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एसडीआरएफ ने मानसून सीजन की तैयारी की शुरू, बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए चंबल नदी में कर रहे अभ्यास - State Disaster Response Force

कोटा के चंबल नदी (Chambal River) में इन-दिनों एसडीआरएफ (SDRF) आने वाले मानसून सीजन (monsoon season) की तैयारी के लिए अभ्यास कर रहे है. बारिश के दौरान होने वाले हादसों और बाढ़ (Flooding) के दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए कैसे लोगों को रेस्क्यू (rescue) कर बचाया जा सके, इसका अभ्यास जोरो से चल रहा है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी
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Published : Jun 16, 2021, 12:43 PM IST

कोटा. स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (State Disaster Response Force) इन दिनों चंबल नदी (Chambal River) में अभ्यास कर रही है. यह फोर्स आने वाले मानसून सीजन में होने वाले दुर्घटनाओं के दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगों का रेस्क्यू करने के लिए अभ्यास कर रही है. ऐसे करीब 97 जवान है, जो कि बारी-बारी से रोजज एसडीआरएफ (SDRF) के अधिकारियों के साथ चंबल नदी पर पहुंचते हैं. उन्हें बोट से किस तरह से रेस्क्यू किया जाना है, यह भी सिखाया जाता है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
लोगों को रेस्क्यू करने के लिए चल रहा अभ्यास

महिला जवान भी हैं शामिल

इसके अलावा तैरकर लाइफ जैकेट के जरिए लोगों को निकालकर कैसे पानी से बाहर लाना है, इसके बारे में भी ट्रेनिंग दी जा रही है. इनमें 7 महिला जवान भी शामिल है. एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि 1 जून से उन्होंने यह अभ्यास शुरू किया था, जो कि 24 जून तक चलेगा. इसमें अलग-अलग तरीके से लोगों को पानी में डूबने से बचाने का अभ्यास कराया जा रहा है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी

दूसरे जिलों से आए जवानों को कर रहे पारंगत

एसडीआरएफ डी कंपनी कोटा (SDRF D Company Kota) के इंचार्ज पीसी रामदयाल का कहना है कि दूसरे जिलों से ट्रांसफर लेकर कोटा आने वाले कुछ जवान तैरने में कम प्रशिक्षित हैं. इनको तैरने का पूरा अभ्यास नहीं है, क्योंकि वहां पर इस तरह की घटनाएं कम होती है. ऐसे में उन्हें भी हाड़ौती जिलों में उपस्थिति नदियों से होने वाले हादसों और अलग-अलग जगह बाढ़ के चलते होने वाली जनहानि को रोकने के लिए पारंगत किया जा रहा है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
मानसून की चल रही तैयारी

स्कूबा डाइविंग भी सिखा रहे

पानी में स्थिर और 500 मीटर की दूरी तय करना सीखा रहे एससीआरएफ के मेजर हवलदार करण सिंह का कहना है कि लंबी दूरी की तैराकी इन्हें सिखाई जा रही है. इसके साथ ही डूबने से बचाने का अभ्यास भी कराया जा रहा है. टापू पर फंसे हुए लोगों को किस तरह से निकालकर लेकर आना है, जिसमें बोट और बिना नाव के लाइफ सपोर्ट जैकेट के जरिए लोगों को सुरक्षित बचाएं. स्कूबा डाइविंग (scuba diving) भी इन्हे सिखाई जा रही है, जिससे काफी गहरे पानी में डूबने वाले को बचाया जा सके.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स कर रही प्रयास

बोट का ऑपरेशन और मेंटेनेंस भी सीख रहे

अधिकारियों की निगरानी में बोट का ऑपरेशन भी इनसे करवाया जा रहा है, ताकि उन्हें आपात स्थिति में यह बोट को चला सके और लोगों को निकाला जा सके. एसडीआरएफ अपनी जो रेस्क्यू वाहन बोट है, उन्हें भी लेकर चंबल नदी में आते हैं और उनको पूरी तरह से चेक कर रहे हैं कि वह काम कर रही है या नहीं. सभी उपकरणों की टेस्टिंग भी इस दौरान ली जा रही है, ताकि आने वाले सीजन में रेस्क्यू के दौरान अचानक उपयोग में आने पर वह काम कर सके. उन सभी उपकरणों की चेकिंग के अलावा उन्हें पूरी तरह से ट्रायल भी लिया जा रहा है, क्योंकि रेस्क्यू के दौरान कोई कमी उनमें नहीं रहे.

