कोटा. शहर में सैंकड़ों फूड डिलीवरी ब्वॉय हड़ताल पर चले गए हैं. मामला उनको मिलने वाले भुगतान से संबंधित है, जिसको लेकर स्विगी और जोमैटो दोनों में ही एक साथ हड़ताल हुई है. बीते 2 दिनों से कोटा में हड़ताल चल रही (Strike of food delivery boys in Kota) है. जिसके चलते स्विगी और जोमैटो की ऑनलाइन सेवाएं लगभग ठप सी हो गई हैं.
शहर में करीब 10,000 के आसपास आर्डर डिलीवर हो रहे थे, अब ये घटकर 500 के आसपास ही रह गए हैं. स्विगी और जोमैटो के हड़ताल पर उतरे इन कार्मिकों का कहना है कि उन्होंने कई मांगे कंपनी के सामने रखी है. इन हड़ताली कार्मिकों की संख्या भी करीब 500 के आसपास है. हालांकि इस हड़ताल का खामियाजा कोटा में रह रहे कोचिंग छात्रों को ज्यादा उठाना पड़ रहा है. जोमैटो के टीम लीडर रवि पांचाल का कहना है कि हड़ताल पर गए राइडर्स को पे-आउट को लेकर शिकायत (Payment issues in Swiggy and Zomato) है. कंपनी अपने हिसाब से पे-आउट को कम या ज्यादा कर देती है. स्विगी के हड़ताली कार्मिक सागर का कहना है कि उनकी कंपनी के भी करीब 200 के आसपास राइडर हड़ताल पर हैं. कंपनी ने कई कार्मिकों की आईडी बंद कर दी है.
नहीं मिल रहा पैकेट रिसीव और वेटिंग का पैसा : हरीश साल्वी का यह भी कहना है कि कंपनी ने नया सिस्टम 'गिग्स' चालू किया है. जिसके तहत हमें एक दिन पहले ही अपने ड्यूटी का टाइम सेलेक्ट करना होता है. इस दौरान हमारी आईडी बंद हो जाती है, तब हमें पेनल्टी देनी पड़ती है. इसके अलावा पहले हमें फूड रिसीव, वेटिंग और ड्रॉप तीनों का भुगतान मिलता था, लेकिन अब केवल ड्रॉप का ही भुगतान दिया जा रहा है. इसके चलते रेस्टोरेंट में फूड तैयार होने में लगने वाले समय और पैकेट रिसीव कर जाने में खर्च होने वाले पेट्रोल का पैसा नहीं मिल रहा है. इन फूड डिलीवरी ब्वॉय का यह भी कहना है कि 2018 में जब उन्होंने जॉइन किया था, तब पेट्रोल के दाम 76 रुपए लीटर था, लेकिन आज ये दाम बढ़ चुके हैं. कंपनी डिलीवरी चार्ज ज्यादा देने की जगह कम कर रही है, इसी के चलते वे लोग हड़ताल पर हैं.
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दूसरे जोन में जाने पर नहीं मिल रहे रिटर्न ऑर्डर: स्विगी में काम कर रहे कार्मिक सागर का कहना है कि उनके यहां पर अलग-अलग स्लैब में पैसा किलोमीटर के अनुसार मिल रहा था, लेकिन कंपनी ने यह राशि घटा दी है. साथ ही कोटा शहर को पांच अलग-अलग जोन बोरखेड़ा, कुन्हाड़ी, स्टेशन, रामपुरा और तलवंडी में बटा हुआ है, लेकिन अगर एक जोन से दूसरे में फूड डिलीवरी ब्वॉय चला जाता है, तो उसको रिटर्न आर्डर नहीं मिलता है. कंपनी ने रिटर्न ऑर्डर को बंद कर दिया है. इसके चलते फूड डिलीवरी ब्वॉय का एक तरफ का पैसा पूरा ही जेब से जा रहा है.