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सुकेत गैंगरेप पीड़िता के परिजनों को केस वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी, एसपी से मिली पीड़िता की वकील

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Published : Mar 31, 2021, 5:14 PM IST

सुकेत गैंगरेप पीड़िता की वकील तरन्नुम ने कोटा ग्रामीण एसपी से मिलकर कई गंभीर आरोप लगाए. वकील का कहना था कि पीड़िता के घर के बाहर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी परिवार से मिलने के लिए आने वाले लोगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. आरोपियों के रिश्तेदार पीड़िता के परिजनों को केस वापस लेने के लिए धमका रहे हैं और राजीनामे का दबाव बना रहे हैं.

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सुकेत गैंगरेप पीड़िता के परिजनों को केस वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी

कोटा. सुकेत की नाबालिग किशोरी के साथ झालावाड़ जिले में सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था. नाबालिग के साथ 9 दिन तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने दुष्कर्म किया था. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए झालावाड़ से 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही चार नाबालिगों को भी निरूद्ध किया गया है. पीड़िता की वकील ने कोटा ग्रामीण एसपी से मुलाकात करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

पढे़ं: नाबालिग बालिका को नशीला पदार्थ खिलाकर अपहरण व दुष्कर्म करने का आरोपी गिरफ्तार

पीड़िता की वकील ने कहा कि जो पुलिसकर्मी पीड़िता के घर के बाहर ड्यूटी देने जाते हैं. वह ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं. पीड़ित परिवार को धमकाने के लिए आरोपियों के परिजन लगातार पहुंच रहे हैं और पीड़िता के परिवार पर केस वापस लेने और राजीनामे का दबाव बना रहे हैं.

सुकेत गैंगरेप केस

सुकेत गैंगरेप पीड़िता की वकील तरन्नुम दोपहर को कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी से मिलने पहुंची. उन्होंने एक प्रार्थना पत्र देकर एसपी चौधरी से मांग की है कि पीड़िता के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. ताकि पीड़ित परिवार से मिलने आने वालों की पहचान की जा सके. तरन्नुम ने कहा कि पीड़िता की मां और उसके परिवार की सुरक्षा की मांग उन्होंने एसपी से की है. पीड़िता की वकील ने एक शिकायत पत्र एसपी चौधरी को और एक प्रार्थना पत्र पॉक्सो न्यायालय क्रम संख्या एक में भी दिया है.

उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने मुझे फोन करके बताया है कि उनकी जान को खतरा है. आरोपियों के रिश्तेदार उन्हें धमका रहे हैं और राजीनामा नहीं करने पर जान से मारने और गांव से निकाल देने की धमकी दे रहे हैं. वकील तरन्नुम का कहना है कि एसपी ने मुझे आश्वस्त किया है कि पीड़िता के परिजनों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. वकील ने कहा कि पीड़िता के घर के बाहर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी परिवार से मिलने आने वाले लोगों से कुछ भी पूछताछ नहीं कर रहे हैं.

वकील ने मांग की है कि पीड़ित के परिवार से मिलने आने वाले लोगों का नाम रजिस्टर में लिखना चाहिए. वहां आने वाले लोगों की आईडी भी चेक करनी चाहिए. ताकि पता रहे कि कौन-कौन परिवास से मिलने आ रहा है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़िता बाल कल्याण समिति के निर्देश पर आश्रय स्थल में है. जबकि उनके घर के बाहर 3 शिफ्टों में पुलिस के जवानों का पहरा लगा हुआ है. किसी भी व्यक्ति को मिलने नहीं दिया जाता है.

कोटा. सुकेत की नाबालिग किशोरी के साथ झालावाड़ जिले में सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था. नाबालिग के साथ 9 दिन तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने दुष्कर्म किया था. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए झालावाड़ से 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही चार नाबालिगों को भी निरूद्ध किया गया है. पीड़िता की वकील ने कोटा ग्रामीण एसपी से मुलाकात करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

पढे़ं: नाबालिग बालिका को नशीला पदार्थ खिलाकर अपहरण व दुष्कर्म करने का आरोपी गिरफ्तार

पीड़िता की वकील ने कहा कि जो पुलिसकर्मी पीड़िता के घर के बाहर ड्यूटी देने जाते हैं. वह ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं. पीड़ित परिवार को धमकाने के लिए आरोपियों के परिजन लगातार पहुंच रहे हैं और पीड़िता के परिवार पर केस वापस लेने और राजीनामे का दबाव बना रहे हैं.

सुकेत गैंगरेप केस

सुकेत गैंगरेप पीड़िता की वकील तरन्नुम दोपहर को कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी से मिलने पहुंची. उन्होंने एक प्रार्थना पत्र देकर एसपी चौधरी से मांग की है कि पीड़िता के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. ताकि पीड़ित परिवार से मिलने आने वालों की पहचान की जा सके. तरन्नुम ने कहा कि पीड़िता की मां और उसके परिवार की सुरक्षा की मांग उन्होंने एसपी से की है. पीड़िता की वकील ने एक शिकायत पत्र एसपी चौधरी को और एक प्रार्थना पत्र पॉक्सो न्यायालय क्रम संख्या एक में भी दिया है.

उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने मुझे फोन करके बताया है कि उनकी जान को खतरा है. आरोपियों के रिश्तेदार उन्हें धमका रहे हैं और राजीनामा नहीं करने पर जान से मारने और गांव से निकाल देने की धमकी दे रहे हैं. वकील तरन्नुम का कहना है कि एसपी ने मुझे आश्वस्त किया है कि पीड़िता के परिजनों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. वकील ने कहा कि पीड़िता के घर के बाहर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी परिवार से मिलने आने वाले लोगों से कुछ भी पूछताछ नहीं कर रहे हैं.

वकील ने मांग की है कि पीड़ित के परिवार से मिलने आने वाले लोगों का नाम रजिस्टर में लिखना चाहिए. वहां आने वाले लोगों की आईडी भी चेक करनी चाहिए. ताकि पता रहे कि कौन-कौन परिवास से मिलने आ रहा है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़िता बाल कल्याण समिति के निर्देश पर आश्रय स्थल में है. जबकि उनके घर के बाहर 3 शिफ्टों में पुलिस के जवानों का पहरा लगा हुआ है. किसी भी व्यक्ति को मिलने नहीं दिया जाता है.

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