कोटा. स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (State Disaster Response Force) इन दिनों चंबल नदी (Chambal River) में अभ्यास कर रही है. यह फोर्स आने वाले मानसून सीजन में होने वाले दुर्घटनाओं के दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगों का रेस्क्यू करने के लिए अभ्यास कर रही है. ऐसे करीब 97 जवान है, जो कि बारी-बारी से रोजज एसडीआरएफ (SDRF) के अधिकारियों के साथ चंबल नदी पर पहुंचते हैं. उन्हें बोट से किस तरह से रेस्क्यू किया जाना है, यह भी सिखाया जाता है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
लोगों को रेस्क्यू करने के लिए चल रहा अभ्यास

महिला जवान भी हैं शामिल

इसके अलावा तैरकर लाइफ जैकेट के जरिए लोगों को निकालकर कैसे पानी से बाहर लाना है, इसके बारे में भी ट्रेनिंग दी जा रही है. इनमें 7 महिला जवान भी शामिल है. एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि 1 जून से उन्होंने यह अभ्यास शुरू किया था, जो कि 24 जून तक चलेगा. इसमें अलग-अलग तरीके से लोगों को पानी में डूबने से बचाने का अभ्यास कराया जा रहा है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी

दूसरे जिलों से आए जवानों को कर रहे पारंगत

एसडीआरएफ डी कंपनी कोटा (SDRF D Company Kota) के इंचार्ज पीसी रामदयाल का कहना है कि दूसरे जिलों से ट्रांसफर लेकर कोटा आने वाले कुछ जवान तैरने में कम प्रशिक्षित हैं. इनको तैरने का पूरा अभ्यास नहीं है, क्योंकि वहां पर इस तरह की घटनाएं कम होती है. ऐसे में उन्हें भी हाड़ौती जिलों में उपस्थिति नदियों से होने वाले हादसों और अलग-अलग जगह बाढ़ के चलते होने वाली जनहानि को रोकने के लिए पारंगत किया जा रहा है.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
मानसून की चल रही तैयारी

स्कूबा डाइविंग भी सिखा रहे

पानी में स्थिर और 500 मीटर की दूरी तय करना सीखा रहे एससीआरएफ के मेजर हवलदार करण सिंह का कहना है कि लंबी दूरी की तैराकी इन्हें सिखाई जा रही है. इसके साथ ही डूबने से बचाने का अभ्यास भी कराया जा रहा है. टापू पर फंसे हुए लोगों को किस तरह से निकालकर लेकर आना है, जिसमें बोट और बिना नाव के लाइफ सपोर्ट जैकेट के जरिए लोगों को सुरक्षित बचाएं. स्कूबा डाइविंग (scuba diving) भी इन्हे सिखाई जा रही है, जिससे काफी गहरे पानी में डूबने वाले को बचाया जा सके.

एसडीआरएफ कर रहे मानसून सीजन की तैयारी, SDRF is preparing for monsoon season
स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स कर रही प्रयास

बोट का ऑपरेशन और मेंटेनेंस भी सीख रहे

अधिकारियों की निगरानी में बोट का ऑपरेशन भी इनसे करवाया जा रहा है, ताकि उन्हें आपात स्थिति में यह बोट को चला सके और लोगों को निकाला जा सके. एसडीआरएफ अपनी जो रेस्क्यू वाहन बोट है, उन्हें भी लेकर चंबल नदी में आते हैं और उनको पूरी तरह से चेक कर रहे हैं कि वह काम कर रही है या नहीं. सभी उपकरणों की टेस्टिंग भी इस दौरान ली जा रही है, ताकि आने वाले सीजन में रेस्क्यू के दौरान अचानक उपयोग में आने पर वह काम कर सके. उन सभी उपकरणों की चेकिंग के अलावा उन्हें पूरी तरह से ट्रायल भी लिया जा रहा है, क्योंकि रेस्क्यू के दौरान कोई कमी उनमें नहीं रहे.

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