नागौर. विश्व कैंसर दिवस के मौके पर राजकीय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया. इसमें आमजन को कैंसर के प्रारंभिक लक्षण और बचाव के उपाय के बारे में जानकारी दी गई. राजकीय जेएलएन अस्पताल में कैंसर केयर यूनिट के प्रभारी डॉ. वाईएस नेगी का कहना है कि नागौर में हर साल कैंसर के 100 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. कैंसर केयर यूनिट शुरू होने के बाद यहां करीब 300 मरीजों को कीमोथेरैपी भी दी जा रही है.
डॉ. नेगी का कहना है कि यहां 2017 में कैंसर केयर यूनिट शुरू की गई थी. जिसके तहत यहां आने वाले मरीजों की जांच की जाती है. यदि कोई मरीज संदिग्ध पाया जाता है तो उसे बीकानेर, जोधपुर या जयपुर रैफर किया जाता है. वहां से जो भी कीमोथेरैपी ट्रीटमेंट विशेषज्ञ डॉक्टर बताते हैं. उसके अनुसार मरीज को कीमोथेरैपी दी जाती है.
कीमोथैरेपी के लिए दूसरे शहर जाने की समस्या हुई खत्म
राजकीय जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में कैंसर केयर यूनिट शुरू होने के बाद इस बीमारी के मरीजों को हर बार कीमोथैरेपी के लिए जयपुर, जोधपुर या बीकानेर जाने की समस्या से निजात मिल गई है. इसके साथ ही नागौर में ही मरीजों को दवा भी नि:शुल्क मिल जाती है. ऐसे में इस गंभीर बीमारी के मरीजों को हर बार पांच-छह हजार रुपए के अनावश्यक खर्चे से भी राहत मिल रही है.
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नागौर के राजकीय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में कैंसर केयर यूनिट शुरू करने से पहले एक डॉक्टर और चार नर्सिंगकर्मियों को कीमोथैरेपी देने की ट्रेनिंग दी गई थी. इसके बाद यहां 2017 में कैंसर केयर यूनिट शुरू की गई थी. हालांकि, इस यूनिट में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर का कोई पद नहीं है. ऐसे में यदि कोई मरीज संदिग्ध पाया जाता है तो उसे उपचार के लिए जयपुर, जोधपुर या बीकानेर जाना पड़ता है. ऐसे में यदि यहां विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति हो तो इस गंभीर बीमारी से लड़ रहे मरीजों को थोड़ी राहत मिल सकती है.