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नागौर के लोहारपुरा और मेहमूदपुरा में पेयजल संकट पर फूटा गुस्सा, नगर परिषद और कलेक्ट्रेट की सामने जाम की रोड

नागौर के लोहारपुरा और मेहमूदपुरा इलाके में कई दिनों से पेयजल आपूर्ति को लेकर लोग शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में बुधवार को इलाके के लोगों ने नगर परिषद कार्यालय के साथ ही कलेक्ट्रेट के सामने रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं. नागौर में पानी की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन

नागौर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
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Published : Jun 9, 2021, 7:17 PM IST

नागौर. इंदिरा गांधी नहर के पास बने डैम से पानी की मात्रा 13 से बढ़ाकर 18 एमएलडी करने के बाद भी नागौर शहर के कई इलाकों में पेयजल संकट से लोग परेशान हैं. कहीं लाइन चोक है तो कहीं लीकेज के कारण आपूर्ति प्रभावित हो रही है. गर्मी में समस्या और बढ़ गई है. पानी के बिना लोग बेहाल हैं.

नागौर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

नागौर शहर स्थित लोहारपुरा औक मेहमूदपुरा इलाके में लम्बे समय से नगर परिषद की ओर से सप्लाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी है. बुधवार को गुस्साए लोगों ने नगर परिषद और कलेक्ट्रेट रोड पर आक्रोशित महिलाओं ने जाम लगा दिया और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मटकी फोड़कर विरोध प्रदर्शन किया. लौहारपुरा और मेहम्मूदपुरा इलाके में महिला-पुरुषों ने पेयजल की समस्या के निराकरण की मांग की है. चेतावनी दी कि बार-बार शिकायत के बाद भी इलाके में पानी की समस्या हल नहीं की जा रही है. विरोध-प्रदर्शन की सूचना मिलते ही SDM अमित चौधरी और नगर परिषद आयुक्त श्रवणराम चौधरी, नागौर वृत्ताधिकारी विनोद कुमार और जलदाय के अधिकारी और अमृत योजना से जुड़े कार्मिक भी मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाइश शुरू की.

पढ़ें: पानी के लिए सड़क से लेकर जलदाय विभाग तक हंगामा, अफसरों के खिलाफ किया प्रदर्शन

आक्रोशित महिलाओं ने पानी की समस्या के निराकरण होने तक जाम नहीं हटाने की चेतावनी दी. महिलाओं का कहना था कि गर्मी के मौसम में वे पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं. अंत में अधिकारियों की समझाइश पर लोगों ने जिला प्रशासन को तीन दिन में समस्या हल करने का अल्टीमेटम देकर जाम खोला. आक्रोशित महिलाएं और लोगों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो गए हैं. जलदाय विभाग एवं नगर परिषद नागौर शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है. चेतावनी दी कि तीन दिन में पेयजल की समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो मजबूरन दोबारा कलक्ट्रेट सड़क मार्ग जाम लगाने को मजबूर होना पड़ेगा.

पेयजल समस्या से परेशान अलवर के लोग

अलवर में लॉकडाउन में रियायत मिलने के साथ ही पानी की समस्या से परेशान लोग जलदाय विभाग और कलेक्ट्रेट पहुंचने लगे हैं. वैश्विक महामारी के बीच अलवर शहर की महिला और पुरुषों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. वार्ड में बनी पेयजल समस्या के निराकरण के लिये वार्ड 55 के पार्षद सहित महिलाओं व पुरुषों ने कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान महिलाओं ने चेतावनी दी कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जन आंदोलन किया जाएगा. एडीएम सिटी उम्मेदी लाल मीणा ने समझाइश कर समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया.

पढ़ें: अलवर: पानी की समस्या को लेकर लोगों ने किया रोड जाम, जलदाय विभाग के अधिकारी गहरी नींद में

वार्ड नंबर-55 ठाकर वाला कुआं 200 फीट रोड के पार्षद दुलीचंद ने बताया कि जलदाय विभाग के चक्कर लगाते हुए करीब 1 साल से अधिक हो गया है, लेकिन आश्वासन ही दिया जा रही है. इसलिए समस्या लेकर कलेक्ट्रेट आएं हैं. दुलीचंद ने बताया वार्ड वासियों की ओर से अमृत जल योजना में करीब डेढ़ साल से पैसे जमा किया है. इसके बाद भी पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. जलदाय विभाग ने सारा काम ठेके पर दे दिया है और ठेकेदार मनमर्जी से काम कर रहे हैं. उच्च अधिकारियों की ओर से इनकी मॉनीटरिंग भी नहीं होती है. अमृत जल योजना को चालू हुए 3 साल हो गए हैं और अभी तक पाइप लाइनों का मिलान भी नहीं हो पाया है.

