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किसानों की राह हुई आसान, काश्तकारों को राजस्व रिकॉर्ड नकल और नामांतरण के लिए नहीं होगा भटकना

नागौर में किसानों के लिए राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है. अब किसानों को भूमि की जमाबंदी की नकल, खेतों के नक्शे में गिरदावरी को लेकर सरकारी कार्यालय को अब चक्कर नहीं लगाने होंगे. वहीं, सभी तहसील कार्यालयों में मॉडल रिकॉर्ड रूम भी बनाए गए हैं.

राजस्थानन्यूज, nagore news
नागौर में किसानों के लिए राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है
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Published : Sep 14, 2020, 9:23 PM IST

नागौर. किसानों के लिए खुशखबरी है, नागौर में किसानों को अब राजस्व रिकॉर्ड भूमि की जमाबंदी की नकल, खेतों के नक्शे में गिरदावरी को लेकर सरकारी कार्यालय को अब चक्कर नहीं लगाने होंगे. जिले की सभी तहसीलों के राजस्व रिकार्डों को ऑनलाइन किया जा चुका है.

नागौर में किसानों के लिए राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है

नागौर अति जिला कलेक्टर मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत और राज्य सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1957 के 169 के तहत सभी राजस्व रिकॉर्ड और जमाबंदी खेतों के नक्शे गिरदावरी को ऑनलाइन किया जा रहा है. जिसके तहत नागौर जिले की 13 तहसील कुचामन, नावा, परबतसर, लाडनू, डेगाना, रियांबड़ी, मेड़ता, जायल, मकराना, मूंडवा को ऑनलाइन किया जा चुका है और हाल ही में खींवसर तहसील को ऑनलाइन किया गया है.

उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ ही माह में जिले की सभी तहसीलों के राजस्व रिकार्डों को ऑनलाइन कर दिया गया है. मॉडल रिकॉर्ड रूम के ईचाज आईएलआर राजाराम ने बताया कि सभी राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बाद काश्तकारों को जमाबंदी नक्शा में गडावरी की नकल लेने की आवश्यकता नहीं होगी. काश्तकार प्रमाणित राजस्व रिकॉर्ड की प्रति विभाग की खाता वेबसाइट से प्राप्त कर सकेगा.

पढ़ें- नागौर: BSF जवान सुगनाराम का जम्मू-कश्मीर में निधन, कल होगी अंत्येष्टि

उन्होंने बताया कि इन सभी तहसीलों की जमाबंदी को ऑनलाइन करने के साथ ही ई -साइन होकर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. इस प्रकार किसानों को राजस्व रिकॉर्ड के नामांतरण के लिए कई भटकना नहीं पड़ेगा. इस अवसर उन्होंने बताया कि उक्त प्रोजेक्ट के अंतर्गत सभी तहसील कार्यालयों में मॉडल रिकॉर्ड रूम भी बनाए गए हैं. अगली स्टेज में समस्त पुराने राजस्व रिकॉर्ड को स्क्रीनिंग कर वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि काश्तकारों को घर बैठे पुराने रिकॉर्ड की भी नकल मिल सके.

नागौर. किसानों के लिए खुशखबरी है, नागौर में किसानों को अब राजस्व रिकॉर्ड भूमि की जमाबंदी की नकल, खेतों के नक्शे में गिरदावरी को लेकर सरकारी कार्यालय को अब चक्कर नहीं लगाने होंगे. जिले की सभी तहसीलों के राजस्व रिकार्डों को ऑनलाइन किया जा चुका है.

नागौर में किसानों के लिए राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है

नागौर अति जिला कलेक्टर मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत और राज्य सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1957 के 169 के तहत सभी राजस्व रिकॉर्ड और जमाबंदी खेतों के नक्शे गिरदावरी को ऑनलाइन किया जा रहा है. जिसके तहत नागौर जिले की 13 तहसील कुचामन, नावा, परबतसर, लाडनू, डेगाना, रियांबड़ी, मेड़ता, जायल, मकराना, मूंडवा को ऑनलाइन किया जा चुका है और हाल ही में खींवसर तहसील को ऑनलाइन किया गया है.

उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ ही माह में जिले की सभी तहसीलों के राजस्व रिकार्डों को ऑनलाइन कर दिया गया है. मॉडल रिकॉर्ड रूम के ईचाज आईएलआर राजाराम ने बताया कि सभी राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बाद काश्तकारों को जमाबंदी नक्शा में गडावरी की नकल लेने की आवश्यकता नहीं होगी. काश्तकार प्रमाणित राजस्व रिकॉर्ड की प्रति विभाग की खाता वेबसाइट से प्राप्त कर सकेगा.

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उन्होंने बताया कि इन सभी तहसीलों की जमाबंदी को ऑनलाइन करने के साथ ही ई -साइन होकर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. इस प्रकार किसानों को राजस्व रिकॉर्ड के नामांतरण के लिए कई भटकना नहीं पड़ेगा. इस अवसर उन्होंने बताया कि उक्त प्रोजेक्ट के अंतर्गत सभी तहसील कार्यालयों में मॉडल रिकॉर्ड रूम भी बनाए गए हैं. अगली स्टेज में समस्त पुराने राजस्व रिकॉर्ड को स्क्रीनिंग कर वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि काश्तकारों को घर बैठे पुराने रिकॉर्ड की भी नकल मिल सके.

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