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युवा बनेंगे पुलिस मित्र, रोकेंगे अपराध और दंगे - कोटा

पुलिस मित्र बनने के लिए युवाओं को राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म ऑनलाइन भरकर ही सबमिट करना होगा.जांच पूरी होने पर एसएचओ पुलिस मित्र बनाने की कार्रवाई पूरी कर देंगे. जिसके बाद आवेदनकर्ता युवक के मोबाइल पर पुलिस मित्र बनने का मैसेज आ जाएगा.

युवा बनेंगे पुलिस मित्र, रोकेंगे अपराध और दंगे
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Published : Jul 5, 2019, 4:16 PM IST

कोटा. कमिश्नरेट की तर्ज पर कोटा पुलिस भी पुलिस मित्र बनाएगी. कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए पुलिस मित्र अपराध और दंगे रोकने के साथ-साथ लोगों को जागरुक भी करेंगे. लोगों को नशे की प्रवृत्ति और साइबर अपराधों की ठगी से बचाने के लिए भी जागरूकता का काम पुलिस मित्र करेंगी. इसके अलावा जिस भी व्यक्ति को पुलिस मित्र बनाया जाएगा उसके मोबाइल पर संदेश आ जाएगा. इसके बाद में उसे पुलिस मित्र को किस तरह से कम्युनिटी पुलिसिंग में मदद करनी है. वहीं उसको क्या-क्या काम करने है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

धार्मिक जुलूस और यातायात व्यवस्था भी संभालेंगे
पुलिस को शहर में कानून व्यवस्था संभालने के साथ-साथ शहर में होने वाले आयोजनों की जिम्मेदारी भी संभालनी होती है. यातायात व्यवस्था में भी कई बार आयोजनों के चलते बदलाव होते हैं ऐसे में पुलिस पर भारी दबाव रहता है अब पुलिस अपने इन युवा मित्रों के जरिए शहर में निकलने वाले जुलूस और सामाजिक धार्मिक आयोजनों में सहयोग लेगी.

युवा बनेंगे पुलिस मित्र, रोकेंगे अपराध और दंगे

रात्रि गश्त और जागरूकता अभियान में सहयोग भी
पुलिस मित्रों को अपराध की रोकथाम व जागरूकता, अभियान यातायात सहायता, जागरूकता अतिक्रमण, बाल दुर्व्यवहार अन्य असामाजिक गतिविधियों के संबंधित जागरूकता के कार्यक्रम में सहयोग. मानव व महिला अधिकार, साइबर क्राइम व बैंक की ठगी जागरूकता, एंटी नारकोटिक्स अभियान सभा, वंचित और कमजोर के अधिकारों के लिए अभियान, धार्मिक जुलूस, मेला व उत्सवों में सहयोग, अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि गस्त के साथ सोशल मीडिया के विषयों में सहयोग का काम करना होगा.

अलग ड्रेस कोड तैयार किया जाएगा
पुलिस इन पुलिस मित्रों को अलग तरह का ड्रेस कोड में तैयार करेगी या तो इन्हें अलग तरह की कैप या टी-शर्ट दी जाएगी. ताकि वे कम्युनिटी पुलिसिंग के दौरान अलग नजर आ सके. पुलिस मित्र बनाने में किसी तरह की कोई संख्या की पाबंदी नहीं है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को पुलिस मित्र बनाया जा सकता है. पुलिस अधिकारी भी सोशल मीडिया के जरिए पुलिस मित्रों के ग्रुप बनाकर उनसे निरंतर संपर्क बनाए रखेंगे.

राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी नहीं बनेंगे पुलिस मित्रः पुलिस मित्र योजना में राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को पुलिस मित्र नहीं बनाया जाएगा. पुलिस मित्र किसी भी गलत गतिविधियों में शामिल होने या फिर पुलिस मित्र योजना का दुरुपयोग करने पर उसे तुरंत हटा दिया जाएगा.

वेबसाइट पर करना होगा आवेदन
पुलिस मित्र बनने के लिए युवा को राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर जाकर पुलिस मित्र का फॉर्म भरना होगा. इसके बाद राजस्थान पुलिस आवेदन कर्ता के संबंध में पूरी जांच के बाद उसे पुलिस मित्र बनाएगी. पुलिस मित्र की उम्र भी 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए. वहीं वह किसी भी का सामाजिक आपराधिक या अवांछनीय गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए.

