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नागौर में ROB का निर्माण कार्य हो रहा धीरे, आमजन के लिए बन रहा परेशानी का सबब - PIL filed

नागौर के बीकानेर रेलवे फाटक और मानासर रेलवे फाटक पर बन रहे आरओबी का निर्माण की धीमी गति लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है. जिसके चलते नागौर के टैम्पो यूनियन के अध्यक्ष ने जनहित याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्माण करने वाले मेकर्स को दो सप्ताह में शपथ पत्र के साथ पेश होने आदेश दिए हैं.

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Published : Nov 7, 2019, 2:25 PM IST

नागौर. जिले के बीकानेर रेलवे फाटक और मानासर रेलवे फाटक पर बन रहे आरओबी के निर्माण की गति काफी धीमी है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. बता दें कि इसी से परेशान होकर नागौर के टैम्पो यूनियन के अध्यक्ष रूप सिंह ने जनहित याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्माण करने वाले मेकर्स नानक इंजीनियरिंग सर्विस और राष्ट्रीय राजमार्ग को दो सप्ताह में शपथ पत्र के साथ पेश होने आदेश दिए है.

नागौर में ROB निर्माणधीन में लेटलतीफी

बता दें कि आरओबी निर्माण कार्य काफी दिन पहले शुरू हो गया था, लेकिन आज तक इस रोड पर चलने के लिए न तो सर्विस लाइन बनाई गई है और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई दूसरा रास्ता निकाला गया है. एक कच्चा रास्ता है उस पर भी धूल ही उड़ती है. फाटक पर हालात ऐसे है कि ट्रेन के निकलने के बाद रेलवे का गेटमैन ही वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करता दिखाई देता है. 40 हजार के करीब लोग इस फाटक का उपयोग करते है. सर्विस लेन नहीं होने से परेशानी होती है. टैंपों और चार पहिया वाहन तो फाटक के पास ही बने कच्चे रास्ते से होते हुए बीकानेर हाइवे पर पहुंचते है. कोतवाली के पास से भी एक मार्ग है जो सीधे हाइवे पर निकलता है. ओवरब्रिज निर्माण करवाने वाली फरीदाबाद की मेकर्स गुरूनानक इंजीनियरिंग सर्विस है.

यह भी पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: पुष्कर के पवित्र सरोवर में सीवेज के पानी की आवक का मुद्दा फिर गर्माया, कांग्रेस और बीजेपी भुनाने में जुटी

गौरतलब है कि नागौर रोड़ से होकर जोधपुर-दिल्ली रेलमार्ग गुजर रहा है. नागौर रोड़ पर यातायात का भारी दबाव रहता है. ट्रेनों के गुजरने के दौरान फाटक बंद होने से सड़क के दोनों और अनेकों वाहन थम जाते हैं. इस आरओबी के बनने से जहां बार-बार रेलवे फाटक के बंद होने से वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी, वहीं उनके समय की भी बचत होगी.

बता दें कि एक आरओबी के निर्माण की समय सीमा तो 1 साल पहले ही खत्म हो गई थी और दूसरे आरओबी के निर्माण की समय सीमा जनवरी 2020 है. लेकिन लगता नहीं कि आने वाले 6 महीनों में भी यह दोनों बनकर तैयार हो जाएंगे.

याचिकाकर्ता रूप सिंह ने बताया कि नागौर में निर्माणाधीन दोनों आरओबी का काम रुकने पर जोधपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई. जिसकी सुनवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग से तकनीकी इंजीनियर से शपथ पत्र के साथ संबंधित कार्य एजेन्सी से कितने दिनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा, इसका एफिडेविट आगामी 2 सप्ताह में राजस्थान हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें: 'नरसिम्हा राव ने खारिज कर दी थी अयोध्या पर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट'

इस बारे में एडीएम मनोज कुमार ने माना कि आरओबी के निर्माण कार्य की गति बहुत धीमी है और लोगों को इससे परेशानी हो रही है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए हाईवे से जुड़े अधिकारियों को कहा गया है और उन्होंने ठेकेदारों को जल्द से जल्द काम पूरा करने के लिए पाबंद किया है.

