कोटा. मेडिकल कॉलेज में लगातार कोरोना जांच की क्षमता बढ़ती जा रही है. अभी तक जहां 1500 टेस्ट रोज होने की क्षमता है, वहीं अब यह बढ़कर 2000 से 3000 रोज हो जाएगी. इसके लिए इसी सप्ताह दो नई आरटीपीसीआर मशीन मेडिकल कॉलेज की पीसीआर लैब में लगाई जाएगी. इसके अलावा पहले ही दो आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन स्थापित हो चुकी है.
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि सरकार लगातार टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के प्रयासरत है. ऐसे में कोटा मेडिकल कॉलेज में भी कोरोनावायरस जांच की क्षमता तेजी से बढ़ रही है. सारे संसाधन सरकार उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि अभी दो आरटीपीसीआर आनी बाकी है जो इसी सप्ताह आ जाएगी. इसके लगने के बाद कैपेसिटी बढ़कर 2000 से 3000 तक होगी.
पढ़ें- Special: शिक्षा नगरी में जल्द शुरू होंगी क्लासेस, कोचिंग संस्थानों ने खुद बनाई गाइडलाइन
कोटा मेडिकल कॉलेज में दो आरएनए एक्सट्रैक्टर मशीन लगाई गई है. इन दोनों मशीनों की कीमत 23 लाख व 29 लाख रुपए है.सरदाना के अनुसार पुरानी मशीनों से 1 घंटे में 12 नमूनों का ही आरएनए निकल पा रहा था, जबकि नई मशीन 1 घंटे में 96 आरएनए निकाल सकेगी.
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर विजय सरदाना की मानें तो 1 दिन में मेडिकल कॉलेज की पीसीआर लैब में 1365 नमूनों की जांच हो चुकी है. साथ ही कोई भी पेंडेंसी मेडिकल कॉलेज केपीसीआर लैब में नहीं रहती है. कोटा के अलावा बारां और बूंदी के नमूने भी यहां पर जांच के लिए आ रहे हैं.
कोटा मेडिकल कॉलेज में मार्च महीने में कोरोना की जांच नहीं हो रही थी. यहां के नमूने पहले जयपुर भेजे जाते थे. इसके बाद जब झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में जांच शुरू हुई, तो नमूने वहां भेजे जाने लगे. इसके बाद 18 मार्च को कोटा मेडिकल कॉलेज में जांच शुरू हुई, जहां सबसे पहले 100 जांच की एक दिन की क्षमता थी. बाद में लगातार नई मशीनें आने के बाद 1 दिन में 150 सैंपल टेस्टिंग की सुविधा शुरू हुई. ये क्षमता बढ़कर 1000 हो गई. वहीं वर्तमान में कोटा मेडिकल कॉलेज की क्षमता 1500 जांच रोज की है.