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मेयर केवल मुखौटा रह गए हैं, मेरी हर रिकमेंडेशन को अधिकारी मानते तो कोटा को स्वर्ग बना देता: महापौर महेश विजय

कोटा नगर निगम में वर्तमान भाजपा के बोर्ड का 25 नवंबर को कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल के खत्म होने के 2 दिन पहले शनिवार को निगम के महापौर महेश विजय ने पत्रकार वार्ता कर भाजपा बोर्ड के कार्यकाल की कई उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने कहा कि अगर उनकी हर रिकमेंडेशन लागू किया होता तो वे कोटा शहर को स्वर्ग बना देते. महापौर ने कहा कि मेयर केवल मुखौटा बनकर रह गया है सारा काम अधिकारी के हाथ में चला गया.

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Published : Nov 23, 2019, 9:46 PM IST

कोटा महापौर पत्रकार वार्ता, Kota mayor press conference

कोटा. नगर निगम में वर्तमान भाजपा के बोर्ड का 25 नवंबर को कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल के खत्म होने के 2 दिन पहले शनिवार को निगम के महापौर महेश विजय ने पत्रकार वार्ता कर भाजपा बोर्ड के कार्यकाल की कई उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने दावा किया कि नगर निगम का भाजपा बोर्ड अपने मकसद में बहुत सफल रहा है.

मेयर केवल मुखौटा रह गए हैं: महापौर महेश विजय

महापौर ने कहा कि उनके 85 फीसदी सफलता बोर्ड ने अर्जित की है, बाकी 15 फीसदी कार्य अधिकारियों का पूरी तरह से सहयोग नहीं मिलने के कारण वे अभी पाइपलाइन में हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी हर रिकमेंडेशन लागू किया होता, तो वे कोटा शहर को स्वर्ग बना देते. उन्होंने कहा कि मेयर केवल मुखौटा बनकर रह गया है. सारा काम अधिकारी के हाथ में चला गया.

पढ़ें- Exclusive: जोधपुर के महापौर जिन्होंने 5 साल सरकारी वाहन उपयोग में नहीं लिया, वेतन भी समाज सेवा में लगाया

प्रेस वार्ता में उनके साथ उपमहापौर सुनीता व्यास, पार्षद भगवान स्वरूप गौतम व नरेंद्र सिंह हाडा भी मौजूद रहे. दो दिन बाद कार्यकाल को खत्म होने पर महापौर ने निगम में आज सभी पक्ष और विपक्ष के पार्षदों को बुलाया और कार्यकाल के खट्टे मीठे अनुभवों को साझा किया.

फोटो खिंचवाने के शौकीन लोगों ने आरोप लगाए

महापौर महेश विजय ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में बोर्ड के किसी जनप्रतिनिधि और अधिकारी पर घोटाले के आरोप नहीं लगे. पत्रकारों के मिट्टी घोटाले को उन्होंने राजनीति की देन बताया. साथ ही फोटो खिंचवाने के शौकीन लोगों ने महापौर पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया.

नगर निगम में फाइल निस्तारण की समय सीमा तय हो

महापौर ने पत्रकार वार्ता के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से आग्रह किया कि जनहित की फाइलों के निस्तारण की समय सीमा तय हो, ताकि लोग बेवजह चक्कर ना काटे. मंत्री इस काम की खुद मॉनिटरिंग करें और फाइलों के निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें. महापौर महेश विजय ने यह भी कहा कि अधिकारी हर रिकमेंड को मानते तो वह शहर को स्वर्ग बना देते.

आयुक्त नहीं करते पालना

मेयर ने कार्यकाल खत्म होने के पहले कहा कि निगम आयुक्त को मेयर के प्रति उत्तरदायित्व होना चाहिए. मेयर ही आयुक्त की सीआर भरे. महेश विजय ने कहा कि मेयर के आदेश की पालना नहीं होती, यही कारण है कि सिर्फ महापौर मुखौटा के रूप में रह गया है.

कांग्रेस सरकार के इशारे पर अधिकारी डरे, काम रोका

महापौर ने अधिकारियों पर इशारे और सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. मेयर ने कहा जैसे ही प्रदेश में सरकार बदली अधिकारियों ने सरकार के डर में काम करना बंद कर दिया. नगर निगम में पूरे 5 साल में सिर्फ 15 ही बोर्ड की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि कई बार यू नोट लिखने के बाद बैठक नहीं बुलाई गई. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने रिकॉर्ड बनाया है, राजस्थान में कहीं पर भी तीन-तीन दिन तक बैठक नहीं चली.

वहीं, मेयर ने माना मीटिंग कम हुई लेकिन सौहार्द वाली हुई. उन्होंने कहा कि कई बार अधिकारियों के तबादले और तीज त्यौहार के चलते मीटिंग नहीं हुई, लेकिन मेयर ने अपने कार्यकाल में बोर्ड की बैठक के नहीं होने को फैलियर नहीं माना.

नई गौशाला नहीं बनने का दुख

मेयर ने कहा कि उन्हें नई गौशाला नहीं बनने का दुख है. 15 करोड़ की गौशाला भाजपा बोर्ड नहीं बना सका, जिसका शिलान्यास बीजेपी नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि अधिकारी आदेशों को लागू नहीं कर पाए.

चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- मेरी इच्छा नहीं

महापौर महेश विजय ने दोबारा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि उनकी इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी नए चेहरे को चुनाव लड़ाया जाए. हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने कुएं में कूदने के लिए भी कहा तो कूदेंगे.

कोटा. नगर निगम में वर्तमान भाजपा के बोर्ड का 25 नवंबर को कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल के खत्म होने के 2 दिन पहले शनिवार को निगम के महापौर महेश विजय ने पत्रकार वार्ता कर भाजपा बोर्ड के कार्यकाल की कई उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने दावा किया कि नगर निगम का भाजपा बोर्ड अपने मकसद में बहुत सफल रहा है.

मेयर केवल मुखौटा रह गए हैं: महापौर महेश विजय

महापौर ने कहा कि उनके 85 फीसदी सफलता बोर्ड ने अर्जित की है, बाकी 15 फीसदी कार्य अधिकारियों का पूरी तरह से सहयोग नहीं मिलने के कारण वे अभी पाइपलाइन में हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी हर रिकमेंडेशन लागू किया होता, तो वे कोटा शहर को स्वर्ग बना देते. उन्होंने कहा कि मेयर केवल मुखौटा बनकर रह गया है. सारा काम अधिकारी के हाथ में चला गया.

पढ़ें- Exclusive: जोधपुर के महापौर जिन्होंने 5 साल सरकारी वाहन उपयोग में नहीं लिया, वेतन भी समाज सेवा में लगाया

प्रेस वार्ता में उनके साथ उपमहापौर सुनीता व्यास, पार्षद भगवान स्वरूप गौतम व नरेंद्र सिंह हाडा भी मौजूद रहे. दो दिन बाद कार्यकाल को खत्म होने पर महापौर ने निगम में आज सभी पक्ष और विपक्ष के पार्षदों को बुलाया और कार्यकाल के खट्टे मीठे अनुभवों को साझा किया.

फोटो खिंचवाने के शौकीन लोगों ने आरोप लगाए

महापौर महेश विजय ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में बोर्ड के किसी जनप्रतिनिधि और अधिकारी पर घोटाले के आरोप नहीं लगे. पत्रकारों के मिट्टी घोटाले को उन्होंने राजनीति की देन बताया. साथ ही फोटो खिंचवाने के शौकीन लोगों ने महापौर पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया.

नगर निगम में फाइल निस्तारण की समय सीमा तय हो

महापौर ने पत्रकार वार्ता के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से आग्रह किया कि जनहित की फाइलों के निस्तारण की समय सीमा तय हो, ताकि लोग बेवजह चक्कर ना काटे. मंत्री इस काम की खुद मॉनिटरिंग करें और फाइलों के निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें. महापौर महेश विजय ने यह भी कहा कि अधिकारी हर रिकमेंड को मानते तो वह शहर को स्वर्ग बना देते.

आयुक्त नहीं करते पालना

मेयर ने कार्यकाल खत्म होने के पहले कहा कि निगम आयुक्त को मेयर के प्रति उत्तरदायित्व होना चाहिए. मेयर ही आयुक्त की सीआर भरे. महेश विजय ने कहा कि मेयर के आदेश की पालना नहीं होती, यही कारण है कि सिर्फ महापौर मुखौटा के रूप में रह गया है.

कांग्रेस सरकार के इशारे पर अधिकारी डरे, काम रोका

महापौर ने अधिकारियों पर इशारे और सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. मेयर ने कहा जैसे ही प्रदेश में सरकार बदली अधिकारियों ने सरकार के डर में काम करना बंद कर दिया. नगर निगम में पूरे 5 साल में सिर्फ 15 ही बोर्ड की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि कई बार यू नोट लिखने के बाद बैठक नहीं बुलाई गई. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने रिकॉर्ड बनाया है, राजस्थान में कहीं पर भी तीन-तीन दिन तक बैठक नहीं चली.

वहीं, मेयर ने माना मीटिंग कम हुई लेकिन सौहार्द वाली हुई. उन्होंने कहा कि कई बार अधिकारियों के तबादले और तीज त्यौहार के चलते मीटिंग नहीं हुई, लेकिन मेयर ने अपने कार्यकाल में बोर्ड की बैठक के नहीं होने को फैलियर नहीं माना.

नई गौशाला नहीं बनने का दुख

मेयर ने कहा कि उन्हें नई गौशाला नहीं बनने का दुख है. 15 करोड़ की गौशाला भाजपा बोर्ड नहीं बना सका, जिसका शिलान्यास बीजेपी नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि अधिकारी आदेशों को लागू नहीं कर पाए.

चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- मेरी इच्छा नहीं

महापौर महेश विजय ने दोबारा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि उनकी इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी नए चेहरे को चुनाव लड़ाया जाए. हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने कुएं में कूदने के लिए भी कहा तो कूदेंगे.

