नागौर. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना संक्रमण का पहला मामला 5 अप्रैल को सामने आया था, उसके बाद शुक्रवार को दो नए मरीज सामने आने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 10 हो गया है, इनमें से एक मरीज की जयपुर में जांच हुई थी. इसके चलते संक्रमण रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच नागौर की सात जिलों से लगती सीमाओं को सील कर दिया गया है.
इसके साथ ही जिले के 15 थाना क्षेत्रों में 16 चौकियां भी लगाई गई हैं. फिर भी जहां चौकियों की स्थापना करना संभव नहीं है, ऐसे रास्तों से चोरी छिपे लोग जिले के भीतर आ जा रहे हैं. अब पुलिस ऐसे रास्तों को ब्लॉक करवा रही है. इसके तहत कई जगह बेरिकेड्स भी लगाए गए हैं. कुछ जगहों पर सड़कों पर मिट्टी के ढेर लगाकर रास्ता बंद किया गया है.
पढ़ें- नागौरः एक ही दिन में कांस्टेबल सहित दो महिलाएं कोरोना संक्रमित
वहीं, नागौर से सीकर जिले के लोसल की तरफ जाने वाली सड़क पर इसी तरह मिट्टी के ढेर और कंटीली झाड़ियां लगाकर रास्ता बंद किया गया है, ताकि वाहनों की आवाजाही नहीं हो. एक जगह तो बैंड और ट्रॉली को सड़क पर खड़ा कर रास्ता बंद किया गया है. हालांकि, रास्ता बंद करने के इन तरीकों को लेकर पुलिस के अधिकारी मीडिया से बात करने से कतरा रहे हैं.
दूसरी तरफ जिलों की सीमाओं को पैदल पार करके नागौर की सीमा में आने वाले लोगों ने भी जिला प्रशासन के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है. हालांकि, ऐसे लोगों को स्कूलों में या अन्य जगहों पर क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. लेकिन ऐसे मामले लगातर बढ़ते जा रहे हैं.
पढ़ें- अब बैंकों के बाहर नहीं लगेगी कतारें, पोस्ट पेमेंट बैंक से घर बैठे होगा लाभार्थियों को भुगतना
ऐसे में अब कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने उन सभी जिलों के कलेक्टर से बात की है, जिनकी सीमाएं नागौर से लगती है. अब आने वाले दिनों में दूसरे जिले की सीमा पार कर नागौर आने वाले लोगों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है.