कोटा. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला काफी गर्माया हुआ है. गुरुवार को भी मेडिकल एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी वैभव गालरिया कोटा आए. उन्होंने जेके लोन अस्पताल का पूरा जायजा लिया. अस्पताल की सारी व्यवस्थाओं को देखा, साथ ही दिशा निर्देश भी दिए हैं.
दौरे के दौरान जेके लोन अस्पताल में उन्होंने नर्सरी, एफबीएनसी और शिशु रोग विभाग के सभी वार्डों का भी जायजा लिया, साथ ही उन्होंने दिशा निर्देश भी दिए हैं. इसके बाद उन्होंने गायनिक विभाग के लेबर रूम, मॉड्यूलर लेबर रूम, पोस्ट नेटल और प्री-नेटल वार्ड और मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का जायजा लिया है. जेके लोन अस्पताल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों के विभाग की साथ ही गायनिक के जिन वार्डों में प्रसूताओं के साथ नवजात भर्ती हैं, वहां पर हीटर पूरी तरह से चल रहे हैं या नहीं, सर्दी से बचाव के लिए मरीजों के पास पूरे संसाधन है या नहीं, इसकी भी जानकारी ली. लेकिन मरीजों के पास जो कंबल था वह सर्दी रोकने में नाकाफी था.
जिसके बाद दानदाताओं से नए कंबल लेकर मरीजों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के साथ जेके लोन अस्पताल में ही मीटिंग ली है. दौरे के दौरान गालरिया के साथ जयपुर से अतिरिक्त प्राचार्य एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर डॉ. अमरदीप और डॉ. रश्मि भी साथ थे. बैठक में मेडिकल कॉलेज कोटा के प्राचार्य डॉ विजय सरदाना, जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विभाग के लिए बतौर मेंटर लगाएं.
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उदयपुर के प्राचार्य डॉ. लखन पोसवाल जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार मूंदड़ा, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता मयंगर के साथ गायनिक विभाग के डॉक्टर भी मौजूद थे. वैभव गालरिया ने अपनी मीटिंग के दौरान नए प्रस्तावों पर भी चर्चा की है. साथ ही अस्पताल में नवजात शिशु की मौत को कैसे रोका जाए, इसके लिए पूरी फुलप्रूफ प्लान बनाने के लिए कहा है. अस्पताल में सफाई से लेकर मरीजों के भर्ती होना और अन्य सभी व्यवस्थाओं को अप टू द मार्क रखने को भी कहा गया है. अस्पताल के स्टाफ में बढ़ोतरी और जो स्टाफ है उनको लगातार नवजात शिशु के उपचार के लिए ट्रेनिंग देने के लिए भी कहा है.