पार्षद ने प्राइवेट ठेकेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग अमृत जल योजना को फेल करने में लगे हैं, ताकि योजना ही बंद हो जाए. वार्ड वासी विमला ने बताया गर्मियों में पानी की आवश्यकता अधिक होती है लेकिन यहां तो जरूरत भर का पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

नागौर. इंदिरा गांधी नहर के पास बने डैम से पानी की मात्रा 13 से बढ़ाकर 18 एमएलडी करने के बाद भी नागौर शहर के कई इलाकों में पेयजल संकट से लोग परेशान हैं. कहीं लाइन चोक है तो कहीं लीकेज के कारण आपूर्ति प्रभावित हो रही है. गर्मी में समस्या और बढ़ गई है. पानी के बिना लोग बेहाल हैं.

नागौर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

नागौर शहर स्थित लोहारपुरा औक मेहमूदपुरा इलाके में लम्बे समय से नगर परिषद की ओर से सप्लाई नहीं होने से लोगों में नाराजगी है. बुधवार को गुस्साए लोगों ने नगर परिषद और कलेक्ट्रेट रोड पर आक्रोशित महिलाओं ने जाम लगा दिया और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मटकी फोड़कर विरोध प्रदर्शन किया. लौहारपुरा और मेहम्मूदपुरा इलाके में महिला-पुरुषों ने पेयजल की समस्या के निराकरण की मांग की है. चेतावनी दी कि बार-बार शिकायत के बाद भी इलाके में पानी की समस्या हल नहीं की जा रही है. विरोध-प्रदर्शन की सूचना मिलते ही SDM अमित चौधरी और नगर परिषद आयुक्त श्रवणराम चौधरी, नागौर वृत्ताधिकारी विनोद कुमार और जलदाय के अधिकारी और अमृत योजना से जुड़े कार्मिक भी मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाइश शुरू की.

पढ़ें: पानी के लिए सड़क से लेकर जलदाय विभाग तक हंगामा, अफसरों के खिलाफ किया प्रदर्शन

आक्रोशित महिलाओं ने पानी की समस्या के निराकरण होने तक जाम नहीं हटाने की चेतावनी दी. महिलाओं का कहना था कि गर्मी के मौसम में वे पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं. अंत में अधिकारियों की समझाइश पर लोगों ने जिला प्रशासन को तीन दिन में समस्या हल करने का अल्टीमेटम देकर जाम खोला. आक्रोशित महिलाएं और लोगों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो गए हैं. जलदाय विभाग एवं नगर परिषद नागौर शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है. चेतावनी दी कि तीन दिन में पेयजल की समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो मजबूरन दोबारा कलक्ट्रेट सड़क मार्ग जाम लगाने को मजबूर होना पड़ेगा.

पेयजल समस्या से परेशान अलवर के लोग

अलवर में लॉकडाउन में रियायत मिलने के साथ ही पानी की समस्या से परेशान लोग जलदाय विभाग और कलेक्ट्रेट पहुंचने लगे हैं. वैश्विक महामारी के बीच अलवर शहर की महिला और पुरुषों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. वार्ड में बनी पेयजल समस्या के निराकरण के लिये वार्ड 55 के पार्षद सहित महिलाओं व पुरुषों ने कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान महिलाओं ने चेतावनी दी कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जन आंदोलन किया जाएगा. एडीएम सिटी उम्मेदी लाल मीणा ने समझाइश कर समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया.

पढ़ें: अलवर: पानी की समस्या को लेकर लोगों ने किया रोड जाम, जलदाय विभाग के अधिकारी गहरी नींद में

वार्ड नंबर-55 ठाकर वाला कुआं 200 फीट रोड के पार्षद दुलीचंद ने बताया कि जलदाय विभाग के चक्कर लगाते हुए करीब 1 साल से अधिक हो गया है, लेकिन आश्वासन ही दिया जा रही है. इसलिए समस्या लेकर कलेक्ट्रेट आएं हैं. दुलीचंद ने बताया वार्ड वासियों की ओर से अमृत जल योजना में करीब डेढ़ साल से पैसे जमा किया है. इसके बाद भी पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. जलदाय विभाग ने सारा काम ठेके पर दे दिया है और ठेकेदार मनमर्जी से काम कर रहे हैं. उच्च अधिकारियों की ओर से इनकी मॉनीटरिंग भी नहीं होती है. अमृत जल योजना को चालू हुए 3 साल हो गए हैं और अभी तक पाइप लाइनों का मिलान भी नहीं हो पाया है.

पार्षद ने प्राइवेट ठेकेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग अमृत जल योजना को फेल करने में लगे हैं, ताकि योजना ही बंद हो जाए. वार्ड वासी विमला ने बताया गर्मियों में पानी की आवश्यकता अधिक होती है लेकिन यहां तो जरूरत भर का पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

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