नागौर. जिले के बीकानेर रेलवे फाटक और मानासर रेलवे फाटक पर बन रहे आरओबी के निर्माण की गति काफी धीमी है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. बता दें कि इसी से परेशान होकर नागौर के टैम्पो यूनियन के अध्यक्ष रूप सिंह ने जनहित याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्माण करने वाले मेकर्स नानक इंजीनियरिंग सर्विस और राष्ट्रीय राजमार्ग को दो सप्ताह में शपथ पत्र के साथ पेश होने आदेश दिए है.

नागौर में ROB निर्माणधीन में लेटलतीफी

बता दें कि आरओबी निर्माण कार्य काफी दिन पहले शुरू हो गया था, लेकिन आज तक इस रोड पर चलने के लिए न तो सर्विस लाइन बनाई गई है और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई दूसरा रास्ता निकाला गया है. एक कच्चा रास्ता है उस पर भी धूल ही उड़ती है. फाटक पर हालात ऐसे है कि ट्रेन के निकलने के बाद रेलवे का गेटमैन ही वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करता दिखाई देता है. 40 हजार के करीब लोग इस फाटक का उपयोग करते है. सर्विस लेन नहीं होने से परेशानी होती है. टैंपों और चार पहिया वाहन तो फाटक के पास ही बने कच्चे रास्ते से होते हुए बीकानेर हाइवे पर पहुंचते है. कोतवाली के पास से भी एक मार्ग है जो सीधे हाइवे पर निकलता है. ओवरब्रिज निर्माण करवाने वाली फरीदाबाद की मेकर्स गुरूनानक इंजीनियरिंग सर्विस है.

यह भी पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: पुष्कर के पवित्र सरोवर में सीवेज के पानी की आवक का मुद्दा फिर गर्माया, कांग्रेस और बीजेपी भुनाने में जुटी

गौरतलब है कि नागौर रोड़ से होकर जोधपुर-दिल्ली रेलमार्ग गुजर रहा है. नागौर रोड़ पर यातायात का भारी दबाव रहता है. ट्रेनों के गुजरने के दौरान फाटक बंद होने से सड़क के दोनों और अनेकों वाहन थम जाते हैं. इस आरओबी के बनने से जहां बार-बार रेलवे फाटक के बंद होने से वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी, वहीं उनके समय की भी बचत होगी.

बता दें कि एक आरओबी के निर्माण की समय सीमा तो 1 साल पहले ही खत्म हो गई थी और दूसरे आरओबी के निर्माण की समय सीमा जनवरी 2020 है. लेकिन लगता नहीं कि आने वाले 6 महीनों में भी यह दोनों बनकर तैयार हो जाएंगे.

याचिकाकर्ता रूप सिंह ने बताया कि नागौर में निर्माणाधीन दोनों आरओबी का काम रुकने पर जोधपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई. जिसकी सुनवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग से तकनीकी इंजीनियर से शपथ पत्र के साथ संबंधित कार्य एजेन्सी से कितने दिनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा, इसका एफिडेविट आगामी 2 सप्ताह में राजस्थान हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें: 'नरसिम्हा राव ने खारिज कर दी थी अयोध्या पर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट'

इस बारे में एडीएम मनोज कुमार ने माना कि आरओबी के निर्माण कार्य की गति बहुत धीमी है और लोगों को इससे परेशानी हो रही है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए हाईवे से जुड़े अधिकारियों को कहा गया है और उन्होंने ठेकेदारों को जल्द से जल्द काम पूरा करने के लिए पाबंद किया है.

Intro:नागौर में ROB निर्माणधीन में लेटलतीफी ,आमजन पर भारी..

