कोटा. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला 4 दिन से कोटा दौरे पर आए हुए हैं. बुधवार को उन्होंने लोकसभा सचिवालय के कैंप ऑफिस शक्ति नगर कोटा में जनसुनवाई की. इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी समस्याओं को लेकर आए थे. बिड़ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए किसान आंदोलन पर कहा कि किसान अपनी बात कह रहे हैं और सरकार भी उनसे वार्ता कर रही है. इस मामले में जल्द ही कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाएगा और सभी समस्याएं हल हो जाएंगी.
स्पीकर ओम बिड़ला ने मुकुंदरा नेशनल टाइगर रिजर्व इको सेंसेटिव जोन तय होने पर कहा कि रिजर्व बनने के बाद काफी लंबे समय से इको सेंसेटिव जोन की बाउंड्री निश्चित होने में समय लग रहा था. इसके कारण उस इलाके के उद्योग धंधे और माइंस बंद थीं. कई संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए मुद्दा भी उठाया था. राज्य सरकार ने जनसुनवाई की. उसके बाद केंद्र सरकार ने जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप जंगल भी संरक्षित रहे और जंगली जानवर भी संरक्षित रहे. इसको देखते हुए एक किलोमीटर एरिया में इको सेंसेटिव जोन की बाउंड्री तय कर दी है.
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ऐसे में लोगों को रोजगार मिलेगा. बंद माइंस, उद्योग धंधे, फैक्ट्रियां भी चालू हो जाएगी. आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी. जंगली जानवर भी संरक्षित होंगे और पर्यटन क्षेत्र में डेवलप होगा. मुकंदरा नेशनल टाइगर रिजर्व में स्टडी कर रहा है. उसकी स्टडी रिपोर्ट के बाद नेशनल टाइगर प्रोजेक्ट के तहत इसमें बाघों को लाया जा सकेगा. यहां पर बसाए जाएंगे, ताकि पर्यटन सफारी के रूप में विकसित हो सके.
लोगों की समस्याएं भी सुनी
जनसुनवाई के विषय पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसदीय क्षेत्र के लोगों से मिलने की कोशिश करता हूं. कोविड-19 के समय कुछ मिलने में समय लग जाता है, लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि किसी भी तरीके से जनता की समस्याएं दूर हो. यह मेरी जिम्मेदारी भी है. इसलिए उनकी जनसेवक के रूप में सेवा के लिए जुटा रहता हूं. लोगों के गांवों के विकास और कुछ व्यक्तिगत समस्याएं हैं. यह जनसुनवाई में आती हैं, उन्हें दूर करवाते हैं.
एनएसयूआई ने स्पीकर बिड़ला को सौंपा ज्ञापन
शहर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी और पूर्व जिला अध्यक्ष हर्ष मेहरा के नेतृत्व में कृषि बिल के खिलाफ एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने लोकसभा अध्यक्ष के आवास के बाहर धरने पर बैठ कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. इसके बाद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को ज्ञापन सौंपा है.इस दौरान एनएसयूआई पूर्व जिला अध्यक्ष हर्ष मेहरा ने बताया कि स्टॉक लिमिट हटाने से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा, किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा.
बीकानेर में किसोनों के समर्थन में आए एनएसयूआई
केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसान विरोध में है और अब कांग्रेस समर्थित संगठनों के साथ ही छात्र संगठन भी इसके विरोध में आ गए हैं. बुधवार को बीकानेर में किसानों के समर्थन में एनएसयूआई ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के कांता कथूरिया कॉलोनी स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ता ने हम किसानों के साथ हैं स्लोगन लिखा बैनर लेकर आए थे और केंद्र सरकार के कानून को काला कानून बताते हुए किसानों के विरोध में बताया.
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकना ने बताया कि केंद्र सरकार का यह कानून केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए है और किसानों को इससे बड़ा नुकसान होगा. कूकना ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और स्टॉक सीमा जैसे प्रावधानों के बारे में गफलत पैदा की गई है और इसके बहाने देश के अन्नदाताओं को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई किसानों के समर्थन में है और जरूरत पड़ने पर किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच करने से भी परहेज नहीं किया जाएगा.