नागौर. शहर के पावर हाउस के सामने गड्ढे में भरे पानी में डूबने से 4 बच्चों की मौत के मामले (Four children drown case in Nagaur) ने तूल पकड़ लिया है. नाराज परिजन सोमवार को नगर परिषद कार्यालय पहुंचे और निश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. इस दौरान वहां मौजूद सफाई कर्मचारियों के साथ उनकी हाथापाई भी हो गई. इधर, RLP के पदाधिकारियों के नेतृत्व में साटिया समाज के लोगों ने भी कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. घटना में एक सफाई इंस्पेक्टर भी घायल हो गया.
आज सुबह जब सफाई कर्मचारी नगर परिषद पहुंचे तो उनको परिजन और धरने पर बैठे साटिया समाज के लोगों ने अंदर जाने नहीं दिया. इससे नाराज सफाई कर्मचारी और परिजन आपस में भिड़ गए. बात यहां तक पहुंच गई कि सफाई कर्मचारी और साटिया समाज के लोगों और परिजनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई. मामला यहीं शांत नहीं हुआ साटिया समाज और महिला सफाई कर्मचारियों के बीच लाते-घुसे भी चले. नगर परिषद में हुई इस झड़प में स्वच्छता इस्पेक्टर अनिल भी घायल हो गया. आनन-फानन में घायल अनिल को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
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ईओ पहुंचे मौके जाएंगे कोतवाली
पूरे मामले में नगर परिषद ईओ श्रवण चौधरी अब मौके पर पहुंचे हैं और यहां सफाई कर्मचारियों के साथ कोतवाली थाने जाकर मुकदमा दर्ज करवाएंगे. ईओ का कहना है कि 4 बच्चों की मौत हुई है जो कि बहुत दुखद घटना है. हम उनको उचित मुआवजा दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे लेकिन इस हादसे की आड़ में कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. आज सुबह जब सफाई कर्मचारी नगर परिषद आए तो कुछ अराजक तत्वों ने कर्मचारियों के साथ मारपीट की. इसमे हमारे एक कर्मचारी को गम्भीर चोट लगी है. इसलिए अब हम खुद धरना देकर बैठे हैं.
नगर परिषद पार्षद नवरत्न बोथरा ने बताया कि जहां घटना घटित हुई वह क्षेत्र नगर परिषद का नहीं है. राजस्व विभाग के अधीन आता है. कर्मचारी के साथ हाथापाई को लेकर पार्षद बोथरा ने कहा कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाए.
इधर, रालोपा कार्यकारणी सदस्य सुरेंद्र दोतड़ ने कहा कि हाथापाई में नगर परिषद के कर्मचारियों ने खुद के ही कार्मिक को धक्का दिया इस कारण उनको चोट लगी है. हमने किसी के साथ मारपीट नहीं की है और हम मुकदमे से भी नहीं डरते हैं.