ETV Bharat / city

स्पेशल स्टोरी: पॉलीथिन मुक्त दशहरे मेले की खुली पोल, मेला हटा तो पॉलीथिन से अटा मिला मैदान

दशहरा मेला को इस बार पॉलीथिन मुक्त अभियान बनाकर वाह-वाही कोटा नगर निगम ने जमकर लूटी है. लेकिन नगर निगम अपने कार्य के प्रति कितना गंभीर है, इसका नजारा अब दशहरा मेला मैदान में नजर आ रहा है. यहां पर नगर निगम के दावे की पोल पूरे मेला मैदान में अटी पड़ी पॉलीथिन खोल रही है. मेला मैदान में जहां-जहां नजर जाएगी, वहां पर जगह-जगह सिंगल यूज प्लास्टिक नजर आएगी. जो कोटा नगर निगम के दावे कितने सही हैं को साफ बयां कर रही है.

कोटा की खबर, कोटा नगर निगम, kota municipal corporation, kota dussehra fair, polythene free kota, 126th dussehra fair, single use plastic, mayor mahesh vijay, kota special news
author img

By

Published : Nov 1, 2019, 3:03 PM IST

कोटा. जिले में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय 126वें दशहरा मेला को पॉलीथिन मुक्त अभियान बनाकर वाह-वाही कोटा नगर निगम ने जमकर लूटी है. लेकिन नगर निगम अपने कार्य के प्रति कितना गंभीर है, इसका नजारा अब दशहरा मेला मैदान में नजर आ रहा है. यहां पर नगर निगम के दावे की पोल पूरे मेला मैदान में अटी पड़ी पॉलिथीन से खुल रही है. मेला मैदान में जहां-जहां नजर जाएगी, वहां पर जगह-जगह सिंगल यूज प्लास्टिक नजर आएगी. जो कोटा नगर निगम के दावे कितने सही और सच्चे है, को बयां कर रही है.

कोटा में पॉलीथिन मुक्त दशहरे मेले की खुली पोल

इतना ही नहीं इसे खुद स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल 'नरक निगम' की संज्ञा दे चुके हैं. वैसे तो सफाई की बात हो चाहे सड़क पर आवारा पशुओं के जमावड़े की, अब तक नगर निगम पूरी तरह से फेल साबित हुआ है. वहीं अब एक बार फिर नगर निगम के पॉलीथिन मुक्त दशहरा मेला अभियान की पोल खुल गई, जब मेला हटने लगा. जैसे-जैसे मैदान खाली नजर आने लगा. मेला मैदान ग्राउंड में परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक और उसके आइटम दिखाई देने लगे हैं. पूरे मैदान में पॉलीथिन बिखरी हुई है, जिससे पता चलता है कि किस तरह सुर्खियों में रहने के बाद नगर निगम के अधिकारी महज दिखावे के लिए पॉलीथिन मुक्त अभियान को कागजों में चलाकर भूल गए.

यह भी पढ़ेंः खास रिपोर्ट : पुष्कर मेला 2019 - धोरों पर दिखने लगी लोक संस्कृति की झलक, पधार रहे 'पावणे'

दशहरा मेला मैदान की तस्वीरें देखकर लगता है कि नगर निगम के पॉलीथिन मुक्त मेले के तमाम दावे फेल साबित हुए हैं. इतनी बड़ी मात्रा में पॉलिथीन पर्यावरण के साथ-साथ इंसान और पशुओं के लिए भी हानिकारक है. मेला मैदान में गाय इस पॉलिथीन को खाती हुई नजर आ रही है.

पॉलीथिन मुक्त दशहरे मेले को लेकर महापौर महेश विजय का बयान

एक तरफ देश के प्रधानमंत्री लगातार सफाई और पॉलिथीन के उपयोग को बंद करने पर जोर दे रहे हैं. वहीं निगम प्रशासन अपनी कार्यशैली से उपहास करने में मशगूल है. इस मामले में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के महापौर महेश विजय से बात की तो उन्होंने एक ही जवाब दिया कि जांच करवाएंगे. मेला मैदान में बिखरी पॉलीथिन को गंभीर को मान रहे हैं. लेकिन इसकी जिम्मेदारी मेलाधिकारी पर डालते हुए अफसरों से शिकायत कर सफाई करवाने की बात कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः विश्व की सबसे बड़ी गौशाला में 53वीं शक्तिपीठ की स्थापना आज, विश्व की पहली कामधेनु शक्तिपीठ जालोर में

