नागौर. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच एक तरफ नागौर के कई मजदूर दूसरे प्रदेशों के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने को मजबूर हैं. वहीं दूसरे प्रदेशों के भी कई मजदूर नागौर के क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन पूरे करने वाले मजदूरों को अपने घर भेजने और दूसरे प्रदेशों से नागौर के लोगों को लाने के लिए रोडवेज के बेड़े की 53 बसों को लगाया गया है.
रोडवेज के नागौर डिपो प्रबंधक गणेश शर्मा ने बताया है कि नागौर डिपो की 40 बसों को जोधपुर भेजा गया है. जहां से ये बसें दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए मजदूरों की घर वापसी के काम में लगी हुई हैं. इसी तरह नागौर के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रहे 535 मजदूरों को नागौर डिपो की 13 बसों से उनके घर भेजा गया है. उनका कहना है कि अलग-अलग सेंटर से इन 13 बसों को रवाना किया गया है.
पढ़ें- CM गहलोत ने PM मोदी को लिखा पत्र, प्रवासियों-श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की
जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल राज्यों के बीच उन्हीं मजदूरों के आदान-प्रदान की सहमति बनी है, जो क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रहे हैं. इनके अलावा अपने स्तर पर रह रहे मजदूरों या अन्य लोगों की आवाजाही अभी शुरू नहीं की गई है. कलेक्टर ने बताया कि लॉकडाउन के बीच नागौर जिले के अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में 14 दिन की समयावधि पूरी कर चुके कुल 1569 लोगों को अब तक उनके घर भेजा जा चुका है.