कोटा. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने बूंदी के केशवराय पाटन में 69वां जन्मदिन मनाया. राजे के जन्मदिन पर समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए (Vasundhra in Keshoraipatan) साफ संदेश दिया कि राजस्थान में भाजपा मतलब वसुंधरा राजे ही हैं. शक्ति प्रदर्शन में भाजपा के बड़ी संख्या में विधायक और सांसद भी पहुंचे. प्रदेश के एक तिहाई सांसद और विधायकों ने उन्हें पहुंच कर बधाई दी है. सांसद विधायकों के बूते ही राजे ने कार्यकर्ताओं के लिए नारा बुलंद किया है कि 'अब की बारी भाजपा की बारी'.
इस मौके पर बोलते हुए वसुंधरा राजे ने सारे रिकॉर्ड (Political meanings of Vasundhara Raje birthday) इस बार ध्वस्त करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि 2003 और 2013 में जितनी सीटें भाजपा को मिली थी, उससे भी ज्यादा इस बार आएगी. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के 24 सांसद हैं. इनमें से एक तिहाई यानी 8 सांसद उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे. मौके पर पहुंचे सांसद और विधायकों के समर्थन को देख राजे ने सत्ता परिवर्तन का नारा बुलंद किया है.
राजनीति के लिए जीवन खपाना पड़ता हैः वसुंधरा राजे ने कहा कि विजय राजे सिंधिया ने जनसंघ को वरिष्ठ नेताओं के साथ में खड़ा किया था. वह खुद महिला होकर भी इमरजेंसी में जेल गईं. इसके बाद में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और भैरों सिंह शेखावत ने भाजपा को बनाया. इसके बाद देश ही नहीं विश्व की सबसे बड़ी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा ने बनाया. विजय राजे सिंधिया ने भी किसी भी विकट परिस्थिति में झुकना मंजूर नहीं किया.
राजे ने कहा कि 'इन्हीं पदचिन्हों पर मैं भी चलती हूं. मेरे 43 साल के राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव कई मुश्किलें, स्पीड ब्रेकर आएं हैं. इस पर चट्टान की तरह मैं डटी रही'. उन्होंने कहा कि राजनीति सिर्फ दो दिन में नहीं होती, जीवन खपाना पड़ता है, लोगों का दिल जीतना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मेरा सपना राजस्थान को मजबूत करने का है.
थोथी घोषणा कर रही है गहलोत सरकारः प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए (Raje Target Gehlot Government) राजे ने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की घोषणा हमारी सरकार ने की थी, इस पर बजट भी जारी किया था. कांग्रेस ने चुनाव के पहले 10 दिन में 2 लाख रुपए का कर्जा माफ करने की बात कही थी, लेकिन ये घोषणा आज तक पूरी नहीं हुई है. भर्तियों की पारदर्शिता खत्म हो गई है. लगातार सरकार की भर्तियों पर दाग लगते रहे हैं.
प्रदेश में विकास तो नहीं हुआ, लेकिन अपराध, महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म, दलित अत्याचार, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ गई है. इन सब में भी राजस्थान टॉप पर पहुंच गया है. हमारी सरकार ने मंदिरों का विकास, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, नारी सशक्तिकरण, अन्नपूर्णा रसोई स्किल डेवलपमेंट, किसानों को फ्री बिजली, प्रदेश की जनता के लिए टोल टैक्स फ्री सहित कई योजनाएं थी. जिन्हें कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया.
कर्जा लेने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत टॉप परः पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि कर्जा लेने में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत टॉप पर हैं. हमारे समय प्रति व्यक्ति कर्जा 38 हजार था जो अब बढ़कर 86 हजार पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वोटों की चिंता है और मुझे जनता की चिंता रहती है. वे चुनाव आने पर जागते हैं और हम हमेशा जनता के लिए काम करते हैं.
ये सांसद पहुंचे राजे के जन्मदिन कार्यक्रम मेंः राजे के जन्मदिन पर करौली धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया, सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनपुरिया, जयपुर से रामचरण बोहरा, श्रीगंगानगर से निहालचंद मेघवाल, अजमेर भागीरथ चौधरी, भरतपुर से रंजीता कोली, चूरू सांसद राहुल कसवा व वसुंधरा के बेटे झालावाड़ सांसद दुष्यंत पहुंचे. साथ ही संगठन से जुड़े भी कई नेता वहां पर पहुंचे थे.
मंच पर नीचे ही बैठ गए सांसद और विधायकः प्रदेश में भाजपा के करीब 71 विधायक हैं. इनमें से एक तिहाई यानी करीब 25 विधायक यहां पर बधाई देने के लिए पहुंचे. इन विधायकों में केशोरायपाटन एमएलए चंद्रकांता मेघवाल, लाडपुरा से कल्पना देवी, खानपुर से नरेंद्र नागर, डग से कालूलाल मेघवाल, मनोहरथाना से गोविंद रानीपुरिया, छबड़ा से प्रतापसिंह सिंघवी, बत्तीलाल मीणा शामिल हैं.
