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कोटा: चंबल में हजारों मछलियों की मौत

कोटा जिले में चंबल बैराज की डाउन स्ट्रीम में बुधवार को हजारों की तादाद में मरी हुई मछलियां मिली. मछलियों के मरने के कारण का अभी पता नहीं चला है. इससे पहले भी राजस्थान में सांभर और आनासागर लेक में पक्षियों और मछलियों की मौत का मामला सामने आ चुका है.

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चंबल में हजारों मछलियों की मौत
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Published : Aug 13, 2020, 4:25 AM IST

कोटा. चंबल बैराज की डाउन स्ट्रीम में छोटी पुलिया के पास हजारों की तादात में मछलियों के मरने का मामला सामने आया है. इतनी तादाद में मछलियों के मरने के पीछे क्या वजह है इसका अभी पता नहीं चला है. जब राहगीर नयापुरा के पास छोटी पुलिया से गुजरे तो मरी हुई हजारों मरी हुई मछलियों की चादर पानी पर तैर रही थी. जिसके बाद कल कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले की जांच की मांग की जाएगी.

मछलियों की मौत की वजह नहीं है साफ

यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव यश मालवीय ने बताया कि इतनी संख्या में मछलियों का मरना अपने आप में संदेह पैदा करता है. मछलियां गंदे पानी की वजह से मरी, पानी में किसी कैमिकल के मिलने के कारण ये घटना हुई है इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गुरुवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा. कलेक्टर से इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी.

पढ़ें: कोटा में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुआ परिवार, एक सदस्य की मौत

इससे पहले भी राजस्थान में मछलियों के मरने का मामला सामने आ चुका है. सांभर लेक में पिछले साल और इस साल की शुरूआत में हजारों मछलियों और पक्षियों के मरने के बाद प्रदेश सरकार ने जांच करवाई थी. आनासागर लेक में भी 8 महीने पहले सैंकड़ों पक्षियों की मौत हो गई थी. दुनिया भर में करोड़ों समुद्री जीवों की हर साल जहरीले कैमिकल से मौत हो जाती है.

कोटा. चंबल बैराज की डाउन स्ट्रीम में छोटी पुलिया के पास हजारों की तादात में मछलियों के मरने का मामला सामने आया है. इतनी तादाद में मछलियों के मरने के पीछे क्या वजह है इसका अभी पता नहीं चला है. जब राहगीर नयापुरा के पास छोटी पुलिया से गुजरे तो मरी हुई हजारों मरी हुई मछलियों की चादर पानी पर तैर रही थी. जिसके बाद कल कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले की जांच की मांग की जाएगी.

मछलियों की मौत की वजह नहीं है साफ

यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव यश मालवीय ने बताया कि इतनी संख्या में मछलियों का मरना अपने आप में संदेह पैदा करता है. मछलियां गंदे पानी की वजह से मरी, पानी में किसी कैमिकल के मिलने के कारण ये घटना हुई है इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गुरुवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा. कलेक्टर से इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी.

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इससे पहले भी राजस्थान में मछलियों के मरने का मामला सामने आ चुका है. सांभर लेक में पिछले साल और इस साल की शुरूआत में हजारों मछलियों और पक्षियों के मरने के बाद प्रदेश सरकार ने जांच करवाई थी. आनासागर लेक में भी 8 महीने पहले सैंकड़ों पक्षियों की मौत हो गई थी. दुनिया भर में करोड़ों समुद्री जीवों की हर साल जहरीले कैमिकल से मौत हो जाती है.

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