कोटा. ईटीवी भारत के खबर का बड़ा असर हुआ है. कोटा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र में बन रहे लहसुन के इम्यूनिटी बूस्टर कैप्सूल पर समाचार प्रकाशित किया था. इसके बाद ही तेलंगाना सरकार ने कोटा कृषि विश्वविद्यालय से एमओयू करने का मन बना लिया है. तेलंगाना सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड एग्रीकल्चर कोटा विश्वविद्यालय को पत्र इस संबंध में भेजा है. जिसमें एमओयू के लिए लिखा है, ताकि तेलंगाना में भी लहसुन के हर्बल कैप्सूल बनने लग जाएं. जिसके बाद वहां के लोगों को भी स्वास्थ्य लाभ हर्बल कैप्सूल के जरिए मिले. साथ ही बड़े स्तर पर भी लोगों को रोजगार इनके जरिए मिले. कोविड-19 के समय में भी इसकी काफी मांग इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में है.
कोटा कृषि विश्वविद्यालय की मानव संसाधन निदेशक डॉ. ममता तिवारी का कहना है कि तेलंगाना सरकार के हॉर्टिकल्चर एंड सेरीकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर वेंकटरमन रेड्डी का पत्र उन्हें मिला है. इसके अलावा कई लोगों के फोन भी वहां से ट्रेनिंग मॉड्यूल के लिए आ चुके हैं. जिस पर उन्होंने एक ट्रेनिंग मॉड्यूल भी उन्हें बनाकर भेज दिया है, ताकि जल्द ही लहसुन के कैप्सूल की ट्रेनिंग तेलंगाना के युवाओं, महिलाओं और स्वयं सहायता समूह को दी जा सके.
3 दिन का बना है ट्रेनिंग मॉड्यूल...
डॉ. ममता तिवारी का कहना है कि उन्होंने 3 दिन का मॉड्यूल ट्रेनिंग का तैयार कर लिया है. जिसके अनुसार कृषि विश्वविद्यालय कोटा इस बात के लिए तैयार है कि वह ट्रेनिंग कोटा में हो या फिर हैदराबाद (तेलंगाना) में आयोजित की जाए. ट्रेनिंग कोटा में हो तो वहां के युवा व महिलाए की तीन दिवसीय ट्रेनिंग दे दी जाएगी. उन्हें कैप्सूल बनाने की विधि के साथ पैकेजिंग और कच्चेमाल के बारे में भी बताया जाएगा. साथ ही मशीनरी जो उपयोग आएगी, उसकी भी जानकारी दी जाएगी. ऐसा एक प्रपोजल हमने बनाकर भेज दिया है.
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हमारा उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोग बनाना सीखें...
डॉ. तिवारी का कहना है कि कृषि विश्वविद्यालय का उद्देश्य भी यही है कि जो लहसुन के हर्बल कैप्सूल हम बना रहे हैं. मार्केट में उनकी बड़ी मांग है. उनको ज्यादा से ज्यादा लोग बनाना सीखे और अपनी खुराक में भी उन्हें शामिल करें. वहीं डॉ. तिवारी ने कहा कि तेलंगाना के हॉर्टिकल्चरल सेरीकल्चर विभाग से जो पत्र उन्हें मिला है, उसमें जिक्र किया है कि उनके यहां पर समाचार पत्र और टेलीविजन पर यह समाचार उन्होंने देखे थे. इससे उन्हें जानकारी मिली है. डॉ. तिवारी का कहना है कि वहां के निदेशक का ही पत्र हमें नहीं मिला है. लगातार वहां से इन लहसुन के कैप्सूल की ट्रेनिंग के लिए और एमओयू के लिए फोन भी अधिकारियों के आ रहे हैं.
काफी गुणकारी है ये कैप्सूल...
कोटा कृषि विज्ञान केंद्र में लहसुन के कैप्सूल पूरे देश भर में बिक्री के लिए भी जा रहे हैं. इन लहसुन के कैप्सूल की बात की जाए तो यह कई बीमारियों में लाभकारी हैं. साथ ही दावा किया जा रहा है कि कैंसर तक की बीमारी भी लहसुन खाने से दूर हो जाती है. वहीं जो व्यक्ति सीधा लहसुन उसकी उसकी स्मेल के चलते नहीं खा पाता है, उन्हें लहसुन का कैप्सूल खाने में परहेज भी नहीं होता है. क्योंकि इसे पानी के साथ अन्य दवा की गोली-कैप्सूल की तरह खाया जा सकता है, ताकि यह बॉडी में जो इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है, वह कर सके. इसके अलावा गैस्टिक प्रॉब्लम और अन्य हार्ट डिजीज से लेकर कई बीमारियों में भी उपयोगी हैं.