Intro:महापौर महेश विजय ने भाजपा बोर्ड के कार्यकाल की कई उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने दावा किया कि नगर निगम का भाजपा बोर्ड अपने मकसद में बहुत सफल रहा है. उनके 85 फीसदी सफलता बोर्ड ने अर्जित की है, बाकी 15 फ़ीसदी कार्य अधिकारियों का पूरी तरह से सहयोग नहीं मिलने के कारण वे अभी पाइपलाइन में हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी हर रिकमेंडेशन लागू किया होता, तो वे कोटा शहर को स्वर्ग बना देते. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेयर केवल मुखौटा बनकर रह गया है सारा काम अधिकारी के हाथ में चला गया.


Body:कोटा.
कोटा नगर निगम में वर्तमान भाजपा के बोर्ड का 25 नवंबर को कार्यकाल खत्म हो रहा है. कार्यकाल के खत्म होने के 2 दिन पहले आज निगम के महापौर महेश विजय ने पत्रकार वार्ता बुलाई. महापौर महेश विजय ने भाजपा बोर्ड के कार्यकाल की कई उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने दावा किया कि नगर निगम का भाजपा बोर्ड अपने मकसद में बहुत सफल रहा है. उनके 85 फीसदी सफलता बोर्ड ने अर्जित की है, बाकी 15 फ़ीसदी कार्य अधिकारियों का पूरी तरह से सहयोग नहीं मिलने के कारण वे अभी पाइपलाइन में हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी हर रिकमेंडेशन लागू किया होता, तो वे कोटा शहर को स्वर्ग बना देते. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेयर केवल मुखौटा बनकर रह गया है. सारा काम अधिकारी के हाथ में चला गया. प्रेस वार्ता में उनके साथ उपमहापौर सुनीता व्यास, पार्षद भगवान स्वरूप गौतम व नरेंद्र सिंह हाडा भी मौजूद रहे. दो दिन बाद कार्यकाल को खत्म होने पर महापौर ने निगम में आज सभी पक्ष और विपक्ष के पार्षदों को बुलाया और कार्यकाल के खट्टे मीठे अनुभवों को साझा किया.

फोटो खिंचवाने के शौकीन लोगों ने आरोप लगाए
महापौर महेश विजय ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में बोर्ड के किसी जनप्रतिनिधि व अधिकारी पर घोटाले के आरोप नहीं लगे, पत्रकारों के मिट्टी घोटाले को उन्होंने राजनीति की देन बताया, फोटो खिंचवाने के शौकीन लोगों ने महापौर पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया.

नगर निगम में फाइल निस्तारण की समय सीमा तय हो
महापौर ने इस पत्रकार वार्ता के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से आग्रह किया कि जनहित की फाइलों के निस्तारण की समय सीमा तय हो, ताकि लोग बेवजह चक्कर ना काटे. मंत्री इस काम की खुद मॉनिटरिंग करें फाइलों के निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें. महापौर महेश विजय ने यह भी कहा कि अधिकारी हर रिकमेंड को मानते तो वह शहर को स्वर्ग बना देते.

आयुक्त नहीं करते पालना
मेयर ने कार्यकाल खत्म होने के पहले मन के उदगार सामने लाते हुए कहा कि निगम आयुक्त को मेयर के प्रति उत्तरदायित्व होना चाहिए, मेयर ही आयुक्त की सीआर भरे. महेश विजय ने कहा कि मेयर के आदेश की पालना नहीं होती यही कारण है कि सिर्फ महापौर मुखौटा के रूप में रह गया है.




Conclusion:कांग्रेस सरकार के इशारे पर अधिकारी डरे, काम रोका
महापौर ने अधिकारियों पर इशारे व सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. मेयर ने कहा जैसे ही प्रदेश में सरकार बदली अधिकारियों ने सरकार के डर में काम करने बंद कर दिए. नगर निगम में पूरे 5 साल में सिर्फ 15 ही बोर्ड के बैठकर हुई. सवाल पर उन्होंने कहा कि कई बार यू नोट लिखने के बाद बैठकर नहीं बुलाई गई. मेयर ने माना मीटिंग है कम हुई लेकिन सौहार्द वाली हुई. नगर निगम ने रिकॉर्ड तक बनाया राजस्थान में कहीं पर भी तीन-तीन दिन तक बैठक नहीं चली. कई बार अधिकारियों के तबादले व तीज त्यौहार के चलते मीटिंग नहीं हुई, लेकिन मेयर ने अपने कार्यकाल में बोर्ड की बैठक के नहीं होने को फैलियर नहीं माना.

नई गौशाला नहीं बनने का दुख
मेयर ने कहा कि उन्हें नई गौशाला नहीं बनने का दुख है, 15 करोड़ की गौशाला भाजपा बोर्ड नहीं बना सका. जिसका शिलान्यास बीजेपी नहीं कर पाएगी. अधिकारी आदेशों को लागू नहीं कर पाए.

चुनाव लड़ने के सवाल पर कहां-मेरी इच्छा नहीं
महापौर महेश विजय ने दोबारा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि उनकी इच्छा नहीं है किसी नए चेहरे को चुनाव लड़ाया जाए. हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने कुएं में कूदने के लिए भी कहा तो कूदेंगे.

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बाइट-- महेश विजय, महापौर कोटा
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