आरओबी निर्माण की धीमी गति लोगों के लिए बनी परेशानी का सबब

बीकानेर फाटक पर ROB C-61बन रहा 25 करोड की लागत से


मानासर जोधपुर रोड पर बनें रहा ROB ,C-64 की लागत 21 करोड़

एंकर - नागौर शहर के बीकानेर रेलवें फाटक और मानासर रेल्वे फाटक पर बन रहे आरओबी के निर्माण की धीमी गति लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।... नागौर के ट्रैम्पों यूनियन के अध्यक्ष रूप सिंह ने जनहित याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्माण करने वाली मैसर्स गुरु नानक इंजीनियरिंग सर्विस और राष्ट्रीय राजमार्ग को दो सप्ताह में स्पथ पत्र के साथ पेश होने आदेश दिए हैBody:




आरओबी निर्माण कार्य काफी दिन पहले शुरू हो गया था।लेकिन आज तक इस रोड पर चलने के लिए न तो सर्विस लाइन बनाई गई है और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई दूसरा रास्ता निकाला गया है। जो एक कच्चा रास्ता है उस पर भी धूल ही उड़ती है। फाटक पर हालात ऐसे है कि ट्रेन के निकलने के बाद रेलवे का गेटमैन ही वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करता दिखाई देता है।नागौर शहर की सवा लाख की आबादी है। इनमें से 40 हजार के करीब लोग इस फाटक का उपयोग करते है। सर्विस लेन नहीं होने से परेशानी होती है। टैंपू व चार पहिया वाहन तो फाटक के पास ही बने कच्चे रास्ते से होते हुए बीकानेर हाइवे पर पहुंचते है। कोतवाली के पास से भी एक मार्ग है जो सीधे हाइवे पर निकलता है। ओवरब्रिज निर्माण करवाने वाली फरीदाबाद की मैसर्स गुरु नानक इंजीनियरिंग सर्विस है। गौरतलब है कि नागौर रोड़ से होकर जोधपुर-दिल्ली रेलमार्ग गुजर रहा है। नागौर रोड़ पर यातायात का भारी दबाव रहता है। ट्रेनों के गुजरने के दौरान फाटक बंद होने से सडक़ के दोनों ओर अनेकों वाहन थम जाते हैं। इस आरओबी के बनने से जहां बार-बार रेलवे फाटक के बंद होने से वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी, वहीं उनके समय की भी बचत होगी। लेकिन अभी तक दोनों निर्माणाधीन आरओबी का तकरीबन 50 फीस बिकाऊ ही हुआ है एक आरओबी के निर्माण की समय सीमा तो 1 साल पहले ही खत्म हो गई थी और दूसरे आरओबी के निर्माण की समय सीमा जनवरी 2020 है लेकिन लगता नहीं कि आने वाले 6 महीनों में भी यह दोनों आरोपी बनकर तैयार हो जाएंगे । याचिकाकर्ता रूप सिह ने बताया नागौर शहर में निर्माणाधीन दोनों आरओबी का काम रुकने पर स्थानीय लोगों के दर्द को देखते जोधपुर हाईकोर्ट में लगाई गई
है जनहित याचिका पर सुनवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग से तकनीकी इंजीनियर से शपथ पत्र के साथ संबंधित कार्य एजेन्सी से कितने दिनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा इसका एफिडेविट आगामी 2 सप्ताह में राजस्थान हाईकोर्ट में पेश करना होगाConclusion: इस बारे में जब हमने एडीएम मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने भी माना कि आरओबी के निर्माण कार्य की गति बहुत धीमी है और लोगों को इससे परेशानी हो रही है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए हाईवे से जुड़े अधिकारियों को कहा गया है और उन्होंने ठेकेदारों को जल्द से जल्द काम पूरा करने के लिए पाबंद किया है

बाईट रूप सिह याचिकाकर्ता नागौर

बाईट मनोज कुमार ADM नागौर
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