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कोटा: राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस बार 101 फीट का होगा रावण - National Dussehra Fair News

कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस बार 101 फीट का रावण होगा. वहीं रावण को आकर्षण बनाने के लिए पुतले को फ्लोरोसेंट कलर युक्त अबरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, कोटा नगर निगम के भाजपा बोर्ड का इस वर्ष अंतिम दशहरा मेला है. इस कारण मेला अधिकारी और मेला समिति के सदस्य दशहरे मेले को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं.

राष्ट्रीय दशहरा मेला न्यूज, National Dussehra Fair News
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Published : Sep 25, 2019, 10:39 PM IST

कोटा. जिले का राष्ट्रीय दशहरा मेला अपना 126 वर्ष इस साल पूरा करेगा, जिसमें 101 फीट ऊंचा रावण बनाया जा रहा है. बता दें कि कोटा नगर निगम के भाजपा बोर्ड का इस वर्ष अंतिम दशहरा मेला है. मेला अधिकारी और मेला समिति के सदस्य दशहरे मेले को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं. रावण के कुनबे को इस बार तैयार करने के लिए दिल्ली एनसीआर से रावण और उसके परिवार का कुनबा बनाने के लिए अनीस अहमद पहली बार कोटा आए हैं. उन्होंने दिल्ली में ही अभी तक रावण बनाए हैं.

राष्ट्रीय दशहरा मेला में इस बार 101 फीट का होगा रावण

कारीगर अनीस अहमद का कहना है कि रावण का कुनबा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह दशहरा मेला आयुवध होता जा रहा है उसी तरह इस बार रावण का भी कद पहले से काफी बड़ा है. कारीगर ने कहा कि इस बार रावण के पुतले की लंबाई भी बढ़ाई गई है, जो कि 101 फीट होगी.

पढ़ें- अलवर की पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिलने से परिजनों में खुशी, बाल विवाह रोकने की जगाई थी अलख

रावण के पुतले का निर्माण कर रहे दिल्ली एनसीआर के कारीगर ने बताया कि पुतले बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि वह पहली बार कोटा वासियों को अपने कारीगरी से खुश करने की कोशिश में लगे हुए हैं. कारीगर ने कहा कि इस बार रावण का पुतला गर्दन घुमाएगा, आंखे झपकाएगा और साथ ही मुंह खोलकर अठ्ठाहस भी करेगा. रावण का पुतला 30 तारीख तक बन कर तैयार हो जाएगा.

फ्लोरोसेंट कलर युक्त अबरी का किया जाएगा इस्तेमाल

कारीगर ने बताया कि रावण के पुतले के निर्माण के लिए पांच सौ से एक हजार के करीब बास, मैदा की 300 किलो की लई, साथ में सूत 25 किलो और दो क्विंटल सुतली के साथ-साथ कलरफुल अबरी और 400 क्विंटल की रद्दी इसमें प्रयोग की जा रही है. रावण के पुतले के लिए लॉरेंस कलर युक्त अबरी का इस्तेमाल किया जाएगा.

बाढ़ में ढह गया था पंडाल

अनीस अहमद का कहना है कि12 सितंबर को आंधी और तेज पानी में पंडाल गिर जाने से करीब 60 फीसदी काम हो गया काम पंडाल गिरने से खराब हो गया. उन्होंने कहा कि फिर से काम शुरू कर हमने रावण के कुनबे बनाकर तैयार किए हैं और अब करीब 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

कोटा. जिले का राष्ट्रीय दशहरा मेला अपना 126 वर्ष इस साल पूरा करेगा, जिसमें 101 फीट ऊंचा रावण बनाया जा रहा है. बता दें कि कोटा नगर निगम के भाजपा बोर्ड का इस वर्ष अंतिम दशहरा मेला है. मेला अधिकारी और मेला समिति के सदस्य दशहरे मेले को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं. रावण के कुनबे को इस बार तैयार करने के लिए दिल्ली एनसीआर से रावण और उसके परिवार का कुनबा बनाने के लिए अनीस अहमद पहली बार कोटा आए हैं. उन्होंने दिल्ली में ही अभी तक रावण बनाए हैं.

राष्ट्रीय दशहरा मेला में इस बार 101 फीट का होगा रावण

कारीगर अनीस अहमद का कहना है कि रावण का कुनबा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह दशहरा मेला आयुवध होता जा रहा है उसी तरह इस बार रावण का भी कद पहले से काफी बड़ा है. कारीगर ने कहा कि इस बार रावण के पुतले की लंबाई भी बढ़ाई गई है, जो कि 101 फीट होगी.

