नागौर. सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे और खाली बोतलों का निस्तारण आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. खासकर रेल और बसों में सफर करने वाले लोग बड़ी तादाद में बोतल बंद पानी खरीदते हैं और खाली होने के बाद प्लास्टिक की खाली बोतलों को इधर-उधर फेंक देते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक की यह बोतलें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही आमजन के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है. ऐसे में इनके निस्तारण के लिए चल रही जंग में अब नागौर के लोग भी अपनी भागीदारी निभाएंगे.
नागौर के रेलवे स्टेशन पर सिंगल यूज प्लास्टिक की खाली बोतलों को निस्तारण करने के लिए एक मशीन लगाई गई है. जिसमें प्लास्टिक की खाली बोतल को डालने पर यह बोतल देखते ही देखते छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल जाती है. नागौर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक राम सिंह बैरवा ने बताया है कि हाल ही में सिंगल यूज प्लास्टिक बोतल को क्रश करने वाली मशीन को यहां स्थापित किया गया है. अब आमजन को रेलवे की ओर से जागरूक किया जा रहा है कि पानी की खाली बोतल को इस मशीन में निस्तारित करें.
उनका कहना है कि फिलहाल इस संबंध में लोग इतने जागरूक नहीं हैं. इसलिए अभी दिन भर में करीब 50 बोतल ही इस मशीन में निस्तारित हो पाती हैं, लेकिन लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर बिखरी खाली बोतलों को इकट्ठा करके कर्मचारियों के माध्यम से भी इस मशीन में निस्तारित करवाया जा रहा है.
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स्टेशन अधीक्षक बैरवा का कहना है कि करीब 40 बोतल निस्तारित होने पर लगभग 1 किलो के प्लास्टिक का कचरा बनता है. जिसे इकट्ठा करके जोधपुर भिजवाया जाता है. वहां अंतिम रूप से इस सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे का निस्तारण होता है. उनका यह भी कहना है कि इस मशीन के उपयोग को लेकर अभी नागौर की जनता इतनी जागरूक नहीं है. इसलिए आमजन को जागरूक करने की दिशा में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.