नागौर. लगातार घाटे में चल रहे डिस्कॉम के अधिकारी अब अपनी साख बचाने के लिए जान पर खेलकर राजस्व वसूली एवं छीजत कम करने में जुटे हुए हैं. यही कारण है कि नागौर सर्किल में पिछले दो साल में किए गए प्रयासों की बदौलत निगम की गाड़ी पटरी पर आने लगी है. ठीक दो साल पहले नागौर जिले की छीजत 32.71 प्रतिशत थी. वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में फरवर तक की छीजत 28.24 प्रतिशत रह गई है. राजस्व की बात करें तो गत वर्ष जनवरी तक 90.50 प्रतिशत वसूली की गई. इस वर्ष जनवरी तक 92.45 प्रतिशत और 25 फरवरी तक 93.19 प्रतिशत वसूली हो चुकी है और वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च में राजस्व वसूली शत-प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
बकाया एवं बिजली बिलों की वसूली शत-प्रतिशत करने के लिए आए दिन बिजली चोरी पकड़ी जा रही है. गौरतलब है कि दो वर्ष पहले तक जिले में डिस्कॉम की उधारी इस वर्ष जिले की उधारी 3 अरब, 96 करोड़, 17 लाख रुपए रह गई है. इसके लिए डिस्कॉम एक तरफ जहां बिजली चोरों पर शिकंजा कसा है. वहीं बिजली चोरी में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी चिह्नित कर जिले से बाहर भेजा है.
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डिस्कॉम के नागौर वृत्त में बकाया वसूली तथा अस्थाई और स्थाई रूप से कटे कनेक्शनों (डी.सी./पी.डी.सी) की जांच में नागौर खण्ड के 278 अवैध ट्रांसफार्मर जब्त किए हैं. बिजली चोरी पर 242 मुकदमें दर्ज हुए हैं. वहीं सघन जांच अभियान के बाद कृर्षि के 2800 कनेक्शन जारी किए गए हैं. नागौर जिले में सतर्कता टीमों ने एक साल मे 7663 वीसीआर भरते हुए 15 करोड़ 94 लाख रुपए की जुर्माना राशि निर्धारित की गई और दोषी उपभोक्ताओं द्वारा नियत समय में जुर्माना 6 करोड़ 25 लाख की राशि जमा करवा दिया है.