साथ ही मंगलाराम कोली, धर्मेंद्र मोची, सांगानेर से अशोक लाहोटी, अलवर शहर संजय शर्मा, संगरिया गुरदीप साहनी, आसींद रामलाल, फुलेरा निर्मल कुमावत, मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय एमएलए खुशवीर सिंह, ओम प्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक, सिरोही एमएलए समाराम गरासिया मौके पर पहुंचे. साथ ही कपासन एमएलए अर्जुन जीनगर, कालीचरण सराफ भी राजे के जन्मदिन पर केशवराय पाटन पहुंचे. साथ ही दो दर्जन से ज्यादा पूर्व सांसद व विधायक भी यहां पर मौजूद रहे. मंच पर जगह नहीं मिलने पर कई सांसद और विधायक नीचे ही बैठ गए. जिनमें खुद वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे दुष्यंत सिंह भी शामिल रहे.
यह हुआ देव दर्शन कार्यक्रम मेंः वसुंधरा राजे ने अपने पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह के साथ भगवान केशव राय की पूजा की और परिसर में हवन किया. इसके बाद चंबल नदी को नमन करते हुए चुनरी महोत्सव आयोजित किया. बाद में चम्बल नदी में दीपदान किया. राजे हनुमान मंदिर व जैन धर्म के 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनि सुव्रत नाथ मंदिर में भी दर्शनार्थ पहुंची.
समर्थकों में दूरियां, नेताओं के दिल करीबः कार्यक्रम में मंच पर लगे बैनर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया की फोटो थी. इसी तरह से सतीश पूनिया का भी जब जन्मदिन था तो उन्होंने भी वसुंधरा राजे सिंधिया की फोटो अपने बैनर पर लगवाया था. ऐसे में साफ है कि वसुंधरा और पुनिया दोनों के दिल तो करीब हैं, लेकिन उनके समर्थकों में काफी दूरियां हैं. हालांकि, वसुंधरा राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा किसी अन्य नेता का नाम संबोधन के दौरान नहीं लिया.
जाम में फस गए नेता, सभा में नहीं पहुंच पाए हजारों लोगः चंबल नदी के किनारे भगवान केशवराय के मंदिर पर यह आयोजन रखा गया था. यहां का रास्ता केशोरायपाटन शहर के मध्य से होकर गुजर रहा था. ऐसे में बाजारों में भारी वाहनों का जाम लग गया और मेगा हाईवे कोटा लालसोट भी जाम हो गया. बड़ी संख्या में वाहन केशोरायपाटन में फंस गए. ऐसे में कई बड़े नेता भी इस जाम में फंसे रहे. जिनमें विधायक और सांसद भी शामिल हैं. साथ ही जाम के कारण बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी फंस गए और वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए.
सदन पर दिखा वसुंधरा के जन्मदिन का असर : विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा हर मंगलवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाती है. यह बैठक आज भी ना पक्ष लॉबी में सुबह 10 बजे शुरू हुई. बताया जा रहा है कि इसमें करीब 40 विधायक ही शामिल हुए. शामिल होने वाले विधायकों के हस्ताक्षर यहां रखें रजिस्टर में भी अंकित थे. हालांकि, एक-दो विधायक बैठक में थोड़ी देरी से भी शामिल हुए. बताया जा रहा है कि यह सभी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जन्मदिवस पर बूंदी जिले के केशवरायपाटन में हुए कार्यक्रम में शामिल होने गए थे.
हालांकि, कुछ बीजेपी विधायक ऐसे भी थे जो सोमवार रात को ही बूंदी के केशोरायपाटन में पहुंच गए और मंगलवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को शुभकामनाएं देकर जयपुर के लिए रवाना हो गए और दोपहर के बाद विधानसभा की कार्यवाही में शामिल भी हो गए. खैर सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में विपक्ष के विधायकों की संख्या भी सदन में इसी के चलते कम दिखी और प्रश्नकाल ही नहीं शून्यकाल में भी इसका असर देखने को मिला.
सदन में नदारद भाजपा नेताओं को लेकर संयम लोढ़ा ने कह दी यह बड़ी बात : वहीं, सदन में मंगलवार को पेयजल योजनाओं जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा चल रही थी. लेखानुदान मांगों पर बहस के दौरान एक समय ऐसा भी रहा जब सदन में न तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया थे, न उपनेता और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी सदन गायब थे. इस दौरान सदन में मौजूद निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने इसका विरोध किया और यह तक कह दिया कि पेयजल जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, प्रतिपक्ष के नेता, उपनेता तक मौजूद नहीं हैं. क्या यह सब लोग केशवरायपाटन पानी पिलाने गए हैं. जनता को इसकी जानकारी होनी चाहिए. इस बीच सदन में हंगामा भी हुआ, लेकिन सभापति ने सबको शांत करा दिया.