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कोटा में यहां रावण कुछ अनोखे तरीके से बनाया जाता है...जानें क्यों है खास - kota dussehra mela

कोटा के आरकेपुरम में रावण कुछ अनोखे तरह से बनाया जाता है. खास बात है कि इसे बनाने कोई विशिष्ट कारीगर भी नहीं आते लेकिन फिर भी इसकी खासियतें हैरान करने वाली.

kota dussehra mela, कोटा का अनोखा रावण
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Published : Oct 4, 2019, 5:44 PM IST

कोटा. शहर में दशहरा मैदान के अलावा कई इलाकों में रावण दहन का आयोजन किया जाता रहा है. वहीं आरकेपुरम में स्थानीय निवासी करीब18 सालों से खुद रावण बनाते आ रहे हैं. इस बार रावण की लंबाई करीब 60 फीट की होगी और रावण ओर उसके परिवार की ड्रेस रंग बदलती हुई नजर आएगी.

इसके साथ ही रावण की ओर भी कई तरह की खासियतें नजर आएगी. यह रावण आंखे झपकेगा, हाथ हिलाएगा और कई तरह के करतब करता नजर आएगा. लेकिन सबसे ज्यादा इस रावण की खासियत यह है कि यह है कि इसे कोई विशिष्ट कारीगर नहीं बल्कि वहां के स्थानीय लोग ही मिलकर बनाते है.

कोटा में बनेगा अनोखा रावण

भागिरथी जन सेवा संस्थान के सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि करीब18 सालो से रावण और उनका परिवार बनाते आए है. सबसे पहले 20 फीट का रावण बनाया गया था जो कि अब 60 फीट तक पहुंच चुका है. उन्होंने बताया कि इस बार रावण की विशेषता यह है कि इसमें मल्टी लाइट के प्रयोग से इसको विभिन्न पोशाकों में देखा जा सकेगा.

पढ़ें: RSS से जुड़ाव की शिकायत पर शिक्षकों को 500 किलोमीटर दूर भेजा गया : देवनानी

उन्होंने बताया कि रावण और उसके कुनबे को बनाने के लिए जनसहयोग लिया जाता है. इसे बनाने में बच्चे और बड़े दोनों बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है. जिसके चलते ही उन्होंने भागीरथी जनसेवा संस्थान बनाई हुई है. उन्होंने बताया कि रावण ओर उसके परिवार के कुनबे बनाने में करीब दो लाख का खर्चा आता है, जो कि जनसहयोग से किया जाता है. इसमे नगर निगम का कोई सहयोग नही होता.

300 किलो अखबार की रद्दी, करीब 500 बांस, आरारोट की लेइ, सुतली, रस्सी, ओर जीआई वायर का इस्तेमाल रावण बनाने में किया जाता है. इस बार लगातार बारिश होने से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. एक बार तो पूरा रावण का कुनबा बरसात के चलते खराब हो गया. जिसे फिर से दिनरात मेहनत कर वापस बनाया जा रहा है.

कोटा. शहर में दशहरा मैदान के अलावा कई इलाकों में रावण दहन का आयोजन किया जाता रहा है. वहीं आरकेपुरम में स्थानीय निवासी करीब18 सालों से खुद रावण बनाते आ रहे हैं. इस बार रावण की लंबाई करीब 60 फीट की होगी और रावण ओर उसके परिवार की ड्रेस रंग बदलती हुई नजर आएगी.

इसके साथ ही रावण की ओर भी कई तरह की खासियतें नजर आएगी. यह रावण आंखे झपकेगा, हाथ हिलाएगा और कई तरह के करतब करता नजर आएगा. लेकिन सबसे ज्यादा इस रावण की खासियत यह है कि यह है कि इसे कोई विशिष्ट कारीगर नहीं बल्कि वहां के स्थानीय लोग ही मिलकर बनाते है.

कोटा में बनेगा अनोखा रावण

भागिरथी जन सेवा संस्थान के सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि करीब18 सालो से रावण और उनका परिवार बनाते आए है. सबसे पहले 20 फीट का रावण बनाया गया था जो कि अब 60 फीट तक पहुंच चुका है. उन्होंने बताया कि इस बार रावण की विशेषता यह है कि इसमें मल्टी लाइट के प्रयोग से इसको विभिन्न पोशाकों में देखा जा सकेगा.

