिक्रमण को 7 दिन में हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

24 अतिक्रमण के विरुद्ध दिया गया फैसला

तत्कालीन जिलाधीश ने दोनों खसरों की 60 बीघा जमीन को आरक्षित किया था, लेकिन नगर पालिका ने कभी इस जमीन को आरक्षित नहीं माना और कब्जा धारियों के कब्जे के नियमन जारी कर दिए. इसी का नतीजा है कि बड़े नेता और सरकारी अधिकारी भी अपने कब्जों का नियमन करा चुके हैं. नगर परिषद द्वारा पट्टे दिए जाने के बाद आरक्षित भूमि से अतिक्रमण हटाना प्रशासन के लिए टेडी खीर बना हुआ था.

पढ़ें: राजस्थान के श्रीगंगानगर में ना'पाक' हरकत, जांच में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां

गौरतलब है कि इस मामले में तहसीलदार ने 31 अक्टूबर को एक निर्णय जारी किया. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकारी आवास और भवन के लिए आरक्षित खसरा नंबर 361 और 369 में अतिकर्मियों के विरुद्ध दर्ज किए गए प्रकरणों में अतिक्रमण को हटाकर कब्जा राज हक में लिया जाएगा. आरआई और पटवारी को दिए गए निर्देश में भूराजस्व अधिनियम 1956 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. मामले में खसरा नंबर 361 और 369 में अतिक्रमण कर बैठे भूराराम पांचाराम, रामदेव पुत्र मंगलाराम नरेंद्र चौधरी और सेठू राम पुत्र भीयाराम सहित कई लोगों को जमीन से हटाया जाएगा.

Intro:नागौर शहर के मानासर चौराहे से कॉलेज रोड पर सरकारी आवास एवं भवन के लिए आरक्षित भूमि मामले में तहसीलदार नागौर ओमप्रकाश सोनी ने 24 अतिक्रमण के विरुद्ध फैसला दिया है। Body:अब जमीन को सरकारी कब्जे में लेने के लिए अतिकर्मियों के विरुद्ध बेदखली का आदेश दिया है। नागौर भूअभिलेख निरीक्षक और हल्का पटवारी को चिन्हित 24 अतिक्रमण को 7 दिन में हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। क्षेत्र के खसरा नंबर 361 और 369 के इस मामले में दर्ज किए गए कुल 91 प्रकरण में 24 प्रकरण में फैसला दिया है। फैसला भी अन्य के विरुद्ध दिया है जिनके कच्चे मकान या बाड़ा बना रखा है आलीशान बिल्डिंगों के मालिक रसूखदारों के विरुद्ध नजर ठंडी रखी है।
तत्कालीन जिलाधीश द्वारा दोनों खसरो की 60 बीधा जमीन को आरक्षित की गई इस जमीन को नगर पालिका या वर्तमान नगर परिषद ने कभी भी आरक्षित नहीं माना। कब्जा धारियों के कब्जे नियमन कर दिए इसी का नतीजा है कि बड़े नेता सरकारी अधिकारी आदि भी अपने कब्जों का नियमन करा चुके हैं। नगर परिषद द्वारा पट्टे दिए जाने के बाद इस आरक्षित भूमि से हटाना प्रशासन के लिए टेडी खीर बना हुआ है।
तहसीलदार ने 31 अक्टूबर को जारी किए निर्णय में बताया कि सरकारी आवास व भवन के लिए आरक्षित खसरा नंबर 361 और 369 में अति कर्मियों के विरुद्ध दर्ज किए गए प्रकरणों में अतिक्रमण को मिलके पर से हटा कर कब्जा राजहक में लिया जाएगा। आर आई और पटवारी को दिए गए निर्देश ने बताया कि भू राजस्व अधिनियम 1956 के तहत दर्ज प्रकरणों के निर्णय अनुसार पालना की कर 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इन लोगों के अतिक्रमण हटाए जाएंगे,
Conclusion:खसरा नंबर 361 और 369 में अतिक्रमण कर बैठे भूराराम पांचाराम, रामदेव पुत्र मंगलाराम नरेंद्र चौधरी सेठू राम पुत्र भीयाराम गीता पत्नी रामचंद्र पन्ना राम पुत्र भिया राम कालूराम पुत्र भीयाराम मोहम्मद आरिफ पुत्र अब्दुल सत्तार हीराराम पुत्र भीयाराम बनवारी पुत्र भीयाराम, धनाराम पुत्र भीयाराम लालचंद पुत्र बलदेव राम लादुराम पुत्र बलदेव राम, मन्ना राम पुत्र छोटू राम अस्त अली खां पुत्र अमरुद खां ओम जी पुत्र गुमाना राम मोहम्मद हनीफ पुत्र जवरूद्दीन नेमाराम पुत्र सोनाराम, भंवर राम पुत्र शंकर राम गरीब राम पुत्र लक्ष्मण राम सिमरत राम पुत्र मल्लाराम प्रहलाद राम पुत्र अनोप राम और अर्जुन राम पुत्र सोनाराम के अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
बाईट निरमला भाटी पटवारी नागौर
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