महापौर महेश विजय का कहना है कि लास्ट के दिनों में अफसर भटक गए. अब मेलाधिकारी छुट्टी पर चली गई हैं. लेकिन पॉलीथिन को वहां से हटाया जाएगा और सफाई करवाई जाएगी. हालांकि जांच और कार्रवाई का जुमला तो नगर निगम का काफी पुराना हो चुका है. लेकिन कोटा दशहरा मेला राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखता है, जिसे नगर निगम के लापरवाह अफसर किस्तों में धूमिल करने में लगे हुए हैं.

कोटा. जिले में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय 126वें दशहरा मेला को पॉलीथिन मुक्त अभियान बनाकर वाह-वाही कोटा नगर निगम ने जमकर लूटी है. लेकिन नगर निगम अपने कार्य के प्रति कितना गंभीर है, इसका नजारा अब दशहरा मेला मैदान में नजर आ रहा है. यहां पर नगर निगम के दावे की पोल पूरे मेला मैदान में अटी पड़ी पॉलिथीन से खुल रही है. मेला मैदान में जहां-जहां नजर जाएगी, वहां पर जगह-जगह सिंगल यूज प्लास्टिक नजर आएगी. जो कोटा नगर निगम के दावे कितने सही और सच्चे है, को बयां कर रही है.

कोटा में पॉलीथिन मुक्त दशहरे मेले की खुली पोल

इतना ही नहीं इसे खुद स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल 'नरक निगम' की संज्ञा दे चुके हैं. वैसे तो सफाई की बात हो चाहे सड़क पर आवारा पशुओं के जमावड़े की, अब तक नगर निगम पूरी तरह से फेल साबित हुआ है. वहीं अब एक बार फिर नगर निगम के पॉलीथिन मुक्त दशहरा मेला अभियान की पोल खुल गई, जब मेला हटने लगा. जैसे-जैसे मैदान खाली नजर आने लगा. मेला मैदान ग्राउंड में परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक और उसके आइटम दिखाई देने लगे हैं. पूरे मैदान में पॉलीथिन बिखरी हुई है, जिससे पता चलता है कि किस तरह सुर्खियों में रहने के बाद नगर निगम के अधिकारी महज दिखावे के लिए पॉलीथिन मुक्त अभियान को कागजों में चलाकर भूल गए.

यह भी पढ़ेंः खास रिपोर्ट : पुष्कर मेला 2019 - धोरों पर दिखने लगी लोक संस्कृति की झलक, पधार रहे 'पावणे'

दशहरा मेला मैदान की तस्वीरें देखकर लगता है कि नगर निगम के पॉलीथिन मुक्त मेले के तमाम दावे फेल साबित हुए हैं. इतनी बड़ी मात्रा में पॉलिथीन पर्यावरण के साथ-साथ इंसान और पशुओं के लिए भी हानिकारक है. मेला मैदान में गाय इस पॉलिथीन को खाती हुई नजर आ रही है.

पॉलीथिन मुक्त दशहरे मेले को लेकर महापौर महेश विजय का बयान

एक तरफ देश के प्रधानमंत्री लगातार सफाई और पॉलिथीन के उपयोग को बंद करने पर जोर दे रहे हैं. वहीं निगम प्रशासन अपनी कार्यशैली से उपहास करने में मशगूल है. इस मामले में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के महापौर महेश विजय से बात की तो उन्होंने एक ही जवाब दिया कि जांच करवाएंगे. मेला मैदान में बिखरी पॉलीथिन को गंभीर को मान रहे हैं. लेकिन इसकी जिम्मेदारी मेलाधिकारी पर डालते हुए अफसरों से शिकायत कर सफाई करवाने की बात कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः विश्व की सबसे बड़ी गौशाला में 53वीं शक्तिपीठ की स्थापना आज, विश्व की पहली कामधेनु शक्तिपीठ जालोर में

महापौर महेश विजय का कहना है कि लास्ट के दिनों में अफसर भटक गए. अब मेलाधिकारी छुट्टी पर चली गई हैं. लेकिन पॉलीथिन को वहां से हटाया जाएगा और सफाई करवाई जाएगी. हालांकि जांच और कार्रवाई का जुमला तो नगर निगम का काफी पुराना हो चुका है. लेकिन कोटा दशहरा मेला राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखता है, जिसे नगर निगम के लापरवाह अफसर किस्तों में धूमिल करने में लगे हुए हैं.

