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गुजरात के नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर सांभर के नमक पर रोक लगाई है: महेंद्र चौधरी

सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी के बाद एक तरफ केंद्र सरकार ने सांभर झील में पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी है. तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर राजनीति बयानबाजी भी तेज हो गई है. मामले को लेकर उप मुख्य सचेतक ने कहा कि गुजरात के नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर सांभर के नमक पर रोक लगाई है.

सांभर झील के नमक पर लगी रोक ,  ban on salt of sambhar lake
सांभर झील के नमक पर लगी रोक
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Published : Nov 28, 2019, 5:33 PM IST

नागौर. सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी के बाद एक तरफ केंद्र सरकार ने सांभर झील में पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी है. तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर राजनीति बयानबाजी भी तेज हो गई है. प्रदेश सरकार के उप मुख्य सचेतक और नावां से कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी ने इस मामले को लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहा कि गुजरात के नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर सांभर के नमक पर रोक लगाई है.

सांभर झील के नमक पर लगी रोक

जानकारी के अनुसार विदेशी पक्षियों के प्रवास के साथ ही नमक उत्पादन के क्षेत्र में देश भर में अलग पहचान रखने वाली सांभर झील में बनने वाले नमक की सप्लाई पर फिलहाल नमक कमिश्नर ने रोक लगा दी है. यहां के नमक व्यापारी केवल पुराना स्टॉक ही बेच सकते हैं और इस संबंध में उनसे बाकायदा शपथ पत्र भी लिया जाएगा. यहां नमक की नई खेप बेचने पर फिलहाल रोक है.

पढे़ं- सांभर झील: पक्षियों की मौत के बाद नमक उद्योग पर लगा ग्रहण, 50 हजार से ज्यादा मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

पिछले दिनों सांभर झील में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार एवियन बोटूलिज्म के कारण सांभर झील में करीब 20 हजार देशी-विदेशी पक्षियों की जान गई है. इसके बाद नमक कमिश्नर ने एक आदेश जारी किया और सांभर झील क्षेत्र में बनने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी. वहीं, कारण यह बताया जा रहा है कि जिस बीमारी से पक्षियों की मौत हुई वह इंसान तक नहीं पहुंचे, इसलिए एहतियात के तौर पर यह रोक लगाई गई है.

वहीं, जानकारों का कहना है कि इससे सांभर झील और उसके आसपास के क्षेत्र में नमक उद्योग से जुड़े करीब 50 हजार लोग प्रभावित होंगे. अब इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. प्रदेश सरकार में उप मुख्य सचेतक और नावां विधायक महेंद्र चौधरी ने इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए हैं.

पढ़ें- सांभर साल्ट लिमिटेड करेगा नियमित ड्रोन सर्विलांस, वॉच टॉवर भी लगाएगा और प्रवासी पक्षियों के आने और जाने का रिकॉर्ड भी रखेगा

महेंद्र चौधरी ने बताया कि सांभर झील के अलावा गुजरात में भी बड़ी मात्रा में नमक बनता है और उसी को बढ़ावा देने के लिए सांभर झील के नमक उद्योग के खिलाफ यह मुद्दा बनाया जा रहा है. महेंद्र चौधरी का कहना है कि पक्षियों की मौत तो एक बहाना है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सांभर झील की गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई सवाल उठाए गए थे, जो इस नमक उद्योग को खत्म करने की साजिश थी.

उप मुख्य सचेतक ने कहा कि सांभर झील के आसपास का नमक उद्योग न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों को भी रोजगार देता है. हजारों मजदूर इन प्रदेशों से यहां मजदूरी के लिए आते हैं. ऐसे में यदि यहां पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगती है तो पूरा नमक उद्योग ठप हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाने वाले लोग बेरोजगार हो जाएंगे और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

नागौर. सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी के बाद एक तरफ केंद्र सरकार ने सांभर झील में पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी है. तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर राजनीति बयानबाजी भी तेज हो गई है. प्रदेश सरकार के उप मुख्य सचेतक और नावां से कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी ने इस मामले को लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहा कि गुजरात के नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर सांभर के नमक पर रोक लगाई है.

सांभर झील के नमक पर लगी रोक

जानकारी के अनुसार विदेशी पक्षियों के प्रवास के साथ ही नमक उत्पादन के क्षेत्र में देश भर में अलग पहचान रखने वाली सांभर झील में बनने वाले नमक की सप्लाई पर फिलहाल नमक कमिश्नर ने रोक लगा दी है. यहां के नमक व्यापारी केवल पुराना स्टॉक ही बेच सकते हैं और इस संबंध में उनसे बाकायदा शपथ पत्र भी लिया जाएगा. यहां नमक की नई खेप बेचने पर फिलहाल रोक है.

