कोटा. 'वैश्विक स्थिरता, जनसाधारण की सुरक्षा और प्रगतिशील विकास की दृष्टि से ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच भागीदारीः संसदीय आयाम' विषय पर आयोजित बैठक मंगलवार को वर्चुअल तरीके से आयोजित हुई. इस बैठक में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कोटा से ही ब्रिक्स संसदीय फोरम की बैठक को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया. इसमें स्पीकर बिरला ने ब्रिक्स के सदस्यों देशों को आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संघर्ष में तेजी लाने की बात कही.
बिरला ने कहा कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के पनपने के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों पर ध्यान दिए जाने और उनका यथाशीघ्र समाधान किए जाने की आवश्यकता है. साथ ही ब्रिक्स देशों की संसदों को आतंकवाद को समाप्त करने संबंधी संधियों और समझौतों के समर्थन में अपने सामूहिक संकल्प को बल प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों का उपयोग करना चाहिए. इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के कारण लाखों निर्दोष लोगों की दुःखद मृत्यु हुई है. गंभीर आर्थिक चुनौतियां पैदा हुई हैं और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ऐसे में विश्व को एकता और सहयोग की आवश्यकता है. सभी देश सतत विकास लक्ष्य एजेंडा, 2030 के लिए प्रयास करें.
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कोविड- 19 महामारी के बाद भारत सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने यह कहा कि समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने, कृषि और कृषि से जुड़े व्यवसायों, एमएसएमई और अन्य उद्योगों को फिर से खड़ा करने की चुनौतियों का सामना करने के लिए 260 बिलियन डॉलर का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दे रही है. उन्होंने यह कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी योजनाएं निर्धन लोगों, किसानों, शहरी कामकाजी वर्ग और मध्यम वर्ग का सशक्तिकरण करने में काफी सहायक होंगे.
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इस छठे ब्रिक्स फॉरम के चेयरमैन और स्टेट ड्यूमा ऑफ फेडरल असेंबली ऑफ रशिया के चेयरमैन व्यचस्लाव वोलोदिन और ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका की संसदों के पीठासीन अधिकारीयों ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया. वहीं फोरम को संबोधित करते हुए सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि ब्रिक्स राष्ट्रों को व्यापक दृष्टिकोण के साथ और बिना किसी दोहरे मापदंड के आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक साथ आने का आह्वान किया और राष्ट्रों के बीच किसी भी मतभेद को कूटनीति के माध्यम से शांति से हल करने की बात कही.