Intro:दशहरा मेला को पॉलिथीन मुक्त अभियान बनाकर वाहवाही कोटा नगर निगम ने जमकर लूटी है, लेकिन नगर निगम अपने कार्य के प्रति कितना गंभीरता इसका नजारा अब दशहरा मेला मैदान में नजर आ रहा है. जहां पर नगर निगम के दावे की पोल पूरे मेला मैदान में अटी पड़ी पॉलिथीन दे रही. मेला मैदान में जहां जहां नजर जाएगी, वहां पर जगह-जगह सिंगल यूज़ प्लास्टिक नजर आएगी. जो कोटा नगर निगम के दावे कितने खोखले है को बयां कर रही है.


Body:कोटा.
राष्ट्रीय 126 वें दशहरा मेला को पॉलिथीन मुक्त अभियान बनाकर वाहवाही कोटा नगर निगम ने जमकर लूटी है, लेकिन नगर निगम अपने कार्य के प्रति कितना गंभीरता इसका नजारा अब दशहरा मेला मैदान में नजर आ रहा है. जहां पर नगर निगम के दावे की पोल पूरे मेला मैदान में अटी पड़ी पॉलिथीन दे रही. मेला मैदान में जहां जहां नजर जाएगी, वहां पर जगह-जगह सिंगल यूज़ प्लास्टिक नजर आएगी. जो कोटा नगर निगम के दावे कितने खोखले है को बयां कर रही है. जिसे खुद स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल "नरक निगम" की संज्ञा दे चुका है.

वैसे तो सफाई की बात हो चाहे सड़क पर आवारा पशुओं के जमावड़े की, अब तक नगर निगम पूरी तरह से फेल साबित हुआ है. वहीं अब एक बार फिर नगर निगम के पॉलीथिन मुक्त दशहरा मेला अभियान की पोल खुल गई, जब मेला हटने लगा जैसे जैसे मैदान नजर आने लगा. मेला मैदान ग्राउंड में परिसर में सिंगल न्यूज़ प्लास्टिक और उसके आइटम दिखाई देने लगे है, पूरे मैदान में पॉलीथिन बिखरी हुई है. जिससे पता चलता है कि किस तरह सुर्खियों में रहने के बाद नगर निगम के अधिकारी महज दिखावे के लिए पॉलीथिन मुक्त अभियान को कागजों में चला कर भूल गए.
दशहरा मेला मैदान की तस्वीरें देखकर लगता है कि नगर निगम के पॉलीथिन मुक्त मेले के तमाम दावे फेल साबित हुए हैं, इतनी बड़ी मात्रा में पॉलिथीन पर्यावरण के साथ-साथ इंसान और पशुओं के लिए भी हानिकारक है. मेला मैदान में गाय इस पॉलिथीन को खाती हुई नजर आ रही है.
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री लगातार सफाई और पॉलिथीन के उपयोग को बंद करने की जोर दे रहे हैं, वहीं निगम प्रशासन अपनी कार्यशैली से उपहास करने में मशगूल है.



Conclusion:इस मामले में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के महापौर महेश विजय से बात की तो उन्होंने एक ही जवाब दिया कि, जांच करवाएंगे. मेला मैदान में बिखरी पॉलिथीन को गंभीर को मान रहे हैं, लेकिन इसकी जिम्मेदारी मेलाधिकारी पर डालते हुए अफसरों से शिकायत करसफाई करवाने की बात कर रहे हैं

महापौर महेश विजय का कहना है कि "लास्ट के दिनों में अफसर भटक गए. अब मेलाधिकारी छुट्टी पर चली गई है, लेकिन पॉलिथीन को वहां से हटाया जाएगा और सफाई करवाई जाएगी. हालांकि जांच और कार्रवाई का जुमला तो नगर निगम का काफी पुराना हो चुका है, लेकिन कोटा दशहरा मेला राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखता है. जिसे नगर निगम के लापरवाह अफसर किस्तों में धूमिल करने में लगे हुए.


बाइट-- महेश विजय, महापौर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.