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उन्होंने बताया कि रावण और उसके कुनबे को बनाने के लिए जनसहयोग लिया जाता है. इसे बनाने में बच्चे और बड़े दोनों बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है. जिसके चलते ही उन्होंने भागीरथी जनसेवा संस्थान बनाई हुई है. उन्होंने बताया कि रावण ओर उसके परिवार के कुनबे बनाने में करीब दो लाख का खर्चा आता है, जो कि जनसहयोग से किया जाता है. इसमे नगर निगम का कोई सहयोग नही होता.

300 किलो अखबार की रद्दी, करीब 500 बांस, आरारोट की लेइ, सुतली, रस्सी, ओर जीआई वायर का इस्तेमाल रावण बनाने में किया जाता है. इस बार लगातार बारिश होने से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. एक बार तो पूरा रावण का कुनबा बरसात के चलते खराब हो गया. जिसे फिर से दिनरात मेहनत कर वापस बनाया जा रहा है.

Intro:शहर भर में विजय दशमी की तैयारियां जोरों पर है।
दशहरा मैदान के अलावा शहर के कई इलाकों में होगा रावण दहन का आयोजन।
आरकेपुरम में बन रहा रावण 60 फिट का होगा, रावण का परिवार इस बार विभिन रंगों में बदलेगी ड्रेस।
स्थानीय लोग लगे रावण व परिवार के स्वरूपों को निखारने में।
कोटा शहर में दशहरा मैदान के अलावा कई इलाकों में रावण दहन का आयोजन किया जाता रहा है।वही आरकेपुरम में स्थानीय निवासी करीब18 सालो से रावण बनाते आ रहे हैं।इस बार रावण की लंबाई करीब साठ फिट की होगी।और रावण ओर उसके परिवार की ड्रेस रंग बदलती हुई नजर आएगी।इसके साथ ही रावण आंखे झपकेगा, हाथ हिलाएगा।सबसे खास बात यह है कि इस रावण व इसके परिवार को बनाने में कोई कारीगर नही बनाते बल्कि यही के स्थानीय लोग इसको बनाते आये है।
Body:भागिरथी जन सेवा संस्थान के सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि करीब18 सालो से रावण ओर उनका परिवार बनाते आये है सबसे पहले20 फिट का रावण बनाया था अब यह60 फिट का हो गया।उन्होंने बताया कि इसबार रावण की विशेषता यह है कि इस बार मल्टी लाइट का प्रयोग किया गया है जिससे यह ड्रेस बदलते नजर आएगा और इसके साथ ही आंखे झपकायेगा, हाथ हिलाएगा।उन्होंने बताया कि इन रावण के कुनबे बनाने के लिए जनसहयोग से तैयार किया जाता रहा है।इसे बनाने में बच्चे व बड़े बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है।इसके चलते हमने भागीरथी जनसेवा संस्थान बनाई हुई है।उन्होंने बताया कि रावण ओर उसके परिवार के कुनबे बनाने में करीब दो लाख का खर्चा आता है जोकि जनसहयोग से किया जाता है इसमे नगर निगम का कोई सहयोग नही होता।इसमे करीबचार सौ से पांच सौ बांस लगाए है।300 किलो अखबार की रद्दी, आरारोट की लेइ, सुतली, रस्सी, ओर जीआई वायर का स्तेमाल किया जाता है।उन्होंने बताया कि करीब80 जनो का ग्रुप बनाहुआ है जो इसको यहां से लेकर जाते है और दहन स्थल पर क्रेनों के सहारे इसको खड़ा किया जाता है।
Conclusion:उन्होंने बताया कि इस बार लगातार बारिश होने से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, एक बार तो पूरा रावण के कुनबे खराब हो गए।फिर से दिनरात मेहनत कर इसको तैयारियों में जुटे हुए है।

बाईट-जितेंद्र, सेन, सचिव, भागीरथी सेवा संस्थान

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