कोटा. तौकते चक्रवाती तूफान को लेकर कई राज्यों में अलर्ट है. यह तूफान गोवा से होता हुआ अब गुजरात की तटीय सीमा पर टकराने वाला है. उसके बाद राजस्थान के भी कई हिस्सों में इसका असर देखने को मिलेगा. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है. कोटा में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की टीम पूरी तरह से तैयार है.
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कोटा के अलावा बारां, बूंदी और झालावाड़ में भी एसडीआरएफ की टीम मुस्तैद है. एसडीआरएफ के मेजर हवलदार करण सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तौकते तूफान से होने वाले संभावित नुकसान से निपटने की सभी तैयारियां कर ली गई हैं. सभी उपकरण जो कि पेड़ काटने से लेकर रास्तों को क्लियर करने के लिए उपयोग में आते हैं, उन्हें एक जगह पर व्यवस्थित रख दिया है.
5 मिनट में कर दिया जाएगा रास्ते को क्लियर
वर्तमान समय में कोरोना का कहर लगातार जारी है. ऐसे में गंभीर मरीजों को एंबुलेंस लगातार अस्पताल पहुंचा रही है. साथ ही ऑक्सीजन और दूसरी जरूरी चीजों की आपूर्ति भी सड़क मार्ग से की जा रही है. अगर तौकते तूफान के चलते पेड़ गिरने या किसी और कारणों के चलते रास्ते जाम होते हैं तो इसकी भी तैयारी एसडीआरएफ ने कर ली है. एसडीआरएफ ने बताया कि अगर पेड़ गिरने से रास्ता जाम होता है तो वो मात्र 5 मिनट में रास्ता खोल देंगे. और किसी बिल्डिंग का मलबा गिरने से सड़क बंद होती है तो उसको भी एसडीआरएफ 20 से 25 मिनट में साफ कर देगी.
मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी काम करेंगे
एसडीआरएफ टीम के सदस्यों का कहना है कि अगर कोई मरीज इस दौरान रास्ता जाम होने या तूफान के चलते फंस जाता है तो उसे अस्पताल पहुंचाने का काम भी एसडीआरएफ की टीम करेगी. वर्तमान में उनके पास 90 जवानों का स्टाफ है. जिसमें से अभी करीब 50 जवान मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ड्यूटी दे रहे हैं. जिनको भी जरूरत पड़ने पर वापस बुला लिया जाएगा. साथ ही 2 टीमें पूरी तरह से तैयार की हुई हैं. जिनमें 12 - 12 जवान शामिल हैं.
एसडीआरएफ के मेजर हवलदार करण सिंह का ने कहा कि आपात स्थिति में अगर वोट की जरूरत पड़ी तो वो उसके लिए भी तैयार हैं. उन्होंने पहले से ही वोट असेंबल कर ली है. साथ ही मेडिकल किट भी उनके पास में मौजूद है. जिससे घायलों को तुरंत उपचार मिल सके.