नागौर. जिले में सर्वे की कार्रवाई के नाम पर आयकर विभाग में चल रहे रिश्वत के बड़े खेल को सीबीआई की टीम ने गुरुवार को उजागर किया है. जोधपुर सीबीआई की टीम ने गुरुवार को नागौर में कार्रवाई करते हुए चार्टेड अकाउंटेंट सुरेश पारीक और आयकर विभाग के 4 अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि सीए सुरेश पारीक इस पूरे मामले में दलाल की भूमिका निभा रहा था. फिलहाल, आयकर विभाग के 10 से ज्यादा कर्मचारियों पर भी सीबीआई की नजर है. यह पूरा मामला 5-6 मार्च को नागौर के 2 व्यापारी समूहों पर आयकर विभाग की ओर से की गई सर्वे की कार्रवाई से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
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जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने 5-6 मार्च को नागौर में 2 व्यापारी समूह पर सर्वे की कार्रवाई की थी. करीब 30 घंटे चली इस कार्रवाई में दोनों समूहों की ओर से करीब 3 करोड़ रुपए की अघोषित आय सरेंडर करने की जानकारी भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने दी थी.
सूत्रों का कहना है कि इसी मामले में आयकर विभाग के अधिकारी और सीए सुरेश पारीक दोनों व्यापारी समूह से लाखों रुपए की रिश्वत मांग रहे थे. इससे परेशान होकर एक व्यापारी ने इस मामले की शिकायत सीबीआई को कर दी. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने पिछले 2 दिन से आयकर अधिकारियों और सीए के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर ले रखा था. इससे शिकायत सही पाई गई तो बुधवार देर रात सीबीआई ने शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि सीए के हाथी चौक स्थित घर पर देने को कहा. वहां जैसे ही आयकर विभाग के 4 अधिकारी रिश्वत की राशि लेने पहुंचे सीबीआई ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
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हालांकि, सीबीआई ने अभी उनके नाम उजागर नहीं किए हैं. इसके बाद सीबीआई ने सीए सुरेश पारीक को रिश्वत की राशि देने के लिए कुछ आयकर अधिकारियों के घर भी भेजा. बताया जा रहा है कि 2 व्यापारी समूहों पर सर्वे की कार्रवाई में शामिल आयकर विभाग के सभी 15 अधिकारियों पर सीबीआई की नजर है. मामले में सीबीआई अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर सकती है.
फिलहाल, सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने सीए सुरेश पारीक के साथ ही आयकर विभाग की आवासीय कॉलोनी में बने अधिकारियों के आवास और एक अन्य ठिकाने पर रातभर सर्च की कार्रवाई की है. वहीं, रिश्वत की राशि को लेकर भी सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर कुछ साफ नहीं किया है. लेकिन बताया जा रहा है कि यह राशि लाखों में है.