नागौर. एशिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी इंदिरा गांधी नहर को पहली बार एक साथ लंबे वक्त के लिए बंद किया जा रहा है. बता दें कि जलदाय विभाग ने अब तक 25 दिन से 35 दिन की नहर बंदी की है. वहीं इस बार 70 दिन की नहर बंदी होगी. जबकि नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना के पास 45 दिन का पानी भंडारण करने की क्षमता है. ऐसे में 25 दिन तक पेयजल सप्लाई करना विभागीय अधिकारियों के टेढ़ी खीर साबित होगा.
नागौर जलदाय विभाग के नदी परियोजना के मुख्य अभियंता राकेश ने बताया कि 25 मार्च से आगामी 70 दिन के लिए नहर बंदी प्रस्तावित है. इसमें पहले 40 दिन नहर का पानी दिया जाएगा जिससे नहर से जुड़े जिले की पेयजल जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. नागौर में लिफ्ट योजना के पास 45 दिन का पेयजल का भंडारण है. ऐसे में नागौर जिले को पर्याप्त जल भंडारण से काम चलाना पड़ेगा. उसके बाद 30 दिन यानी एक महीना नहर पूरी तरह से बंद रहेगी.
मरम्मत का कार्य
मुख्य अभियंता ने बताया, कि नहर बंदी के दौरान इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत व रिलाइनिंग का कार्य होगा. इस दौरान राजस्थान में 42 किलोमीटर और पंजाब में 30 किलोमीटर नहर की रिलाइनिंग की जाएगी.
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दो दिन के अंतराल में मिलेगा पानी
आगामी दिनों में नहर बंदी के तहत इसके स्थाई समाधान के अंतर्गत प्रस्तावित नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना में बने जोधायसी भंडारण के लिए एक बड़े जलाशय का निर्माण किया जाएगा. बता दें कि नागौर, डीडवाना, कुचामन, मकराना में भी बड़े जलाशय बने हुए हैं जिससे आने वाले दिनों में नहर बंदी जैसी परिस्थितियों में नागौर जिले में 2 दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जाएगी.
मुख्य अभियंता ने बताया कि जोधपुर की तरह नागौर में भी नहर बंदी के दौरान पेयजल पूर्ति 2 दिन के अंतराल से होगी. ऐसे में आमजन से यह आह्वान किया गया है कि पानी का उचित मात्रा में भंडारण रखें. इसके साथ ही यदि कहीं पानी की बर्बादी हो रही है तो 181 नंबर पर सूचना दें, क्योंकि गर्मियों में नहरी पानी के लिए त्राहिमाम के हालात पैदा हो सकते हैं.
इंदिरा गांधी नहर की रिलाइनिंग के लिए पिछले सालों में कितने दिन बंद रही नहर
साल दिन
साल 2018-19 29 दिन
साल 2017-18 35 दिन
साल 2016-17 24 दिन
साल 2015-16 15 दिन
साल 2014-15 20 दिन