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कोटा में बिहार के छात्रों ने शुरू किया अनशन, नीतीश सरकार से घर पहुंचाने की मांग - hunger strike in kota

बिहार सरकार ने अपने बच्चों को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद कोटा में बिहार के बच्चों ने अनशन शुरू कर दिया है. बिहार के बच्चों ने अनशन अपने हॉस्टल में रखा है. इन छात्रों की मांग है कि जिस तरह से अन्य राज्य के छात्रों को उनके गृह जिलों तक पहुंचा दिया गया है, तो बिहार की नीतीश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है. इन छात्रों का कहना है कि वे हर मंच पर आवेदन, निवेदन और प्रार्थना कर चुके हैं. अब थक हार कर अनशन की राह उन्हें अपनाने को मजबूर होना पड़ा है. साथ ही हाथों में तख्तियां लेकर में बिहार सरकार से घर बुलाने के लिए भी निवेदन कर रहे हैं.

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बिहारी स्टूडेंट्स ने शुरू किया अनशन
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Published : Apr 23, 2020, 8:45 PM IST

Updated : Apr 24, 2020, 12:34 AM IST

कोटा. कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे यूपी, एमपी, उत्तराखंड और गुजरात के साथ दो यूनियन टेरिटरी के बच्चे अपने गृह जिलों की तरफ लौट गए हैं. असम के बच्चों की भी कल वापसी होगी, लेकिन बिहार सरकार ने अपने बच्चों को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद कोटा में बिहार के बच्चों ने अनशन शुरू कर दिया है.

बिहारी स्टूडेंट्स ने शुरू किया अनशन

बिहार के बच्चों ने अनशन अपने हॉस्टल में रखा है. इन छात्रों की मांग है कि जिस तरह से अन्य राज्य के छात्रों को उनके गृह जिलों तक पहुंचा दिया गया है, तो बिहार की नीतीश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है. इन छात्रों ने कहा कि नीतीश सरकार अंधी-गूंगी-बहरी हो चुकी है, जो कि दोहरी नीति अपना रही है. विदेशी छात्रों को तो वापस बिहार बुला लिया गया है, लेकिन कोटा में फंसे हुए छात्रों के बारे में नहीं सोच रही है. जबकि बिहार के छात्र कोटा में बेहाल हैं.

यह भी पढ़ेंः कोटा में फंसे 20 हजार बच्चे देख रहे घर वापसी की राह...बोले- UP और MP के छात्र गए, हमारी भी सुध ले लो

इस विपदा में सरकार उनका हाथ नहीं थम रही है. इन छात्रों का कहना है कि वे हर मंच पर आवेदन, निवेदन और प्रार्थना कर चुके हैं. अब थक हार कर अनशन की राह उन्हें अपनाने को मजबूर होना पड़ा है. साथ ही हाथों में तख्तियां लेकर में बिहार सरकार से घर बुलाने के लिए भी निवेदन कर रहे हैं. इसके अलावा इन बच्चों ने बुरा न देखो, बुरा न सुनो और बुरा न बोलो का संदेश भी अनशन के दौरान दिया है.

इस अनशन में शामिल छात्रा मिलन जायसवाल ने कहा कि सभी बच्चे यहां से जा रहे हैं, मुझे मेंटल डिप्रेशन हो रहा है. सभी गवर्नमेंट अपने बच्चों को ले जा रही है, लेकिन हमारी सरकार नहीं लेकर जा रही है. हम चाहते हैं हमारी सरकार भी हमें यहां से लेकर जाए. हमारे पैरेंट्स स्ट्रेस में है. वे सोचते हैं कि बच्चे वहां अकेले कैसे होंगे. कैसे खा रहे होंगे. ऐसे में हमारे पैरेंट्स परेशान हैं, मेरी मां बहुत रोती है.

