नागौर. सुदूर ठंडे प्रदेशों से आने वाले पक्षियों के प्रवास के लिए अब तक सबसे मुफीद मानी जाने वाली सांभर झील बर्ड वाचर्स के लिए स्वर्ग है. यहां 100 से अधिक स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी ना केवल बर्ड वाचर्स को आकर्षित करती है, बल्कि पक्षियों की तस्वीर को अपने कैमरे में कैद करने का शौक रखने वाले फोटोग्राफर्स की भी पसंदीदा जगहों में भी इस जगह को शुमार करती है, लेकिन पिछले दिनों हजारों पक्षियों की मौत की खबर पक्षी प्रेमियों और बर्ड वाचर्स को परेशान कर रही है.
सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग
सांभर फोटो फेस्टिवल में देशभर से आए फोटोग्राफर्स और पक्षी प्रेमियों से ईटीवी भारत ने बात की तो उनकी चिंता साफ नजर आई. इन फोटोग्राफर्स का कहना है कि यहां आने वाले प्रवासी और दुर्लभ श्रेणी के पक्षियों को सुरक्षित प्रवास के माहौल मुहैया करवाने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए. इसके साथ ही स्थानीय लोगों और यहां आने वाले लोगों को भी यह ध्यान रखना होगा कि उनकी गतिविधियों से पक्षियों का प्रवास प्रभावित नहीं हो.
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'सांभर झील एक बड़ा खजाना'
देश के अलग अलग हिस्सों में घूमकर पक्षियों की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करने वाले इन फोटोग्राफर्स का कहना है कि सांभर झील अपने आप में एक बड़ा खजाना है. पक्षियों की फोटोग्राफी के साथ ही प्राकृतिक फोटोग्राफी और स्टार गेजिंग का भी यहां अच्छा माहौल है. इसके साथ ही इको टूरिज्म की भी प्रचुर संभावनाएं हैं. लेकिन, जरूरत सरकार के मजबूत इच्छाशक्ति के साथ प्रयास करने की है. इसके साथ ही स्थानीय लोगों को भी पक्षियों की सुरक्षा के लिए एक अच्छा वातावरण बनाने में योगदान देना होगा.
लंबे समय से यहां आ रहे इन फोटोग्राफर्स का कहना है कि सांभर झील में सर्दियों में 150 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं. जिनमें से कुछ बहुत ही दुर्लभ श्रेणी के हैं, लेकिन पक्षियों के प्रवास वाली जगहों के आस-पास अवांछित गतिविधियों के कारण कई प्रवासी पक्षियों ने यहां आना बंद कर दिया है, जो चिंता का विषय है.