पढे़ं- सांभर झील: पक्षियों की मौत के बाद नमक उद्योग पर लगा ग्रहण, 50 हजार से ज्यादा मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

पिछले दिनों सांभर झील में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार एवियन बोटूलिज्म के कारण सांभर झील में करीब 20 हजार देशी-विदेशी पक्षियों की जान गई है. इसके बाद नमक कमिश्नर ने एक आदेश जारी किया और सांभर झील क्षेत्र में बनने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी. वहीं, कारण यह बताया जा रहा है कि जिस बीमारी से पक्षियों की मौत हुई वह इंसान तक नहीं पहुंचे, इसलिए एहतियात के तौर पर यह रोक लगाई गई है.

वहीं, जानकारों का कहना है कि इससे सांभर झील और उसके आसपास के क्षेत्र में नमक उद्योग से जुड़े करीब 50 हजार लोग प्रभावित होंगे. अब इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. प्रदेश सरकार में उप मुख्य सचेतक और नावां विधायक महेंद्र चौधरी ने इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए हैं.

पढ़ें- सांभर साल्ट लिमिटेड करेगा नियमित ड्रोन सर्विलांस, वॉच टॉवर भी लगाएगा और प्रवासी पक्षियों के आने और जाने का रिकॉर्ड भी रखेगा

महेंद्र चौधरी ने बताया कि सांभर झील के अलावा गुजरात में भी बड़ी मात्रा में नमक बनता है और उसी को बढ़ावा देने के लिए सांभर झील के नमक उद्योग के खिलाफ यह मुद्दा बनाया जा रहा है. महेंद्र चौधरी का कहना है कि पक्षियों की मौत तो एक बहाना है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सांभर झील की गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई सवाल उठाए गए थे, जो इस नमक उद्योग को खत्म करने की साजिश थी.

उप मुख्य सचेतक ने कहा कि सांभर झील के आसपास का नमक उद्योग न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों को भी रोजगार देता है. हजारों मजदूर इन प्रदेशों से यहां मजदूरी के लिए आते हैं. ऐसे में यदि यहां पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगती है तो पूरा नमक उद्योग ठप हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाने वाले लोग बेरोजगार हो जाएंगे और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

Intro:सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी के बाद एक तरफ केंद्र सरकार ने सांभर झील में पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर राजनीति बयान बाजी भी तेज हो गई है। प्रदेश सरकार में उप मुख्य सचेतक और नावां से कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी ने इस मामले को लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए हैं।


Body:नागौर. विदेशी पक्षियों के प्रवास के साथ ही नमक उत्पादन के क्षेत्र में देश भर में अलग पहचान रखने वाली सांभर झील में बनने वाले नमक की सप्लाई पर फिलहाल नमक कमिश्नर ने रोक लगा दी है। यहां के नमक व्यापारी केवल पुराना स्टॉक ही बेच सकते हैं और इस संबंध में उनसे बाकायदा शपथ पत्र भी लिया जाएगा। यहां नमक की नई खेप बेचने पर फिलहाल रोक है। पिछले दिनों सांभर झील में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो गई थी। सरकारी आंकड़े बताते हैं की एवियन बोटूलिज्म के कारण सांभर झील में करीब 20000 देसी-विदेशी पक्षियों की जान गई है। इसके बाद नमक कमिश्नर ने एक आदेश जारी किया और सांभर झील क्षेत्र में बनने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी। कारण यह बताया जा रहा है कि जिस बीमारी से पक्षियों की मौत हुई। वह इंसान तक नहीं पहुंचे। इसलिए एहतियात के तौर पर यह रोक लगाई गई है। जानकारों का कहना है कि इससे सांभर झील और उसके आसपास के क्षेत्र में नमक उद्योग से जुड़े करीब 50000 लोग प्रभावित होंगे। अब इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। प्रदेश सरकार में उप मुख्य सचेतक और नावां विधायक महेंद्र चौधरी ने इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सांभर झील के अलावा गुजरात में भी बड़ी मात्रा में नमक बनता है और उसी को बढ़ावा देने के लिए सांभर झील के नमक उद्योग के खिलाफ यह मुद्दा बनाया जा रहा है। महेंद्र चौधरी का कहना है कि पक्षियों की मौत तो एक बहाना है। इससे पहले भी सांभर झील की गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कई सवाल उठाए गए थे। जो इस नमक उद्योग को खत्म करने की साजिश थी।


Conclusion:महेंद्र चौधरी ने यह भी कहा कि सांभर झील के आसपास का नमक उद्योग न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों को भी रोजगार देता है। हजारों मजदूर इन प्रदेशों से यहां मजदूरी के लिए आते हैं। ऐसे में यदि यहां पैदा होने वाले नमक की सप्लाई पर रोक लगती है। तो पूरा नमक उद्योग ठप हो जाएगा और इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाने वाले लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
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बाईट- महेंद्र चौधरी, उप मुख्य सचेतक, राजस्थान सरकार।
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