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यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- मोदी की हुर्रे न उड़े, इसलिए कृषि कानून वापस नहीं ले रहे - कोटा में किसान सम्मेलन

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में किसान रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र के मोदी सरकार इसलिए कृषि कानून वापस नहीं ले रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुर्रे पूरे देश में उड़ेगी.

Shanti Dhariwal statement, farmers conference in Kota
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
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Published : Feb 6, 2021, 9:44 PM IST

कोटा. जिले में कांग्रेस की किसान सम्मेलन और ट्रैक्टर रैली को संबोधित करते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर जमकर हमले बोले. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार हुआ है कि गणतंत्र दिवस पर दो परेड दिल्ली में निकली. इतिहास में ही पहला है, जब एक परेड को देखने के लिए लोग टीवी पर टकटकी लगाए रहते थे, जबकि अब किसानों की परेड को देखने के लिए भी लोग आतुर थे. यह लोग थे जो कि आम किसान हैं और दूरदराज गांव में बैठे हैं.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

तीनों कृषि कानूनों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को मजदूर बनाने के लिए ही कानून लाए गए हैं. किसानों का पूरा पैसा अडानी और अंबानी को देने के लिए ही केंद्र की सरकार काम कर रही है. केंद्र सरकार समझ गई है कि इस कानून का सच में किसान बड़े जोर शोर से विरोध कर रहे हैं. इसीलिए किसान कानून पर पीएम मोदी ने खुद कहा है कि डेढ़ साल तक रोक दिया जाता है. जब तक केंद्र के मोदी सरकार आई है, तो केवल एक दो लोगों के लिए ही यह काम कर रही है. कृषि कानून भी जियो की तरह का खेल है, पहले फ्री में दिया, बाद में पैसा वसूलना बड़े स्तर पर शुरू कर दिया.

पढ़ें- पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की परिभाषा ही बदल दी पहले गरीब का हित देखते थे, अब सबसे अमीर का- भरत सिंह

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि केंद्र के मोदी सरकार नहीं पहले भूमि अवाप्ति कानून किसानों के विरोध में वापस लिया है, तो इस कानून को भी वापस क्यों नहीं लिया जा रहा है. केवल इसलिए कृषि कानून वापस नहीं लिए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुर्रे पूरे देश में उड़ेगी. अब कह रहे हैं कि कृषि कानून पर किसानों को समझाने के लिए अधिकारियों और किसानों के संयुक्त कमेटी बनेगी. सरकार को यह समझना चाहिए कि किसान की क्या मंशा है. वे इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा किया हुआ है

यहां तक कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि देश में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है. यह कानून का विषय केंद्र का है या राज्य का यही फैसला करना है. या फिर केंद्र सरकार राज्यों पर छोड़ दे, जो राज्य इसे लागू करना चाहते हैं वह लागू कर ले और जो राज्य नहीं करना चाहते हैं वे नहीं करें. बाद में लागू करेंगे, अगर वहां अच्छे असर दिखाई देते हैं, तो दूसरे राज्य भी इसे लागू कर लेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसपी पर भी कानून बनाना चाहिए, जिस तरह से केरल में वहां की सरकार ने 23 फसलों को समर्थन मूल्य पर बेचने की घोषणा की हुई है, उसी तरह से देश भर में भी काम होना चाहिए.

कोटा. जिले में कांग्रेस की किसान सम्मेलन और ट्रैक्टर रैली को संबोधित करते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर जमकर हमले बोले. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार हुआ है कि गणतंत्र दिवस पर दो परेड दिल्ली में निकली. इतिहास में ही पहला है, जब एक परेड को देखने के लिए लोग टीवी पर टकटकी लगाए रहते थे, जबकि अब किसानों की परेड को देखने के लिए भी लोग आतुर थे. यह लोग थे जो कि आम किसान हैं और दूरदराज गांव में बैठे हैं.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

तीनों कृषि कानूनों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को मजदूर बनाने के लिए ही कानून लाए गए हैं. किसानों का पूरा पैसा अडानी और अंबानी को देने के लिए ही केंद्र की सरकार काम कर रही है. केंद्र सरकार समझ गई है कि इस कानून का सच में किसान बड़े जोर शोर से विरोध कर रहे हैं. इसीलिए किसान कानून पर पीएम मोदी ने खुद कहा है कि डेढ़ साल तक रोक दिया जाता है. जब तक केंद्र के मोदी सरकार आई है, तो केवल एक दो लोगों के लिए ही यह काम कर रही है. कृषि कानून भी जियो की तरह का खेल है, पहले फ्री में दिया, बाद में पैसा वसूलना बड़े स्तर पर शुरू कर दिया.

पढ़ें- पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की परिभाषा ही बदल दी पहले गरीब का हित देखते थे, अब सबसे अमीर का- भरत सिंह

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि केंद्र के मोदी सरकार नहीं पहले भूमि अवाप्ति कानून किसानों के विरोध में वापस लिया है, तो इस कानून को भी वापस क्यों नहीं लिया जा रहा है. केवल इसलिए कृषि कानून वापस नहीं लिए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुर्रे पूरे देश में उड़ेगी. अब कह रहे हैं कि कृषि कानून पर किसानों को समझाने के लिए अधिकारियों और किसानों के संयुक्त कमेटी बनेगी. सरकार को यह समझना चाहिए कि किसान की क्या मंशा है. वे इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा किया हुआ है

यहां तक कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि देश में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है. यह कानून का विषय केंद्र का है या राज्य का यही फैसला करना है. या फिर केंद्र सरकार राज्यों पर छोड़ दे, जो राज्य इसे लागू करना चाहते हैं वह लागू कर ले और जो राज्य नहीं करना चाहते हैं वे नहीं करें. बाद में लागू करेंगे, अगर वहां अच्छे असर दिखाई देते हैं, तो दूसरे राज्य भी इसे लागू कर लेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसपी पर भी कानून बनाना चाहिए, जिस तरह से केरल में वहां की सरकार ने 23 फसलों को समर्थन मूल्य पर बेचने की घोषणा की हुई है, उसी तरह से देश भर में भी काम होना चाहिए.

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