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आचार संहिता में दिए पट्‌टे, नागौर नगर परिषद आयुक्त को चार्जशीट - Nagaur SDM Amit Chaudhary

नागौर नगर परिषद में अवैध तरीके से नियमन का पट्टा जारी करने का मामला सामने आय़ा था. जिसके बाद अब एसडीएम अमित चौधरी की गोपनीय रिपोर्ट के बाद संभागीय आयुक्त ने नगरपरिषद आयुक्त को 17 सीसीए में चार्जशीट सौंपी गई है.

राजस्थान न्यूज, nagore news
पट्‌टा मामले को लेकर नगर परिषद आयुक्त को सौंपी गई चार्जशीट
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Published : Sep 26, 2020, 5:24 PM IST

नागौर. नगर परिषद नागौर में अवैध तरीके से नियमन का पट्‌टे जारी करने की शिकायतों के बीच नागौर एसडीएम अमित चौधरी की गोपनीय रिपोर्ट के बाद संभागीय आयुक्त ने नगर परिषद आयुक्त को 17 सीसीए में चार्जशीट सौंपी गई है.

पट्‌टा मामले को लेकर नगर परिषद आयुक्त को सौंपी गई चार्जशीट

संभागीय आयुक्त स्तर पर लंबित शिकायतों की जांच के लिए भी आदेश दे दिए गए हैं. एसडीएम अमित चौधरी ने जांच क़े दौरान पाया कि नियमन कच्ची बस्ती आवास गृह योजना के तहत रिहायशी दर पर कर दिया. नियमों को दरकिनार करते हुए 110 वर्गगज की जगह कच्ची बस्ती का दोगुना वर्गगज का नियमन कर दिया और वो भी आदर्श आचार संहिता के समय पट्टा जारी किया है.

इसके साथ ही संभागीय आयुक्त डॉ. मलिक ने आयुक्त की ओर से राजकार्यों में अनियमितताओं और उदासीनता का हवाला देते हुए डीएलबी के शासन सचिव को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है. जांच के दौरान राजाराम बिश्नोई के नाम से संधारित नियमन पत्रावली संख्या 48/2013-14 में खातेदारी भूमि का कच्ची बस्ती आवासीय योजना अंतर्गत नियमन कर लीज जारी कर दी.

साथ ही कार्यालय टिप्पणी क्रम संख्या-5 की तारीख 19 सितंबर 2019 के स्थान पर कांट-छांट करके उस तारीख के स्थान पर 19 जुलाई 2019 अंकन करने का आरोप है. एसडीएम अमित चौधरी की जांच में आयुक्त को आदर्श संहिता का उल्लंघन और दस्तावेज में कूटरचना का दोषी माना गया है. कृषि भूमि का नियमन कच्ची बस्ती आवास गृह योजना के तहत रिहायशी दर पर कर दिया. इसे कर्तव्य के प्रति अनिष्ठता का द्योतक माना है. 110 की जगह 299.78 वर्गगज का नियमन करना पाया गया. जबकि कच्ची बस्ती में अधिकतम 110 वर्गगज के नियमन का ही प्रावधान है

पढ़ें- नागौर में शुक्रवार को 50 नए कोरोना संक्रमित मरीज आए सामने

बता दें कि संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक ने नागौर नगर परिषद आयुक्त जोधाराम बिश्नोई को राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम-1958 के नियम-17 के तहत अलग-अलग प्रकरणों में दोषी करार देते हुए चार्जशीट जारी कर जवाब मांगा है. जांच में सामने आया कि आयुक्त बिश्नोई ने नियम विरूद्ध पट्टे जारी कर दिए हैं.

नागौर. नगर परिषद नागौर में अवैध तरीके से नियमन का पट्‌टे जारी करने की शिकायतों के बीच नागौर एसडीएम अमित चौधरी की गोपनीय रिपोर्ट के बाद संभागीय आयुक्त ने नगर परिषद आयुक्त को 17 सीसीए में चार्जशीट सौंपी गई है.

पट्‌टा मामले को लेकर नगर परिषद आयुक्त को सौंपी गई चार्जशीट

संभागीय आयुक्त स्तर पर लंबित शिकायतों की जांच के लिए भी आदेश दे दिए गए हैं. एसडीएम अमित चौधरी ने जांच क़े दौरान पाया कि नियमन कच्ची बस्ती आवास गृह योजना के तहत रिहायशी दर पर कर दिया. नियमों को दरकिनार करते हुए 110 वर्गगज की जगह कच्ची बस्ती का दोगुना वर्गगज का नियमन कर दिया और वो भी आदर्श आचार संहिता के समय पट्टा जारी किया है.

इसके साथ ही संभागीय आयुक्त डॉ. मलिक ने आयुक्त की ओर से राजकार्यों में अनियमितताओं और उदासीनता का हवाला देते हुए डीएलबी के शासन सचिव को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है. जांच के दौरान राजाराम बिश्नोई के नाम से संधारित नियमन पत्रावली संख्या 48/2013-14 में खातेदारी भूमि का कच्ची बस्ती आवासीय योजना अंतर्गत नियमन कर लीज जारी कर दी.

साथ ही कार्यालय टिप्पणी क्रम संख्या-5 की तारीख 19 सितंबर 2019 के स्थान पर कांट-छांट करके उस तारीख के स्थान पर 19 जुलाई 2019 अंकन करने का आरोप है. एसडीएम अमित चौधरी की जांच में आयुक्त को आदर्श संहिता का उल्लंघन और दस्तावेज में कूटरचना का दोषी माना गया है. कृषि भूमि का नियमन कच्ची बस्ती आवास गृह योजना के तहत रिहायशी दर पर कर दिया. इसे कर्तव्य के प्रति अनिष्ठता का द्योतक माना है. 110 की जगह 299.78 वर्गगज का नियमन करना पाया गया. जबकि कच्ची बस्ती में अधिकतम 110 वर्गगज के नियमन का ही प्रावधान है

पढ़ें- नागौर में शुक्रवार को 50 नए कोरोना संक्रमित मरीज आए सामने

बता दें कि संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक ने नागौर नगर परिषद आयुक्त जोधाराम बिश्नोई को राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम-1958 के नियम-17 के तहत अलग-अलग प्रकरणों में दोषी करार देते हुए चार्जशीट जारी कर जवाब मांगा है. जांच में सामने आया कि आयुक्त बिश्नोई ने नियम विरूद्ध पट्टे जारी कर दिए हैं.

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