नागौर. लॉक डाउन के दौरान प्रवासी कामगारों की आवाजाही को रोकने के लिए जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने जिले की सीमा को सील करने के आदेश जिला पुलिस को दिया. वहीं जिला पुलिस ने 16 थाना इलाके के नागौर जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है.
जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव और नागौर एसपी विकास पाठक की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नागौर जायल डीडवाना में 105 बेड का अस्पताल बनाकर तैयार कर लिया गया है. नागौर जिले के लगने वाली अजमेर, बीकानेर, सीकर, चूरू, जोधपुर और जयपुर शहरों की सीमाओं पर पुलिस की चौकसी बढ़ाकर सील कर दी गई हैं और राष्ट्र मार्ग पर आवाजाही नहीं हो सकेगी. क्योंकि लॉक डाउन को प्रभावी ढंग से मजबूत किया जाएगा.
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नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि जो नागौर जिले की सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें संबंधित ग्राम पंचायत में बने सरकारी स्कूलों में ठहराव करने, खाने-पीने और मेडिकल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है. 14 दिनों तक विशेष कैंप में रहना होगा. जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से 18 सैंपल में से 16 की रिपोर्ट नेगेटिव अब तक आ चुकी है. विदेश से आए स्थानीय 871 नागरिकों में से 250 जनों के 14 दिन पूरे होने वाले हैं. इन सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है.
नागौर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार से मिले आदेशों के बाद नागौर पुलिस 16 थाना इलाकों मे आम आदमी का मूवमेंट और वाहनों को आवागमन बंद कर दिया गया है. मजदूरों और कामगारों के पलायन को रोकने के लिए केंद्र सरकार के मिले आदेश के बाद अब नागौर जिले की सीमाएं पर पुलिस का पहरा रहेगा.