कोटा. उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा और झांसी से 300 बसें कोटा में फंसे हुए कोचिंग छात्रों को लेने के लिए भेज दी है. यह बसें कोटा शहर के अलग-अलग कोचिंग एरिया में भेजी गई है. जहां पर बच्चों की स्क्रीनिंग कर उन्हें जिलों के अनुसार विभाजित किया जा रहा है.
बता दें कि बच्चों की जाने की खुशी उनके चेहरे पर नजर आ रही है. बच्चों का कहना है कि वे लॉकडाउन में कोटा में फंस गए थे. वह पहले भी जाना चाह रहे थे, लेकिन अनुमति नहीं मिल रही थी. इससे उनके परिजन काफी चिंतित हैं. साथ ही कोटा में खाने की समस्या भी उन्हें आ रही थी. कई हॉस्टल्स में चार-पांच बच्चे ही रह गए थे, ऐसे में डर भी सताने लगा था. छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई यहां नहीं हो पा रही थी.
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उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकार वापस उन्हें उनके गृह जिले भेज रहे हैं. छात्रों ने इस पर खुशी भी जाहिर की है. कुछ छात्राओं का कहना है कि उनकी पढ़ाई तो कोटा में ही अच्छी हो सकती थी, यह समस्या सामने आ गई है. ऐसे में अब घर पर एडजस्ट करते हुए पढ़ाई करेंगे.
वहीं, कोचिंग संस्थानों में जहां से छात्राओं को भेजने की व्यवस्था की जा रही है, वहां जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा और शहर एसपी गौरव यादव मौजूद हैं. ये अधिकारी झांसी से आए एसडीएम संजीव कुमार और पुलिस उप अधीक्षक हरिराम यादव के साथ प्लानिंग कर रहे हैं. इसके साथ कोचिंग संस्थान और हॉस्टल एसोसिएशन के लोग भी मौजूद हैं.
छात्रों को गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा...
स्टूडेंट्स को 300 बसों में जिलों के अनुसार बैठाया जाएगा. साथ ही इनके लिए अलग-अलग रूट भी तय कर दिए गए हैं. इसमें एक बस करीब 500 से 1200 किलोमीटर तक का सफर करेगी और इन बच्चों को अपने गंतव्य पर पहुंचाएगी. जिन स्टूडेंट के साथ उनकी मां या अन्य पेरेंट्स भी रहते हैं, ऐसे में उन्हें भी बसों में सफर करने की अनुमति दी गई है.
बसों को करवाया सैनिटाइज
यूपी से आई हुई सभी 300 बसों को सैनिटाइज करवाया जा रहा है. पहले हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से उनकी धुलाई करवाई जा रही है. इसके अलावा बसों के अंदर भी छोटी मशीनों से सैनिटाइजेशन का कार्य करवाया जा रहा है.