अन्य छात्रा शाजनी का कहना है कि हमें यहां पर मेंटल डिप्रेशन झेलना पड़ रहा है. सभी राज्य अपने बच्चों को लेकर जा रहे हैं. गुजरात, एमपी, यूपी सभी बच्चे यहां से जा चुके हैं, लेकिन हमारी सरकार एक बार हमारी सुध नहीं ली. हम यहां पर मेंटली डिप्रेस्ड हैं, हमारी पढ़ाई बिल्कुल भी नहीं हो पा रही है. जब पैरंट्स पूछ रहे हैं कि क्या हाल है तो हम बता भी नहीं पाते हैं. हम अपनी परेशानी नहीं बता पा रहे हैं. हमारा हाल देखकर वे काफी डिप्रेशन में हैं. हमारी सरकार से अपील है कि हमारे लिए कुछ न किया जाए, ताकि हम अपने घरों पर जा सके. कोटा से कोचिंग कर रही नूर फातिमा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब हो रही है.

कोटा. कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे यूपी, एमपी, उत्तराखंड और गुजरात के साथ दो यूनियन टेरिटरी के बच्चे अपने गृह जिलों की तरफ लौट गए हैं. असम के बच्चों की भी कल वापसी होगी, लेकिन बिहार सरकार ने अपने बच्चों को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद कोटा में बिहार के बच्चों ने अनशन शुरू कर दिया है.

बिहारी स्टूडेंट्स ने शुरू किया अनशन

बिहार के बच्चों ने अनशन अपने हॉस्टल में रखा है. इन छात्रों की मांग है कि जिस तरह से अन्य राज्य के छात्रों को उनके गृह जिलों तक पहुंचा दिया गया है, तो बिहार की नीतीश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है. इन छात्रों ने कहा कि नीतीश सरकार अंधी-गूंगी-बहरी हो चुकी है, जो कि दोहरी नीति अपना रही है. विदेशी छात्रों को तो वापस बिहार बुला लिया गया है, लेकिन कोटा में फंसे हुए छात्रों के बारे में नहीं सोच रही है. जबकि बिहार के छात्र कोटा में बेहाल हैं.

यह भी पढ़ेंः कोटा में फंसे 20 हजार बच्चे देख रहे घर वापसी की राह...बोले- UP और MP के छात्र गए, हमारी भी सुध ले लो

इस विपदा में सरकार उनका हाथ नहीं थम रही है. इन छात्रों का कहना है कि वे हर मंच पर आवेदन, निवेदन और प्रार्थना कर चुके हैं. अब थक हार कर अनशन की राह उन्हें अपनाने को मजबूर होना पड़ा है. साथ ही हाथों में तख्तियां लेकर में बिहार सरकार से घर बुलाने के लिए भी निवेदन कर रहे हैं. इसके अलावा इन बच्चों ने बुरा न देखो, बुरा न सुनो और बुरा न बोलो का संदेश भी अनशन के दौरान दिया है.

इस अनशन में शामिल छात्रा मिलन जायसवाल ने कहा कि सभी बच्चे यहां से जा रहे हैं, मुझे मेंटल डिप्रेशन हो रहा है. सभी गवर्नमेंट अपने बच्चों को ले जा रही है, लेकिन हमारी सरकार नहीं लेकर जा रही है. हम चाहते हैं हमारी सरकार भी हमें यहां से लेकर जाए. हमारे पैरेंट्स स्ट्रेस में है. वे सोचते हैं कि बच्चे वहां अकेले कैसे होंगे. कैसे खा रहे होंगे. ऐसे में हमारे पैरेंट्स परेशान हैं, मेरी मां बहुत रोती है.

अन्य छात्रा शाजनी का कहना है कि हमें यहां पर मेंटल डिप्रेशन झेलना पड़ रहा है. सभी राज्य अपने बच्चों को लेकर जा रहे हैं. गुजरात, एमपी, यूपी सभी बच्चे यहां से जा चुके हैं, लेकिन हमारी सरकार एक बार हमारी सुध नहीं ली. हम यहां पर मेंटली डिप्रेस्ड हैं, हमारी पढ़ाई बिल्कुल भी नहीं हो पा रही है. जब पैरंट्स पूछ रहे हैं कि क्या हाल है तो हम बता भी नहीं पाते हैं. हम अपनी परेशानी नहीं बता पा रहे हैं. हमारा हाल देखकर वे काफी डिप्रेशन में हैं. हमारी सरकार से अपील है कि हमारे लिए कुछ न किया जाए, ताकि हम अपने घरों पर जा सके. कोटा से कोचिंग कर रही नूर फातिमा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब हो रही है.

Last Updated : Apr 24, 2020, 12:34 AM IST
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