पढ़ें- अलवर की पायल जांगिड़ को चेंजमेकर अवार्ड मिलने से परिजनों में खुशी, बाल विवाह रोकने की जगाई थी अलख

रावण के पुतले का निर्माण कर रहे दिल्ली एनसीआर के कारीगर ने बताया कि पुतले बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि वह पहली बार कोटा वासियों को अपने कारीगरी से खुश करने की कोशिश में लगे हुए हैं. कारीगर ने कहा कि इस बार रावण का पुतला गर्दन घुमाएगा, आंखे झपकाएगा और साथ ही मुंह खोलकर अठ्ठाहस भी करेगा. रावण का पुतला 30 तारीख तक बन कर तैयार हो जाएगा.

फ्लोरोसेंट कलर युक्त अबरी का किया जाएगा इस्तेमाल

कारीगर ने बताया कि रावण के पुतले के निर्माण के लिए पांच सौ से एक हजार के करीब बास, मैदा की 300 किलो की लई, साथ में सूत 25 किलो और दो क्विंटल सुतली के साथ-साथ कलरफुल अबरी और 400 क्विंटल की रद्दी इसमें प्रयोग की जा रही है. रावण के पुतले के लिए लॉरेंस कलर युक्त अबरी का इस्तेमाल किया जाएगा.

बाढ़ में ढह गया था पंडाल

अनीस अहमद का कहना है कि12 सितंबर को आंधी और तेज पानी में पंडाल गिर जाने से करीब 60 फीसदी काम हो गया काम पंडाल गिरने से खराब हो गया. उन्होंने कहा कि फिर से काम शुरू कर हमने रावण के कुनबे बनाकर तैयार किए हैं और अब करीब 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

Intro:स्पेशल रिपोर्ट:- कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस बार101 फिट का होगा रावण। रावण को आकर्षण बनाने के लिए पुतले को फ्लोरोसेंट कलर युक्त अबरी का स्तेमाल किया गया है।
रावण गर्दन घुमाएगा, आंखे टिमतिमायेगाओर हाथ हिलाएगा। मुह खोलकर अट्हास करेगा।
कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला अपना 126 वर्ष इस साल पूरा करेगा । जिसमे101 फिट ऊंचा रावण बनाया जा रहा है।
कोटा नगर निगम का भाजपा बोर्ड का इस वर्ष अंतिम दशहरा मेला है मेला अधिकारी और मेला समिति के सदस्य दशहरे मेले को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं रावण के कुनबे को इस बार तैयार करने के लिए दिल्ली एनसीआर से रावण और उसके परिवार का कुनबा बनाने के लिए अनीस अहमद पहली बार कोटा आए है।उन्होंने दिल्ली में ही अभी तक रावण बनाये है।
रावण गर्दन घुमाएगा, आंखे झपकएगा साथ ही मुंह खोलकर अठ्ठाहस भी करेगा:-
Body:अनीस अहमद का कहना है की रावण का कुनबा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा जिस तरह दशहरा मेला आयुवध होता जा रहा है उसी तरह इस बार रावण का भी कद पहले से काफी बड़ा है इस बार रावण के पुतले की लंबाई भी बढ़ाइ गई है जो की 101 फ़ीट होगी ।रावण के पुतले का निर्माण कर रहे दिल्ली एनसीआर के कारीगर ने बताया की पुतले बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पहली बार कोटा वासियों को अपने कारीगरी से खुश करने की कोशिश में लगे हुए है। इस बार रावण का पुतला गर्दन घुमाएगा आंखे झपकएगा साथ ही मुंह खोलकर अठ्ठाहस भी करेगा। रावण का पुतला 30 तारीख तक बन कर तैयार हो जाएगा।

रावण के पुतले को फ्लोरोसेंट कलर युक्त अबरी का स्तेमाल किया जायेगा:-

उन्होंने बताया कि रावण के पुतले के निर्माण के लिए पांच से हजार करीब बास, मैदा की 300 किलो की लई ,साथ मे सूत 25 किलो ओर दो क्विंटल सुतली के साथ साथ कलरफुल अबरी और 400 क्विंटल की रद्दी इसमें प्रयोग की जा रही है । रावण के।पुतले को लॉरेंस कलर युक्त अबरी का इस्तेमाल किया जाएगा जो कि रावण की सुंदरता में चार चांद लगाएगा इस बार रावण का पुतला गर्दन घुमाएगा आंखे झपकएगा साथ ही मुंह खोलकर अठ्ठाहस भी करेगा। रावण का पुतला 30 तारीख तक बन कर तैयार हो जाएगा।

Conclusion:बाढ़ में ढह गया था पंडाल, बाल बाल बचे थे12 कारीगर :-
अनीस अहमद का कहना है कि12 सितंबर को आंधी ओर तेज पानी ने पंडाल गिर जाने से करीब 60 प्रतिशत काम हो गया था।लेकिन सब पंडाल गिरने से खराब हो गया।फिर से दिन ओर रात काम कर हमने रावण के कुनबे बनाकर तैयार किये है और अब करीब 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
बाईट-अनीस अहमद, कारीगर, दिल्ली एनसीआर
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