कोटा. कमिश्नरेट की तर्ज पर कोटा पुलिस भी पुलिस मित्र बनाएगी. कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए पुलिस मित्र अपराध और दंगे रोकने के साथ-साथ लोगों को जागरुक भी करेंगे. लोगों को नशे की प्रवृत्ति और साइबर अपराधों की ठगी से बचाने के लिए भी जागरूकता का काम पुलिस मित्र करेंगी. इसके अलावा जिस भी व्यक्ति को पुलिस मित्र बनाया जाएगा उसके मोबाइल पर संदेश आ जाएगा. इसके बाद में उसे पुलिस मित्र को किस तरह से कम्युनिटी पुलिसिंग में मदद करनी है. वहीं उसको क्या-क्या काम करने है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

धार्मिक जुलूस और यातायात व्यवस्था भी संभालेंगे
पुलिस को शहर में कानून व्यवस्था संभालने के साथ-साथ शहर में होने वाले आयोजनों की जिम्मेदारी भी संभालनी होती है. यातायात व्यवस्था में भी कई बार आयोजनों के चलते बदलाव होते हैं ऐसे में पुलिस पर भारी दबाव रहता है अब पुलिस अपने इन युवा मित्रों के जरिए शहर में निकलने वाले जुलूस और सामाजिक धार्मिक आयोजनों में सहयोग लेगी.

युवा बनेंगे पुलिस मित्र, रोकेंगे अपराध और दंगे

रात्रि गश्त और जागरूकता अभियान में सहयोग भी
पुलिस मित्रों को अपराध की रोकथाम व जागरूकता, अभियान यातायात सहायता, जागरूकता अतिक्रमण, बाल दुर्व्यवहार अन्य असामाजिक गतिविधियों के संबंधित जागरूकता के कार्यक्रम में सहयोग. मानव व महिला अधिकार, साइबर क्राइम व बैंक की ठगी जागरूकता, एंटी नारकोटिक्स अभियान सभा, वंचित और कमजोर के अधिकारों के लिए अभियान, धार्मिक जुलूस, मेला व उत्सवों में सहयोग, अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि गस्त के साथ सोशल मीडिया के विषयों में सहयोग का काम करना होगा.

अलग ड्रेस कोड तैयार किया जाएगा
पुलिस इन पुलिस मित्रों को अलग तरह का ड्रेस कोड में तैयार करेगी या तो इन्हें अलग तरह की कैप या टी-शर्ट दी जाएगी. ताकि वे कम्युनिटी पुलिसिंग के दौरान अलग नजर आ सके. पुलिस मित्र बनाने में किसी तरह की कोई संख्या की पाबंदी नहीं है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को पुलिस मित्र बनाया जा सकता है. पुलिस अधिकारी भी सोशल मीडिया के जरिए पुलिस मित्रों के ग्रुप बनाकर उनसे निरंतर संपर्क बनाए रखेंगे.

राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी नहीं बनेंगे पुलिस मित्रः पुलिस मित्र योजना में राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को पुलिस मित्र नहीं बनाया जाएगा. पुलिस मित्र किसी भी गलत गतिविधियों में शामिल होने या फिर पुलिस मित्र योजना का दुरुपयोग करने पर उसे तुरंत हटा दिया जाएगा.

वेबसाइट पर करना होगा आवेदन
पुलिस मित्र बनने के लिए युवा को राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर जाकर पुलिस मित्र का फॉर्म भरना होगा. इसके बाद राजस्थान पुलिस आवेदन कर्ता के संबंध में पूरी जांच के बाद उसे पुलिस मित्र बनाएगी. पुलिस मित्र की उम्र भी 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए. वहीं वह किसी भी का सामाजिक आपराधिक या अवांछनीय गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए.

