कोटा. कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की क्षमता को कम किया जा रहा था. इसकी एक, दो नंबर की यूनिट जो कि 1983 में स्थापित हुई थी, उन्हें बंद करने के आदेश ऊर्जा विभाग ने दिए थे. इस संबंध में लगातार कांग्रेस और भाजपा के नेता दोनों यूनिट को चालू रखने की मांग कर रहे थे. थर्मल के कार्मिक और स्थानीय लोग भी दोनों इकाइयों को चालू रखने के लिए आंदोलन करने की तैयारी में थे.
पढ़ें: शेखावत नहीं, सीएम अशोक गहलोत और उनका बेटा है भगौड़ा: वासुदेव देवनानी
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा के थर्मल को लेकर ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और ऊर्जा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दिनेश कुमार से बातचीत की है. जिसके बाद शांति धारीवाल ने कहा है कि दोनों इकाइयों को 30 जून को बंद नहीं किया जाएगा. इन इकाइयों को संचालित करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति दिसंबर 2022 तक की मिली हुई है, ऐसे में 110-110 मेगावाट की दोनों इकाइयों को तब तक संचालित किया जाएगा. ऐसे में थर्मल की क्षमता जो कि 12 से 40 मेगा वाट से कम कर 1020 की जा रही थी, वह नहीं होगा.
यूडीएच मंत्री की इस घोषणा के बाद से ही थर्मल के कार्मिकों और स्थानीय लोगों में खुशी है. साथ ही सभी लोगों ने यह मांग भी उठाई है कि कोटा थर्मल राजस्थान में बिजली उत्पादन का सिरमौर रहा है. ऐसे में उसे लगातार आगे भी संचालित किया जाए.
केंद्र से आगे चलाने की मांगेंगे स्वीकृति, नहीं मिली तो...
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि दोनों इकाइयों के लिए पर्यावरण की स्वीकृति पर्यावरण मंत्रालय से 31 दिसंबर 2022 तक की है. उर्जा मंत्री और प्रिंसिपल सेक्रेटरी दिनेश कुमार ने यूनिट्स को 31 दिसंबर 2022 तक बंद नहीं करने का निर्णय लिया है. धारीवाल ने यह भी कहा है कि पर्यावरण मंत्रालय से इन्हें आगे चलाने के लिए भी स्वीकृति लेनी होगी. जिसके लिए भी राजस्थान सरकार प्रयास करेगी, हमें स्वीकृति मिल जाती है तो सभी सातों यूनिट्स आगे भी चलती रहेंगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो राजस्थान सरकार यहां पर सोलर प्लांट स्थापित करेगी.