कोटा. राजस्थान सरकार ने बुधवार को बजट (Rajasthan Budget 2022) पेश किया है. सीएम गहलोत की ओर से पेश किए गए बजट में कई प्रावधान शिक्षा को लेकर भी किए गए हैं. 2 हजार नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की बात कही है. साथ ही 10 हजार इंग्लिश मीडियम टीचर्स की भर्ती की बात कही है. नीट और मेडिकल जैसे बड़े एंट्रेंस एग्जाम के लिए भी मुख्यमंत्री अनुप्रीत योजना के तहत 15 हजार बच्चों को कोचिंग करवाने की बात कही है.
हालांकि कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे राजस्थान के बच्चों ने कहा है कि यह संख्या काफी कम है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस पर ध्यान देना चाहिए. अकेले कोटा में ढाई लाख बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस के लिए आते हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा काफी ज्यादा है. ऐसे में राज्य सरकार को 15 हजार की जगह ज्यादा संख्या में बड़े कोचिंग संस्थानों में स्टूडेंट्स को प्रवेश दिलाना चाहिए.
बच्चे बोले कोटा में भी दिल्ली की तर्ज पर बने हॉस्टल बने : कांग्रेस सरकार ने 300 करोड़ रुपए से दिल्ली स्थित उदयपुर भवन में 250 कमरों का एक हॉस्टल बनाने की घोषणा की है. जिसमें सिविल सर्विसेज की तैयारी करने दिल्ली जाने वाले स्टूडेंट्स को फायदा होगा. ऐसे में कोटा में कोचिंग में पढ़ रहे जोधपुर के स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार को कोटा में भी इस तरह का हॉस्टल बनाना चाहिए. यहां पर पूरे देश भर से बच्चे आते हैं. ऐसे में अलग-अलग प्रदेश की सरकारों को भी यहां पर इस तरह के हॉस्टल बनाने चाहिए. ताकि बच्चों को अपने प्रदेश का एनवायरमेंट यहां पर मिले.
आईआईटी और एम्स में वंचित वर्ग के विद्यार्थियों का बढ़ेगा वर्चस्व : मुख्यमंत्री अनुप्रीत योजना में नंबर बढ़ाकर 15 हजार किया गया है. इससे राजस्थान के वंचित वर्ग के बच्चों का आईआईटी, एनआईटी, एम्स और बड़े मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलेगा. यह बच्चे अपनी प्रतिभा भी दिखा सकेंगे. कोटा के निजी कोचिंग के निर्देशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाया गया है. इससे कोटा के विकास को त्वरित गति मिलेगी. इसके साथ ही कोटा मेडिकल कॉलेज में भी पीजी स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की घोषणा की गई है. बच्चों का रुझान मेडिकल में है, उनको यहां पर एक अच्छी सुविधा मेडिकल कॉलेज में मिलेगी. उन्होंने इस बजट को शिक्षा को बढ़ावा देने वाला बताया है.
परीक्षाओं में नकल रोकने के हो उचित प्रबंध : स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि इंग्लिश मीडियम स्कूल बढ़ा दिए गए हैं. ऐसे में अब गरीब और मध्यम तबके के स्टूडेंट भी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा ले सकेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती होगी. इससे बेरोजगारी भी कम होगी. उन्होंने कहा कि रीट और अन्य भर्ती परीक्षाएं होगी. इसके चलते सरकारी नौकरियों की राह खुलेगी, लेकिन जिस तरह से इस बार पेपर लीक हुआ है, ऐसी व्यवस्था को रोकने के लिए भी उचित प्रबंध होने चाहिए.