Intro:पुलिस मित्र बनने के लिए युवाओं को राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म ऑनलाइन भरकर ही सबमिट करना होगा. आगे की कार्रवाई थाना क्षेत्र के पुलिस मित्र के लिए युवा ने आवेदन किया है. वहां के एसएचओ को करनी है. जांच में सही पाने पर एसएचओ पुलिस मित्र बनाने की कार्रवाई पूरी कर देंगे. जिसके बाद आवेदनकर्ता युवक के मोबाइल पर पुलिस मित्र बनने का मैसेज आ जाएगा.


Body:कोटा.
जयपुर कमिश्नरेट की तर्ज पर कोटा पुलिस भी पुलिस मित्र बनाएगी. कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए यह पुलिस मित्र अपराध और दंगे रोकने के साथ-साथ लोगों को जागरुक भी करेंगे. लोगों को नशे की प्रवृत्ति और साइबर अपराधों की ठगी से बचाने के लिए भी जागरूकता का काम पुलिस मित्र करेंगे. जिस भी व्यक्ति को पुलिस मित्र बनाया जाएगा उसके मोबाइल पर संदेश आ जाएगा. इसके बाद में उसे पुलिस मित्र को किस तरह से कम्युनिटी पुलिसिंग में मदद करनी है. वहीं उसको क्या-क्या काम करने है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

धार्मिक जुलूस और यातायात व्यवस्था भी संभालेंगे
पुलिस को शहर में कानून व्यवस्था संभालने के साथ-साथ शहर में होने वाले आयोजनों की जिम्मेदारी भी संभाल नहीं होती है यातायात व्यवस्था में भी कई बार आयोजनों के चलते बदलाव होते हैं ऐसे में पुलिस पर भारी दबाव रहता है अब पुलिस अपने इन युवा मित्रों के जरिए शहर में निकलने वाले जुलूस और सामाजिक धार्मिक आयोजनों में सहयोग लेगी.

रात्रि गश्त और जागरूकता अभियान में सहयोग भी
पुलिस मित्रों को अपराध की रोकथाम व जागरूकता, अभियान यातायात सहायता, जागरूकता अतिक्रमण, बाल दुर्व्यवहार अन्य असामाजिक गतिविधियों के संबंधित जागरूकता के कार्यक्रम में सहयोग. मानव व महिला अधिकार, साइबर क्राइम व बैंक की ठगी जागरूकता, एंटी नारकोटिक्स अभियान सभा, वंचित और कमजोर के अधिकारों के लिए अभियान, धार्मिक जुलूस, मेला व उत्सवों में सहयोग, अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि गस्त के साथ सोशल मीडिया के विषयों में सहयोग का काम करना होगा.

अलग ड्रेस कोड तैयार किया जाएगा
पुलिस इन पुलिस मित्रों को अलग तरह का ड्रेस कोड में तैयार करेगी या तो इन्हें अलग तरह की कैप या टी-शर्ट दी जाएगी. ताकि वे कम्युनिटी पुलिसिंग के दौरान अलग नजर आ सके. पुलिस मित्र बनाने में किसी तरह की कोई संख्या की पाबंदी नहीं है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को पुलिस मित्र बनाया जा सकता है. पुलिस अधिकारी भी सोशल मीडिया के जरिए पुलिस मित्रों के ग्रुप बनाकर उनसे निरंतर संपर्क बनाए रखेंगे.


Conclusion:राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी नहीं बनेंगे पुलिस मित्र
पुलिस मित्र योजना में राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को पुलिस मित्र नहीं बनाया जाएगा. पुलिस मित्र किसी भी गलत गतिविधियों में शामिल होने या फिर पुलिस मित्र योजना का दुरुपयोग करने पर उसे तुरंत हटा दिया जाएगा.

वेबसाइट पर करना होगा आवेदन
पुलिस मित्र बनने के लिए युवा को राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर जाकर पुलिस मित्र का फॉर्म भरना होगा. इसके बाद राजस्थान पुलिस आवेदन कर्ता के संबंध में पूरी जांच के बाद उसे पुलिस मित्र बनाएगी. पुलिस मित्र की उम्र भी 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए. वहीं वह किसी भी का सामाजिक आपराधिक या अवांछनीय गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए.

बाइट-- विजय शंकर शर्मा, थानाधिकारी, उद्योग नगर थाना, कोटा शहर
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