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मौसम का बदला मिजाज, नागौर के गांवों में कश्मीर-शिमला जैसा नजारा

नागौर में गुरुवार को कई इलाकों में तेज बारिश होने से ठंड बढ़ गई है. साथ ही धुंध और शीतलहर से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नागौर मौसम बदला,  Nagaur news
नागौर में शीतलहर से जनजीवन प्रभावित
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Published : Dec 12, 2019, 5:48 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 11:34 PM IST

नागौर. जिलेभर में मौसम का मिजाज हर पल बदल रहा है. सुबह-सुबह जहां शीतलहर और धुंध ने लोगों को परेशान किया. वहीं दोपहर तक सूरज के दर्शन नहीं हुए. दोपहर बाद उमड़े बादल जिले के कई हिस्सों में जमकर बरसे, तो वहीं जिला मुख्यालय पर मामूली बूंदाबांदी हुई.

नागौर में शीतलहर से जनजीवन प्रभावित

बता दें, डीडवाना और जायल इलाके के कई गांवों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, गांवों में घर की छत, मैदान और खेत-खलिहान हर तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछने से कई गांवों में शिमला और कश्मीर जैसा नजारा दिखने लगा. घर की छतों पर करीब चार-पांच इंच तक ओलों की चादर बिछ गई.जिसे हटाने के लिए ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी.

पढ़ेंः नागौर में जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक का आयोजन

ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश और ओलावृष्टि के बाद अब किसानों को रबी की फसल की चिंता सताने लगी है. जानकारों का कहना है कि मावठ गेहूं सहित रबी की अन्य फसलों के लिए फायदेमंद साबित होती है, लेकिन ओलावृष्टि के कारण अब फसलों को नुकसान की आशंका सता रही है.

नागौर. जिलेभर में मौसम का मिजाज हर पल बदल रहा है. सुबह-सुबह जहां शीतलहर और धुंध ने लोगों को परेशान किया. वहीं दोपहर तक सूरज के दर्शन नहीं हुए. दोपहर बाद उमड़े बादल जिले के कई हिस्सों में जमकर बरसे, तो वहीं जिला मुख्यालय पर मामूली बूंदाबांदी हुई.

नागौर में शीतलहर से जनजीवन प्रभावित

बता दें, डीडवाना और जायल इलाके के कई गांवों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, गांवों में घर की छत, मैदान और खेत-खलिहान हर तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछने से कई गांवों में शिमला और कश्मीर जैसा नजारा दिखने लगा. घर की छतों पर करीब चार-पांच इंच तक ओलों की चादर बिछ गई.जिसे हटाने के लिए ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी.

पढ़ेंः नागौर में जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक का आयोजन

ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश और ओलावृष्टि के बाद अब किसानों को रबी की फसल की चिंता सताने लगी है. जानकारों का कहना है कि मावठ गेहूं सहित रबी की अन्य फसलों के लिए फायदेमंद साबित होती है, लेकिन ओलावृष्टि के कारण अब फसलों को नुकसान की आशंका सता रही है.

Intro:नागौर में आज सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ है। सुबह जहां धुंध और शीतलहर ने परेशान किया। वहीं दोपहर बाद जिले के कई इलाकों में तेज बारिश भी हुई। जायल और डीडवाना के कई गांवों में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। घर की छत, खेत-खलिहान में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई।Body:नागौर. जिलेभर में मौसम का मिजाज हर पल बदल रहा है। सुबह-सुबह जहां शीतलहर और धुंध ने लोगों को परेशान किया और दोपहर तक सूरज के दर्शन नहीं हुए। दोपहर बाद उमड़े बादल जिले के कई हिस्सों में जमकर बरसे। जिला मुख्यालय पर जहां मामूली बूंदाबांदी हुई। तो डीडवाना और जायल इलाके के कई गांवों में तेज बारिश के साथ बेर के आकार और उससे भी बड़े ओले गिरे।
ओलावृष्टि के बाद गांवों में घर की छत, मैदान और खेत-खलिहान हर तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछने से कई गांवों में शिमला और कश्मीर जैसा नजारा दिखने लगा। घर की छतों पर करीब चार-पांच इंच तक ओलों की चादर बिछ गई। जिसे हटाने के लिए ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
तेज बारिश और ओलावृष्टि के बाद जिलेभर में शीतलहर का असर देखा गया। कई इलाकों में दिनभर सूरज के दर्शन नहीं हुए। शाम से पहले ही लोग घरों में दुबक गए।Conclusion:ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश और ओलावृष्टि के बाद अब किसानों को रबी की फसल की चिंता सताने लगी है। जानकारों का कहना है कि मावठ गेहूं सहित रबी की अन्य फसलों के लिए फायदेमंद साबित होती है। लेकिन ओलावृष्टि के कारण अब फसलों को नुकसान की आशंका सता रही है।
इधर, तेज बारिश और ओलावृष्टि से कई गांवों में पशु-पक्षियों के भी घायल होने की सूचना है। बारिश और ओलावृष्टि के बाद पारे में भी गिरावट दर्ज की गई है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में नागौर जिले में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है।
Last Updated : Dec 12, 2019, 11:34 PM IST
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