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नागौर: अधर में लटकी 30 फीसदी क्षय रोगियों की ऑनलाइन जानकारी, नहीं मिल पा रहा पेंशन का लाभ - ऑनलाइन

नागौर में रोगियों के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत होने वाले कार्य कंप्यूटर ऑपरेटर की लेटलतीफी से डाटा ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बजट घोषणा में प्रतिमाह मिलने वाली क्षय रोगियों की पेंशन राशि का डाटा ऑनलाइन करने में परेशानी आ रही है.

नागौर में क्षय निवारण केंद्र
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Published : Feb 22, 2019, 2:34 PM IST

नागौर. जिले में क्षय रोगियों के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत काम शुरू हो गया है. जिला क्षय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान को अंजाम देने में जुट गए हैं. लेकिन 30 फीसदी मरीजों की जानकारी ऑनलाइन नहीं होने से निजी अस्पतालों के मरीज चिकित्सा विभाग के चक्कर काट रहे हैं. अभी तक उनके आधार से लिंक करके ऑनलाइन करने की प्रक्रिया अधर में है.

ऑनलाइन करने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा निजी अस्पतालों को सॉफ्टवेयर मे अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे, जिससे सभी अस्पताल में मरीजों को इस योजना का फायदा मिल सके. वहीं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने टीबी अस्पताल से राजिस्ट्रेशन कराकर क्षय रोगियों को पेंशन राशि का लाभ देने के निर्देश जारी किया है. टीबी अस्पताल के अधिकारियों मिशन के रूप में कार्य करने में जुट गए हैं, लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर की कमी के चलते अब तक ऑनलाइन नहीं हो पाया है. जिला अधिकारी का कहना है कि कार्यक्रम में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी.

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नागौर में क्षय निवारण केंद्र
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बजट घोषणा के अनुसार क्षय रोग यानी टीबी से पीड़ित लोगों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में देने का घोषणा की गई थी. 500 रुपये प्रतिमाह 1 अप्रैल 2018 से सरकारी या फिर निजी क्षेत्र के अस्पताल में इलाज करा रहे क्षय रोगियों को मिलना था. अभी तक चिकित्सा विभाग और टीबी अस्पताल ने जिले के 70 फीसदी मरीजों की जानकारी आधार कार्ड से जोड़कर ऑनलाइन की है. जबकि 30 फीसदी डाटा कार्य अभी कंप्यूटर ऑपरेटर की लेटलतीफी के कारण अटके पड़े हैं

नागौर. जिले में क्षय रोगियों के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत काम शुरू हो गया है. जिला क्षय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान को अंजाम देने में जुट गए हैं. लेकिन 30 फीसदी मरीजों की जानकारी ऑनलाइन नहीं होने से निजी अस्पतालों के मरीज चिकित्सा विभाग के चक्कर काट रहे हैं. अभी तक उनके आधार से लिंक करके ऑनलाइन करने की प्रक्रिया अधर में है.

ऑनलाइन करने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा निजी अस्पतालों को सॉफ्टवेयर मे अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे, जिससे सभी अस्पताल में मरीजों को इस योजना का फायदा मिल सके. वहीं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने टीबी अस्पताल से राजिस्ट्रेशन कराकर क्षय रोगियों को पेंशन राशि का लाभ देने के निर्देश जारी किया है. टीबी अस्पताल के अधिकारियों मिशन के रूप में कार्य करने में जुट गए हैं, लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर की कमी के चलते अब तक ऑनलाइन नहीं हो पाया है. जिला अधिकारी का कहना है कि कार्यक्रम में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी.

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नागौर में क्षय निवारण केंद्र
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बजट घोषणा के अनुसार क्षय रोग यानी टीबी से पीड़ित लोगों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में देने का घोषणा की गई थी. 500 रुपये प्रतिमाह 1 अप्रैल 2018 से सरकारी या फिर निजी क्षेत्र के अस्पताल में इलाज करा रहे क्षय रोगियों को मिलना था. अभी तक चिकित्सा विभाग और टीबी अस्पताल ने जिले के 70 फीसदी मरीजों की जानकारी आधार कार्ड से जोड़कर ऑनलाइन की है. जबकि 30 फीसदी डाटा कार्य अभी कंप्यूटर ऑपरेटर की लेटलतीफी के कारण अटके पड़े हैं
Intro:Slug...Nagaur Me TB Hospital Ke On-line Data Kab Hoge...टीबी अस्पताल में ऑनलाइन डाटा कब होंगे जारी...डे प्लान की खबर...

नागौर जिले में से रोगियों के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत होने वाले कार्य कंप्यूटर ऑपरेटर की लेटलतीफी से डाटा ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा बजट घोषणा में प्रतिमाह मिलने वाली क्षय रोगियो की पेंशन राशि का डाटा ऑनलाइन करने में परेशानी आ रही है..


Body:नागौर जिले में क्षय रोगियों के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत काम तो शुरू हो गया और जिला क्षय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान को अंजाम देने में जुट गए हैं केंद्र की मोदी सरकार ने देश भर के क्षय रोगियों के इलाज के साथ साथ आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए क्षय रोगियों के संशोधित कार्यक्रम घोषित किया था जिसके तहत 1 अप्रैल 2018 से क्षय रोगियों के इलाज करा रहे मरीजों को सरकारी अस्पताल में हो या फिर निजी क्षेत्र के अस्पताल में इलाज करा रहे उनके लिए ₹500 प्रतिमाह पेशन के रुप मे देने का प्रावधान किया था इसको लेकर चिकित्सा विभाग और TB अस्पताल द्वारा जिले के 70% मरीजों को आधार कार्ड से जोड़कर ऑनलाइन कर दिया वही बाकी बचे 30 मरीज ऑनलाइन नहीं होने से निजी अस्पताल अधिकारी के मरीज अब विभाग के चक्कर काट रहे हैं निजी क्षेत्र के अस्पताल मरीजों के आंकड़ों को ऑनलाइन करने में होता है और उसको अभी तक आधार से लिंक करके ऑनलाइन प्रक्रिया अधर में है ऑनलाइन करने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा निजी अस्पतालों को सॉफ्टवेयर मे अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे अस्पताल में मरीजों को इस योजना का फायदा मिल सके वही जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने टीबी अस्पताल से राजिस्ट्रेशन क्षय रोगियो को पेशन राशि का लाभ देने के निर्देश जारी किए गए टीबी अस्पताल के अधिकारियों मिशन के रूप में कार्य करने में जुट गए है लेकिन फरवरी माह के अंन्दर सभी रोगियों के बैक खाते में पेंशन राशि को ऑनलाइन करके रोगियों के खाते में पैसा ट्रांसफर करने का काम शुरू करने की कवायद में जुट गए लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर की कमी के चलते अब तक ऑनलाइन नहीं हो पाया जिला अधिकारी का कहना है कि कार्यक्रम में किसी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कार्यवाही की जाएगी बाकी 30 पतिशत बच गए डाटा ऑनलाइन नहीं हो सके जल्द ही पोर्टल पर अपलोड की प्रक्रिया अमल लाई जाएगी


Conclusion:केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बजट घोषणा के अनुसार ₹500 प्रतिमाह के क्षय रोग यानी टीबी से पीड़ित लोगों को प्रतिमाह पेंशन के रूप में देने का घोषणा की गई थी लेकिन नागौर जिले में 30 प्रतिशत डाटा कार्य अभी कंप्यूटर ऑपरेटर की लेटलतीफी के कारण अटके पडे है
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