नागौर. कोरोना वायरस का नाम सुनकर जहां बड़े-बड़ों के पसीने छूट जाते हैं. वहीं नागौर में एक नवजात बच्चा इस घातक वायरस से लड़ा और उस पर जीत भी हासिल की. इस पूरी लड़ाई में नागौर के जेएलएन अस्पताल के Covid-19 वार्ड के डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मियों ने भी जी जान लगा दी. बच्चे की मां का नाम नगीना होने के कारण इसे 'बेबी ऑफ नगीना' नाम दिया गया.
पिता के पॉजिटिव आने के बाद मां को अस्पताल में रखा गया
चेस्ट फिजिशियन और जेएलएन अस्पताल के कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ. राजेंद्र बेड़ा बताते हैं कि इस बच्चे का जन्म 14 अप्रैल को अस्पताल में ही हुआ था. इससे पहले इसके पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी थी. इसलिए मां नगीना अस्पताल में ही भर्ती थी और 13 अप्रैल को उसका सैंपल जांच के लिए भिजवा दिया गया था. बच्चे के जन्म के दिन यानि 14 अप्रैल की शाम को ही उसका सैंपल भी जांच के लिए भिजवाया गया.
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पूरी सावधानी से नवजात को मिला उपचार
रिपोर्ट आने पर पहले मां को और फिर इस बच्चे के भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी थी. अब देखभाल और उपचार बड़ी चुनौती थी. हालांकि इस बच्चे में कोरोना संक्रमण के लक्षण साफ दिखाई नहीं दे रहे थे. ऐसे में बाल रोग विशेषज्ञ और महिला रोग विशेषज्ञ की देखरेख में दोनों मां-बेटी का उपचार किया गया. उम्र कम होने के कारण इसे मां का दूध ही पिलाया गया. लेकिन इस दौरान पूरी सावधानी बरती गई. मां के सैनिटाइजेशन और हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखा गया.
मां की रिपोर्ट भी आई नेगेटिव
डॉ. बेड़ा ने बताया कि इस बच्चे की दूसरी रिपोर्ट पहले ही नेगेटिव आ चुकी थी. लेकिन मां की दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आई थी. इसलिए दोनों को अस्पताल में ही रखा गया. इस दौरान भी बच्चे को सावधानी के साथ मां का दूध ही पिलाया गया. अब जब मां की दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ चुकी है, तो दोनों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.