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कोटा में महिलाएं छठ पूजा के लिए पहुंची नदी किनारे, डूबते सूर्ये को दिया अर्घ्य

कोटा में छठ पूजा को लेकर बिहार समाज का उत्साह देखने को मिला. शाम को समाज के लोग जलाशयों पर एकत्रित हो कर छठ पूजा में डूबते सूर्य अर्घ्य देने पहुंची. महिलाओं ने इस दिन उपवास कर अपने परिवार की खुशहाली की मन्नत छठी मैया से मांगी.

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Published : Nov 2, 2019, 10:32 PM IST

कोटा. शिवपुरा स्थित चम्बल नदी के घाट पर बिहार समाज के लोग छठ की पूजा के लिए पहुंचे. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. यहां छठव्रती महिलाओं ने एक साथ नदी के किनारे एकत्रित होकर सामूहिक रूप से अर्ध्य दान संपन्न किया.

महिलाओं छठ की पूजा करने पहुंची तालाब

महिलाओं ने बताया कि सूर्य को दूध और जल का अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद छठ मैया की सूप से पूजा की गई. इस दिन छठ मैया के भजन गाए जाते हैं. महिलाएं व्रत रखकर अपने परिवार और बच्चों की खुशहाली की कामना करती हैं.

पढे़ं- जयपुर: जेकेके कला केन्द्र में नृत्य नाटिका ‘रामायण‘ के साथ 'विविधा' की हुई शुरूआत

शहर में शनिवार को महिलाओं ने छठ पूजा में भजन भी गए. इसके साथ ही कुन्हाड़ी, रंगबाड़ी, स्टेशन और कंसुआ में भी छठ पूजा का उत्सव देखने को मिला. गौरतलब है कि रविवार को वापस से छठ पूजा के लिए उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के लिए महिलाएं आएंगी.

कोटा. शिवपुरा स्थित चम्बल नदी के घाट पर बिहार समाज के लोग छठ की पूजा के लिए पहुंचे. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. यहां छठव्रती महिलाओं ने एक साथ नदी के किनारे एकत्रित होकर सामूहिक रूप से अर्ध्य दान संपन्न किया.

महिलाओं छठ की पूजा करने पहुंची तालाब

महिलाओं ने बताया कि सूर्य को दूध और जल का अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद छठ मैया की सूप से पूजा की गई. इस दिन छठ मैया के भजन गाए जाते हैं. महिलाएं व्रत रखकर अपने परिवार और बच्चों की खुशहाली की कामना करती हैं.

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शहर में शनिवार को महिलाओं ने छठ पूजा में भजन भी गए. इसके साथ ही कुन्हाड़ी, रंगबाड़ी, स्टेशन और कंसुआ में भी छठ पूजा का उत्सव देखने को मिला. गौरतलब है कि रविवार को वापस से छठ पूजा के लिए उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के लिए महिलाएं आएंगी.

Intro:छठ पूजा के लिए कोटा शहर में जलाशयों के किनारे बिहार समाज एकत्रित होकर डूबते सूर्ये को दिया अर्ध्य
कोटा में छठ पूजा को लेकर बिहार समाज का उत्साह देखने को मिला।शाम को समाज के लोग जलाशयों पर एकत्रित हो कर छठ पूजा में डूबते सूर्य आर्ध्य दे कर परिवार की खुशहाली की कामना की।

Body:कोटा में छठ पूजा के लिए शिवपुरा स्थित भीतरिया में चम्बल नदी के घांट पर बिहार समाज के लोग शाम को पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाकर डोल के की थाप पर लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर आकर छठव्रती एक साथ नदी के किनारे एकत्रित होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न किया सूर्य को दूध और जल का अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद छठ मैया की सूप से पूजा की गई।महिलाओ ने छठ मैया के भजनों के साथ ही परिवार की ओर बच्चो की खुशहाली के लिए यह व्रत करते है।महिलाओ ने छठ पूजा में भजन भी गए।इसके साथ ही शहर में कुन्हाड़ी, रंगबाड़ी, स्टेशन और कंसुआ में भी छठ पूजा का उत्सव देखने को मिला।
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Conclusion:रविवार को वापस से छठ पूजा के लिए उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के लिए आएंगे।
बाईट-पूनम सिंह, छठ व्रती, महिला
बाईट-सोनी कुमारी, छठ व्रति महिला
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