नागौर. मनरेगा में आए दिन भ्रष्टाचार और गबन की शिकायतें सामने आती हैं, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से गड़बड़ी करने वालों के हौसले बढ़ते जाते हैं. अब नागौर जिले की आगुंता ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार और बिना काम किए ही भुगतान उठाने का मामला एसीबी और सीएम पोर्टल तक पहुंच गया है.
ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच सुप्यारी देवी और ग्राम सेवक लीलाधर ने मनरेगा कार्यों में जमकर फर्जीवाड़ा किया है. बिना काम करवाए ही भुगतान उठा लिया गया है. यहां तक कि गांव से बाहर रहने वाले लोगों के भी मस्टररोल में नाम लिखकर फर्जी तरीके से भुगतान उठाए गए हैं. इस संबंध में अब एसीबी और सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद डीडवाना पंचायत समिति की विकास अधिकारी अर्चना मौर्य ने भी एक जांच टीम का गठन किया है, जो विस्तृत पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट देगी.
ग्रामीणों का कहना है कि फर्जी तरीके से मस्टररोल में नाम दर्जकर कई लोगों की फर्जी हाजरी लगाई गई और भुगतान भी उठा लिया गया. उनका आरोप है कि टांका निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. बिना मेढ़बंदी किए ही निर्माण पूरा बताकर भुगतान उठा लिया गया है. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पूर्व सरपंच और ग्रामसेवक ने गोचर भूमि में बिना कटानी रास्ते के ही ग्रेवल सड़क बनाकर सरकारी रुपए का दुरुपयोग किया गया है. इसके साथ ही गोचर की जमीन को भी नुकसान पहुंचाया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में उपखंड और जिला स्तरीय अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने एसीबी और सीएम पोर्टल पर शिकायत देकर परिवाद दर्ज करवाया गया है. अब पूर्व सरपंच और ग्राम सेवक ग्रामीणों पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं और धमकियां भी दे रहे हैं.
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सीएम पोर्टल और एसीबी में परिवाद दर्ज होने के बाद बीडीओ अर्चना मौर्य हरकत में आई है. उन्होंने एक जांच दल गठित कर मनरेगा में हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू करवाई है. उनका कहना है कि विस्तृत जांच में कुछ समय लग सकता है. विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी.