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केंद्रीय कृषि कानून किसान विरोधी नहीं है, यह उनकी आय बढ़ाने वाले हैंः कैलाश चौधरी - Central Agricultural Law Latest News

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि यह कानून किसान विरोधी नहीं है, यह उनकी आय को बढ़ाने वाले हैं.

Kailash Chaudhary on Kota tour,  Central Agricultural Law Latest News
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी
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Published : Oct 2, 2020, 8:18 PM IST

कोटा. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी शुक्रवार को कोटा जिले के दौरे पर आए. इस दौरान उन्होंने कोटा के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों से चर्चा की. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों नए कानून कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना), कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन व कृषि सेवा पर करार और आवश्यक वस्तु (संशोधन) पर उन्होंने किसानों को समझाने की कोशिश की.

कोटा दौरे पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों के फायदे के लिए इन बिलों को लेकर आई है. किसानों ने इन बिलों को किसान विरोधी बताते हुए बैठक में नाराजगी भी जताई. कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इन बिलों का जिक्र किया था, लेकिन उन वादों को नहीं निभाया. भाजपा ने भी इन बिलों का जिक्र अपने घोषणा पत्र में किया था, जिन्हें अमलीजामा पहना दिया गया है.

पढ़ें- पंजाब और महाराष्ट्र सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि कानूनों में किए गए बदलाव की स्टडी कर रही सरकार: मंत्री लालचंद कटारिया

कैलाश चौधरी ने कहा कि यह कानून किसान विरोधी नहीं है बल्कि यह उनकी आय को बढ़ाने वाले हैं. इन्हीं कानून के जरिए 2022 तक हम किसानों की आय दोगनी कर देंगे. साथ ही उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की बात करते हुए कहा कि यह प्रशासनिक निर्णय है. इसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि यह जारी रहेगी.

केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा हि नए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले वही लोग हैं, जो राम मंदिर बनने का भी विरोध कर रहे थे. कश्मीर से धारा 370 हटाना और CAA जैसे कानून के विरोध में भी लामबंद हो गए थे. साथ ही उन्होंने कहा कि तीन तलाक जैसे मुद्दों के साथ खड़े होने वाले लोग ही किसानों के लिए लाए गए तीनों बिलों का विरोध कर रहे हैं.

पंजाब की स्थानीय राजनीति कारण से अकाली दल हुआ अलग

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अकाली दल के अलग होने के सवाल पर कहा कि पंजाब की स्थानीय राजनीति के कारण वे अलग हुए हैं. इससे पहले जब कृषि कानून को बनाने की बात चल रही थी, तब कैबिनेट की बैठक के साथ-साथ सभी घटक दलों के साथ भी बातचीत की गई. इस दौरान ना तो किसी घटक दल ने इस्तीफा देने की बात कही और ना ही इसका विरोध किया था. उन्होंने कहा कि सबकी राय लेकर ही कानून को लागू किया गया है.

कोटा. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी शुक्रवार को कोटा जिले के दौरे पर आए. इस दौरान उन्होंने कोटा के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों से चर्चा की. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों नए कानून कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना), कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन व कृषि सेवा पर करार और आवश्यक वस्तु (संशोधन) पर उन्होंने किसानों को समझाने की कोशिश की.

कोटा दौरे पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों के फायदे के लिए इन बिलों को लेकर आई है. किसानों ने इन बिलों को किसान विरोधी बताते हुए बैठक में नाराजगी भी जताई. कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इन बिलों का जिक्र किया था, लेकिन उन वादों को नहीं निभाया. भाजपा ने भी इन बिलों का जिक्र अपने घोषणा पत्र में किया था, जिन्हें अमलीजामा पहना दिया गया है.

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कैलाश चौधरी ने कहा कि यह कानून किसान विरोधी नहीं है बल्कि यह उनकी आय को बढ़ाने वाले हैं. इन्हीं कानून के जरिए 2022 तक हम किसानों की आय दोगनी कर देंगे. साथ ही उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की बात करते हुए कहा कि यह प्रशासनिक निर्णय है. इसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि यह जारी रहेगी.

केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा हि नए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले वही लोग हैं, जो राम मंदिर बनने का भी विरोध कर रहे थे. कश्मीर से धारा 370 हटाना और CAA जैसे कानून के विरोध में भी लामबंद हो गए थे. साथ ही उन्होंने कहा कि तीन तलाक जैसे मुद्दों के साथ खड़े होने वाले लोग ही किसानों के लिए लाए गए तीनों बिलों का विरोध कर रहे हैं.

पंजाब की स्थानीय राजनीति कारण से अकाली दल हुआ अलग

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अकाली दल के अलग होने के सवाल पर कहा कि पंजाब की स्थानीय राजनीति के कारण वे अलग हुए हैं. इससे पहले जब कृषि कानून को बनाने की बात चल रही थी, तब कैबिनेट की बैठक के साथ-साथ सभी घटक दलों के साथ भी बातचीत की गई. इस दौरान ना तो किसी घटक दल ने इस्तीफा देने की बात कही और ना ही इसका विरोध किया था. उन्होंने कहा कि सबकी राय लेकर ही कानून को लागू किया गया है.

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