कोटा. जिले के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लिए बुरी खबर आई है. रिजर्व के टाइगर एमटी-3 की मौत हो गई. टाइगर रिजर्व के शुरू होने के पहले ही बाघ की मौत हो जाने से वन्यजीव प्रेमी दुखी हैं. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक टी मोहनराज ने अनुसार बाघ बीते तीन-चार दिनों से पैर में चोट से ग्रसित था. इसके चलते वह लंगड़ा कर भी चल रहा था. हालांकि उसके चोट किस तरह से लगी इस संबंध में अभी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
अधिकारियों का कहना है कि टाइगर का दरा रेस्ट हाउस में पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. उसके बाद ही कारणों का खुलासा हो सकेगा. बाघ की मौत से वन्यजीव प्रेमियों में निराशा है. वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के शुरू होने के पहले ही बाघ का दम तोड़ देना दुखद है. टाइगर की अचानक से हुई मौत के बाद हाड़ौती के पर्यटन को झटका लगा है.
आपसी संघर्ष में हुआ था घायल...
बाघ एमटी-3 मार्च माह में आपसी संघर्ष के चलते घायल हो गया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद मुकुंदरा रिजर्व प्रबंधन ने इसे ट्रेंकुलाइज किया था. साथ ही इसका उपचार किया गया. बाघ के किसी अन्य जानवर से संघर्ष के दौरान चोट लगी थी. उसके घाव में कीड़े आ गए थे. जिनको भी उपचार के दौरान निकालकर घाव को साफ किया गया था. उसका रेडियो कॉलर भी खराब था. ऐसे में उसे भी बदला गया था.
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चंबल नदी को पार कर पहुंचा था मुकुंदरा...
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बाघिन टी-60 का बेटा टी-98 बाघ वर्ष 2019 में टेरिटरी संघर्ष के चलते बूंदी जिले के रामगढ़ सेंचुरी में आ गया. जहां से वह चंबल नदी को पार करता हुआ कोटा जिले के सुल्तानपुर इलाके में पहुंचा था. यहां से भी बाघ कालीसिंध नदी होता मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व पहुंच गया. जहां उसका स्थाई निवास बन गया था. साथ ही उसे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने नया नाम देते हुए बाघ एमटी-3 बना दिया था.